Wednesday, December 25, 2024
Wednesday, December 25, 2024
Homeछत्तीसगढबीजापुर में फोर्स ने ढहाया नक्सलियों का सबसे बड़ा स्मारक: साल...

बीजापुर में फोर्स ने ढहाया नक्सलियों का सबसे बड़ा स्मारक: साल 2022 में यहीं 12हजार से ज्यादा लोगों की मौजूदगी में नक्सलियों ने मनाया था शहीदी सप्ताह – Jagdalpur News


देश के सबसे बड़े नक्सली स्मारक को सलाम करता एक नक्सली लीडर यह तस्वीर 3 अगस्त 2022 की है। 

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कोमटपल्ली में नक्सलियों ने देश का सबसे बड़ा और 64 फीट ऊंचा नक्सली स्मारक बनाया था। पिछले दो सालों से यहां नक्सली शहीदी सप्ताह मनाते आ रहे थे। साल 2022 में नक्सलियों ने यहां 12 हजार लोगों की मौजूदगी में शहीदी सप्ताह मनाया था

.

नक्सल स्मारक को ध्वस्त करने से पहले जवानों और अधिकारियों ने इसके साथ सेल्फी भी ली है। इस स्मारक को ध्वस्त करना नक्सलियों के गुरूर को चोट पहुंचाने जैसा है। दरअसल, ये स्मारक नक्सलियों ने अपने टॉप लीडर में से एक 50 लाख के इनामी अक्की राजू की याद में इस स्मारक को बनाया था।

ये इलाका नक्सलियों के सबसे सुरक्षित पनाहगाह के रूप में था। इसका तबाह होना बताता है कि नक्सली अपने सबसे सेफ इलाकों में भी बैक फूट पर आ चुके हैं।

स्मारक को बम से उड़ा दिया गया।

नक्सलियों के टॉप लीडर्स जुटते थे

3 अगस्त, साल 2022। इस दिन नक्सलियों ने बस्तर के बीजापुर जिले के कोमटपल्ली में देश का सबसे बड़ा और ऊंचा नक्सली स्मारक बनाया था। इस मौके पर तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के करीब 500 से ज्यादा हथियारबंद नक्सलियों ने 10 से 12 हजार ग्रामीणों के साथ मिलकर शहीदी सप्ताह मनाया था।

इस आयोजन में तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में सक्रिय करोड़ों रुपए के इनामी सेंट्रल कमेटी मेंबर दामोदर, सुजाता, विकास जैसे बड़े नक्सली लीडर यहां पहुंचे थे। इनके अलावा पामेड़ एरिया कमेटी, जगरगुंडा एरिया कमेटी, माड़ एरिया कमेटी, इंद्रावती एरिया कमेटी, कंपनी नंबर 9 के भी टॉप लीडर्स यहां जुटे थे।

शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सलियों के टॉप लीडर्स जुटे थे।

शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सलियों के टॉप लीडर्स जुटे थे।

दरअसल, नक्सली हर साल 27 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाते हैं। इस सप्ताह में बीमारी या मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों को याद किया जाता है। इस मौके पर ग्रामीणों की मौजूदगी में सभा करते हैं और उन्हें नक्सल क्रांति के बताया जाता है।

ये शहीदी सप्ताह 2022 से पहले तेलंगाना या महाराष्ट्र बॉर्डर पर आयोजित होता था। लेकिन करीब 15 सालो में पहली बार यानी 3 अगस्त 2022 को नक्सलियों ने शहीदी सप्ताह मनाने के लिए बीजापुर जिले के कोमटपल्ली गांव को चुना था। जिसे नक्सली अपना सबसे सुरक्षित और आधार वाला इलाका मानते आ रहे थे।

