बिहार कैडर के चर्चित आईपीएस रहे शिवदीप लांडे ने इस्तीफे के 24 घंटे बाद सोशल मीडिया पर दूसरी पोस्ट की है। पहली पोस्ट में इस्तीफे की जानकारी देते हुए कहा था, वे बिहार में ही रहेंगे। कयास पॉलिटिक्स में एंट्री के लगाए जाने लगे थे। एक्सपर्ट ने तो पॉलिटिकल
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अब सवाल है, बिहार पुलिस के सिंघम बिहार में रहकर क्या करेंगे। सोशल मीडिया पर सैकड़ों लोग शिवदीप से यही सवाल कर रहे हैं। शिवदीप के पोस्ट से जानिए उनकी मंशा क्या है।
सोशल मीडिया पर हर अपडेट
शिवदीप लांडे इस्तीफे से लेकर अपना हर अपडेट सोशल मीडिया पर दे रहे हैं। हम एक-एक कर उनकी दोनों पोस्ट की बात करेंगे और प्रशंसकों का जवाब भी बताएंगे।
‘सर्वप्रथम मैं पूरे दिल से सभी का आभार प्रकट करना चाहता हूं क्यूंकि कल से मुझे जो प्यार और प्रतिक्रिया मिल रही हैं वो मैंने कभी नहीं सोचा था।’
इस्तीफे की जानकारी वाला पोस्ट…
शिवदीप का क्या है फ्यूचर प्लान?
शिवदीप लांडे ने इस्तीफे की बाद की गई सोशल मीडिया पोस्ट पर जो बातें लिखी हैं। उससे साफ जाहिर है कि वह बिहार में कुछ बड़ा प्लान कर रहे हैं। इस पोस्ट से साफ जाहिर हो रहा था कि वह बिहार पॉलिटिक्स के लिए जमीन तलाश चुके हैंl क्योंकि शिवदीप के इन शब्दों में ‘18 वर्षों में मैंने बिहार को खुद से और अपने परिवार से भी ऊपर माना है। भारतीय पुलिस सर्विस (IPS) से त्यागपत्र दिया है, परंतु मैं बिहार में ही रहूंगा और आगे भी बिहार मेरी कर्मभूमि रहेगी।”
उद्देश्य बस एक ही नजर आ रहा था, लेकिन दूसरी पोस्ट में वह ऐसी अटकलों पर विराम लगा दिया। अब हर कोई उनके नए फ्यूचर प्लान को जानना चाहते हैं कि वह बिहार को किस रूप में अपनी कर्मस्थली बनाना चाहते हैं।
सोशल मीडिया पर फ्रेंड्स ने लिए मजे
इस्तीफा की जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर कर चर्चा में आने वाले शिवदीप लांडे भले ही अपने फ्यूचर के प्लान का पत्ता नहीं खोल रहे हैं, लेकिन उनके फ्रेंड्स सोशल मीडिया पर खरी-खरी बोल रहे हैं।
शिवदीप के पोस्ट पर उनके फेसबुक फ्रेंड सौरभ कुमार ने लिखा, ‘हवाबाजी बंद करिए ऐसे ही सभी बोलते हैं, फिर पॉलिटिक्स ज्वॉइन करते हैं। ऐसे ढेर सारे IAS और IPS किए हैं।”
सूरज राज लिखते हैं, ‘किसी के दबाव में रहने से अच्छा इस्तीफा दे देना सही है।’ चंदन कुमार मेहता लिखते हैं कि अगर आप राजनीति में कदम भी रखिएगा तो भाजपा ज्वॉइन नहीं कीजिएगा, जन सुराज बेस्ट ऑप्शन है।’ इस पर संजय कुशवाहा लिखते हैं ‘जन सुराज बीजेपी का बी टीम है।’
अभय शरण लिखते हैं, ‘बिहार की यही पटकथा है कि नेता मस्त अधिकारी व्यस्त और आम जनता’, संदीप सिंह कहते हैं कि आप जैसा अधिकारी मिलना मुश्किल है।”
बाबा वाला हालत होगा
शिवदीप लांडे के फेसबुक फ्रेंड विकास झा कहते हैं कि जनसुराज से मत जुड़िए, नहीं तो विधानसभा के बाद आपका भी हालत बाबा गुप्तेश्वर पांडे जी वाला हो जाएगा। अभिषेक झा कहा कि लगता है ‘नीतीश चा बुला लिए।’
गौरव चौधरी लिखते हैं, ‘राजनीति अच्छे लोगों के लिए नहीं है, सबसे पहले जमीर बेचना पड़ता है। बिरेंदर कुमार कहते हैं कि मुझे बुझाई नहीं पड़ता है कि आप कौन सा रास्ता चलने को तैयार है, क्योंकि आपने अच्छा खासा जब को छोड़ा है। उसमें गरीबों की भलाई दिखाई पड़ता था।’ अभिनंदन चौरसिया कहते हैं, सर बिहार में बदलाव की जरूरत है, इसलिए आपको जनसुराज में आना चाहिए।’