मोतिहारी में चंपारण सत्याग्रह पर आयोजित सम्मेलन में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शिरकत की। बापू सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम का विषय था ‘चंपारण सत्याग्रह, गांधी और किसान’। पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह ने राज्यपाल का स्वागत किया।
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उन्होंने राज्यपाल को बापू की प्रतिमा और अंग वस्त्र भेंट किए। कार्यक्रम से पहले राज्यपाल ने गांधी संग्रहालय और चरखा पार्क का दौरा किया। वहां उन्होंने चंपारण सत्याग्रह की कहानी को तस्वीरों और मूर्तियों के जरिए जाना।
राज्यपाल ने गांधी के विचारों को बताया प्रासंगिक
राज्यपाल ने कहा कि चंपारण के लोग सत्याग्रह की विरासत को प्रत्यक्ष अनुभव करते हैं। बाहर से जो भी आकर चरखा पार्क और गांधी संग्रहालय देखता है, उसे सत्याग्रह की पूरी अनुभूति हो जाती है। उन्होंने कहा कि गांधी जी के पास न तो कोई शारीरिक शक्ति थी और न ही हथियार। लेकिन उनके नैतिक बल और साहस ने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी। राज्यपाल ने गांधी जी के विचारों को आज भी प्रासंगिक बताया।
आंदोलन की स्मृतियों को संजोकर रखना है
राज्यपाल ने कहा कि हमें आलोचना नहीं करनी चाहिए। हमें उस आंदोलन की स्मृतियों को संजोकर रखना है, जिसने देश को नई दिशा दी। उन्होंने चेताया कि जो कौम अपनी ऐतिहासिक विरासत भूल जाती है, इतिहास उसका भूगोल भी मिटा देता है। सम्मेलन में बड़ी संख्या में गणमान्य लोग, बुद्धिजीवी, विद्यार्थी और स्थानीय नागरिक मौजूद थे।