तस्वीर 3 अगस्त साल 2022 की है।

तस्वीर 3 अगस्त साल 2022 की है।

28 महीनों का दबदबा सात दिन में समाप्त

करीब सप्ताह भर पहले तक ये इलाका नक्सलियों के सबसे सुरक्षित पनाहगाह के रूप में था। लेकिन कुछ दिन पहले ही इस इलाके में स्थित झिड़पल्ली और 20 दिसंबर को वाटेवागु गांव में जवानों का कैंप खुला। जिसके बाद सोमवार को बीजापुर SP जितेंद्र यादव बड़ी संख्या में जवानों को साथ लेकर नक्सल स्मारक वाली जगह पर पहुंचे। स्मारक के चारों तरफ बम बिछाया गया।

फिर SP समेत अन्य अफसरों ने स्मारक के साथ सेल्फी ली। इसके बाद इस स्मारक को चंद सेकंड में ढहा दिया गया। जवानों ने नक्सलियों के सबसे मजबूत ठिकाने में देश के इकलौते सबसे बड़े लीडर का स्मारक गिराकर उनके इलाके पर अपना कब्जा जमाया है। अब दावा है कि नक्सली इस इलाके में बैकफुट पर आ चुके हैं।

स्मारक ढहाने के बाद जश्न मनाते जवान।

स्मारक ढहाने के बाद जश्न मनाते जवान।

अब जानिए कौन था अक्की राजू, जिसकी याद में बनाया गया स्मारक

नक्सली नेता हरगोपाल उर्फ अक्की राजू (63) नक्सलियो के सेंट्रल कमेटी का सदस्य था। हरगोपाल का जन्म साल 1958 में आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के पलनाड़ क्षेत्र में हुआ था। उसके पिता स्कूल टीचर थे। हरगोपाल ने भी पोस्टग्रेजुएशन किया और फिर अपने पिता के साथ पढ़ाने लगा। इस बीच साल 1978 में 20 साल की उम्र में वह नक्सलियों के संपर्क में आया।

इसके 4 साल बाद वह पूरी तरह से नक्सली संगठन में शामिल हो गया। इसके बाद नक्सली संगठन में अलग-अलग पद पर रहते हुए कई सालों तक छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में नक्सलियों का नेतृत्व किया। अक्की राजू लंबे समय से किडनी की बीमारी से पीड़ित था और उसका उपचार चल रहा था। वहीं 3 साल पहले दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिले के सरहदी इलाके में अक्की राजू ने दम तोड़ा दिया।

हरगोपाल उर्फ अक्की राजू (63) नक्सलियो के सेंट्रल कमेटी का सदस्य था।

हरगोपाल उर्फ अक्की राजू (63) नक्सलियो के सेंट्रल कमेटी का सदस्य था।

छत्तीसगढ़ सरकार ने उसके ऊपर 50 लाख रुपए का इनाम रखा था। उसकी शादी नक्सली सिरीशा से हुई थी। दोनों का एक बेटा भी था मुन्ना उर्फ पृथ्वी, जो कि साल 2018 में रामगुड़ा मुठभेड़ में मारा गया था।

………………………………………….

यह खबर भी पढ़िए…

12 हजार ग्रामीणों के साथ नक्सलियों की रैली:64 फीट ऊंचा स्मारक बनाया,तेलंगाना से पहुंचे एक करोड़ के इनामी; IG बोले-आश्चर्य की बात नहीं

छत्तीसगढ़ और तेलंगाना सरकार व अफसरों के नक्सलियों को रोकने के तमाम दावे फेल हो गए हैं। जिन नक्सलियों को बैकफुट पर बताया जा रहा था, वही तेलंगाना की सीमा पार कर छत्तीसगढ़ में घुस आए। न केवल इन नक्सलियों ने पहली बार साथियों की याद में 64 फीट ऊंचा स्मारक बना दिया, बल्कि 12 हजार ग्रामीणों को साथ लेकर विशाल रैली भी निकाल दी। खास बात यह है कि इसमें 50 लाख से एक करोड़ रुपए तक के इनामी नक्सली शामिल थे। बावजूद इसके पुलिस और इंटेलिजेंस को खबर तक नहीं लगी। यहां पढ़ें पूरी खबर



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular