बीना में एक कंप्यूटर सेंटर ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाए हैं। यह मामला तब उजागर हुआ जब सिलवानी की एक महिला ने अपने बच्चों के लिए बनवाए गए जाति प्रमाण पत्र छात्रावास में जमा कराए।
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सिलवानी निवासी गीता खंगार को अपने बच्चों शुभम और सौम्या का शासकीय छात्रावास में दाखिला कराने के लिए जाति प्रमाण पत्र की जरूरत थी। वह एक परिचित के साथ बीना में प्रमाण पत्र बनवाने पहुंची।
2 जाति प्रमाण पत्र बनाने के 600 रुपए लिए
कंप्यूटर सेंटर संचालक ने उन्हें बताया कि सामान्य प्रक्रिया से प्रमाण पत्र बनने में 40 दिन लगेंगे। संचालक ने महिला से 600 रुपए में तत्काल प्रमाण पत्र बनाने का प्रस्ताव रखा।
उसने स्कैन और एडिटिंग के जरिए दोनों बच्चों के जाति प्रमाण पत्र तैयार कर दिए। इन पर बीना तहसीलदार का नाम भी प्रिंट कर दिया गया।
जब महिला ने छात्रावास में प्रमाण पत्र जमा किए तो अधिकारियों को संदेह हुआ। जांच में पता चला कि ये प्रमाण पत्र फर्जी हैं।
बीना के तहसीलदार अंबर पंथी ने इसे गंभीर अपराध बताया है। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर सेंटर संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
सौम्या नामक छात्रा का फर्जी जाति प्रमाण पत्र।

शुभम नामक छात्र का फर्जा जाति प्रमाण पत्र।