बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर बुंदेलखंड संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में “गांव-गांव, पांव-पांव यात्रा” का दूसरा चरण 26 दिसंबर से शुरू होगा। यह यात्रा जालौन के सैदनगर स्थित रक्त दंतिका देवी मंदिर से शुरू होकर 10 जनवरी को उरई में समाप्त हो
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यात्रा में दिया गया उद्देश्य
बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला ने बताया कि इस यात्रा का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को बुंदेलखंड राज्य की आवश्यकता और महत्व के बारे में जागरुक करना है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सात नदियां होने के बावजूद पानी की समस्या है। स्वास्थ्य सेवाएं बेहद खराब हैं। पलायन के कारण 68% लोग क्षेत्र छोड़ चुके हैं। खनिज संपदा बाहरी लोग ले जा रहे हैं। जिससे यहां का विकास रुक गया है।
26 दिसंबर को शुरू होने वाली यात्रा जालौन के सैदनगर से शुरू होकर कोटरा, एट, कोंच, माधौगढ़, रामपुरा, जालौन, कालपी और कदौरा सहित कई गांवों और शहरों से गुजरते हुए 10 जनवरी को उरई में समाप्त होगी।
राजा बुंदेला ने कहा कि जब तक बुंदेलखंड राज्य नहीं बनेगा, तब तक यहां के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी सुविधाएं नहीं मिलेंगी। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर-अलग राज्य नहीं बनाया जा सकता तो इसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया जाए।
सरकार से किया सवाल
राजा बुंदेला ने कहा कि भाजपा छोटे राज्यों का समर्थन करती है, लेकिन राज्यसभा में बहुमत की कमी के कारण बुंदेलखंड पर कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है। उन्होंने डिफेंस कॉरिडोर और अन्य विकास योजनाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि तीन साल बाद भी यहां इन्वेस्टर नहीं आए हैं। सिर्फ दीवारें खड़ी करना विकास नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह यात्रा 2027 तक जारी रहेगी। जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बुंदेलखंड राज्य बनाने की उम्मीद पूरी नहीं होती। उन्होंने सभी बुंदेलखंड वासियों से इस अभियान को प्राथमिकता देने की अपील की।