हिलसा में बना कचरा प्रसंस्करण केंद्र
कचरा प्रबंधन की समस्या से जूझ रहे बिहार शरीफ नगर निगम को राहत मिली है। शहर के बढ़ते कचरे की समस्या के निराकरण के लिए मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर लगाया जाएगा। इसके लिए 12 एकड़ भूमि कोसुक मौजा में रेल पुल के पास उपलब्ध हो गई है।
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नगर आयुक्त दीपक मिश्रा ने बताया, ‘एमआरएफ केंद्र के लिए कई स्थलों का बारीकी से निरीक्षण किया गया था। भूमि अधिग्रहण संबंधी विभिन्न शर्तों के कारण पूर्व में सफलता नहीं मिल पा रही थी। लेकिन अब उपयुक्त भूमि उपलब्ध हो गई है।
स्थानीय लोगों ने किया था विरोध
बता दें, 2007 में नगर निगम का दर्जा प्राप्त करने के बाद से बिहार शरीफ में कचरा प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना का मुद्दा लंबित था। 18 वर्षों की इस लंबी प्रतीक्षा के दौरान शहर से प्रतिदिन निकलने वाला 200 टन कचरा प्रबंधन की गंभीर चुनौती बना रहा। इससे पूर्व नगर निगम को महानंदपुर के निकट तीन एकड़ भूमि उपलब्ध कराई गई थी। हालांकि, स्थानीय निवासियों के व्यापक विरोध के कारण उस स्थल को छोड़कर नए विकल्प की तलाश करनी पड़ी।
कोसुक में बनेगा एमआरएफ सेंटर
आधुनिक तकनीक से लैस होगा केंद्र
मिश्रित कचरे को वैज्ञानिक पद्धति से अलग करने की व्यवस्था होगी।
उन्नत कचरा पुनर्चक्रण मशीनें स्थापित की जाएंगी।
कचरा संग्रहण और प्रसंस्करण की समेकित सुविधा उपलब्ध होगी।
पर्यावरण-अनुकूल प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
अनुमति प्रक्रिया का चरण
नगर आयुक्त के अनुसार भूमि उपलब्धता के बाद अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से आवश्यक अनुमति प्राप्त की जाएगी। पर्यावरणीय मंजूरी मिलने के उपरांत ही कचरा प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना का कार्य प्रारंभ हो सकेगा।
एमआरएफ की तकनीकी विशेषताएं
मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी एक अत्याधुनिक संयंत्र है। जो सिंगल-स्ट्रीम पुनर्चक्रण सामग्री को अलग करके अंतिम खरीददारों के लिए तैयार करता है। यह शहरी कचरा प्रबंधन का एक अनिवार्य घटक है। 2016 के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 86 प्रतिशत कर्बसाइड रीसाइक्लिंग कार्यक्रम सिंगल-स्ट्रीम पद्धति अपनाते हैं।
इस संयंत्र का मुख्य उद्देश्य शहरी कचरे को वैज्ञानिक तरीके से पृथक करके पुनरुपयोग योग्य बनाना है। जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ अर्थव्यवस्था में भी योगदान होगा।