बुरहानपुर जिले के किसान इस समय रबी की फसल की बोवनी के कार्य में जुटे हुए हैं। जिन किसानों ने सोयाबीन सहित अन्य फसल बोई थीं उन किसानों ने अपने खेतों में रबी की फसल के लिए बोवनी करना शुरू कर दी है। कुछ किसान अपने-अपने खेतों में पलेवा करने में जुटे हुए
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कृषि विभाग के अनुसार रबी फसलों की बोवनी लगभग 50 प्रतिशत हो चुकी है। हालांकि, अभी तक बोवनी कार्य पूरा किया जाना था। तापमान में लगातार बढ़ोतरी के चलते किसान बोवनी नहीं कर रहे थे, लेकिन अब तापमान में कमी आने के बाद बोवनी कार्य में तेजी आ गई है।
न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा तापमान में गिरावट के साथ ही सुबह व शाम को ठंड का एहसास बढ़ने लगा है। दो दिनों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कमी दर्ज की जा रही है। मंगलवार को न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। किसान भी गेहूं और चने की फसल की बोवनी में लग गए हैं।
किसानों को बोवनी कर देनी चाहिए कृषि वैज्ञानिक डॉ. कार्तिकेय सिंह ने बताया कि अभी तक तापमान अधिक बना हुआ था, लेकिन अब गिरावट दर्ज हुई है। ऐसे में किसानों को बोवनी कर देनी चाहिए। अगर आज की स्थिति देखें तो गेहूं 40 प्रतिशत, मक्का 80 व चना की 75 प्रतिशत बोवनी हो चुकी है।
खेतों में नमी नहीं होने से देरी से की बोवनी नेपानगर क्षेत्र के किसान सुरेश महाजन, दिनेश महाजन, जगदीश पाटील, अजय पवार ने बताया- नवंबर के पहले सप्ताह में रबी फसल की बोवनी हो जाती है, लेकिन कहीं खेतों में नमी नहीं थी वहीं तापमान भी बढ़ा हुआ था इसलिए बोवनी देरी से हुई।
उन्होंने बताया कि इस बार क्षेत्र के किसान गेहूं, चना के अलावा मक्का, लहसुन, प्याज भी लगा रहे हैं, ताकि सोयाबीन में हुए घाटे को पूरा किया जा सके। गेहूं का 23 हजार हेक्टेयर में बोवनी का लक्ष्य है। कृषि विभाग के अनुसार इस साल गेहूं का रकबा करीब 23 हजार हेक्टेयर है। मक्का, जौ और अन्य अनाज वाली फसलों का रकबा 15 हजार हेक्टेयर है जबकि दहलनी फसलों का रकबा 21 हजार हेक्टेयर है।