बात 5 दिन पहले की है, एक नाबालिग लड़की अपने घर से भागकर 1200 दूर अपने ब्वॉयफ्रेंड से शादी करने के लिए निकल जाती है। बिहार ये लड़की अपने पिता की डांट की वजह से घर छोड़कर आती है। दरअसल रिजल्ट खराब आने पर पिता उसे डांट देते हैं और इस बात से नाराज लड़की अपने
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हालांकि आज लड़की को उसके परिवार के सुपुर्द कर दिया गया है ताकि वो फिर से बिहार जा सके। लेकिन इस बीच क्या हुआ और लड़की वापस जाने के लिए कैसे राजी हुई ये पूरा कहानी समझते हैं….
पिता से नाराज, ब्वॉयफ्रेंड से शादी करने निकली
रिजल्ट खराब आया तो पिता ने बेटी को डांट दिया। इस बात से नाराज बेटी घर से निकलकर ट्रेन में बैठ गई और अपने ब्वॉयफ्रेंड से मिलने के लिए निकल पड़ी। इधर ट्रेन से ही लड़की ने अपने ब्वॉयफ्रेंड को फोन लगाया और बोली- वह उससे शादी करना चाहती है और वो इंदौर आ रही हैं। ये सुनकर घबराए ब्वॉयफ्रेंड ने उसे रोका और समझाया कि तुम अभी नाबालिग हो, वापस चले जाओ। लेकिन छात्रा नहीं मानी और इंदौर जाने के लिए खंडवा स्टेशन पर उतर गई।
इधर, खंडवा पहुंचने पर लड़की ने फिर ब्वॉयफ्रेंड को फोन किया। घबराए ब्वॉयफ्रेंड ने पूरी बात अपने भाई को बताई और उसे लेकर खंडवा आया। यहां लड़की से मुलाकात की और उसे समझाया वापस जाने को कहा। इस पर लड़की अड़ गई। कहने लगी कि मैं वापस नहीं जाऊंगी। मुझे मम्मी पापा ने बहुत डांटा हैं।
ऐसे लड़का ब्वॉयफ्रेंड और उसका भाई, लड़की को लेकर कोतवाली थाना पहुंचे। जहां पुलिस को पूरी बात बताई और लड़की को पुलिस के सुपुर्द कर इंदौर चले गए। पुलिस ने लड़की को वन स्टाप सेंटर भेज दिया। जहां से छात्रा को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। वहीं आज लड़की के परिवार को बुलाकर उसे उनसे सुपुर्द कर दिया गया है।
सोशल मीडिया से हुई थी युवक से दोस्ती
लड़की इंदौर के युवक से सोशल मीडिया पर मिली और उनकी दोस्ती हो गई, जो कुछ दिनों में प्यार में बदल गई। बाल कल्याण समिति ने छात्रा से पूछताछ की तो उसने बताया कि ‘बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली हैं। इस साल बिहार बोर्ड की कक्षा दसवीं की एग्जाम दी थी। रिजल्ट आया तो 40 फीसदी नंबर ही मिले। थर्ड डिवीजन आने से पापा ने खूब डांटा। यहां तक कह दिया कि पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है तो हम तेरी शादी करवा देते हैं। काफी डर गई थी, 4 अप्रैल की सुबह घर छोड़कर आ गई। रेलवे स्टेशन से इंदौर जाने का मन बनाया, पता चला कि इंदौर जाने के लिए खंडवा जाना पड़ेगा। वहां से बस मिलेगी। मेरे पास पैसे भी नहीं थे, बिना टिकट के ट्रेन में महिलाओं वाली बोगी में बैठ गई। मैंने ट्रेन में बैठने के बाद रास्ते से ही इंदौर के रहने वाले दोस्त को फोन कर दिया था। खंडवा स्टेशन पर उतरी तो इंदौर से वह लड़का और उसका भाई भी आ गया था।’
लड़के के भाई ने कहा- तुम अभी नाबालिग हो
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने बताया कि, लड़की ने काउंसलिंग में बताया कि जिस लड़के से वह शादी करने के लिए बिहार से आई थी, उस लड़के के भाई ने मना कर दिया। कहने लगा कि मैं अभी नाबालिग हूं। एक साल बाद मेरे भाई से शादी कर लेना। अभी तुम्हारे गांव चली जाओ। मैं शादी की जिद करने लगी तो वह मुझे थाने ले गए और वहां छोड़कर चले गए। वहां से मुझे वन स्टाफ सेंटर भेज दिया गया।
इधर, बाल कल्याण समिति ने 6 अप्रैल को छात्रा का मेडिकल कराया और उसके बाद काउंसलिंग की। छात्रा ने पेरेंट्स के पास बिहार जाने से मना कर दिया। जिसके बाद उसकी दोबारा काउंसलिंग की गई। उसकी मां से फोन पर बात कराई। मां ने समझाया और कुछ समिति की महिला सदस्यों ने उससे बात की। कानून की दुहाई देते हुए हमने भी उससे कहा कि तुम नाबालिग हो, इसलिए तुम्हें परिवार के सुपुर्द ही किया जाएगा। इसके बाद वह घर जाने के लिए राजी हुई। बुधवार को पेरेंट्स खंडवा पहुंचे, छात्रा को उनके सुपुर्द किया गया।

छात्रा को बाल कल्याण समिति ने बुधवार को बिहार से आए परिजन के सुपुर्द किया।
प्रेमी के भाई ने घर जाने के लिए किराया दिया
वन स्टाफ सेंटर की प्रशासक शीला सांवरे ने बताया कि छात्रा अपने घर से बिना पैसे लिए आई थी। वह बिना टिकट के ही ट्रेन में बैठकर आई थी। जब वह सेंटर पर पहुंची तो उसके पास 1100 रूपए थे। हमने पूछा कि यह पैसे तुम घर से चुराकर लाई हो? छात्रा ने बताया कि यह पैसे उसे उसके प्रेमी के भाई ने घर जाने के लिए दिए हैं। छात्रा के परिवार माता-पिता और उसके बड़ा एक भाई हैं।