रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने चौथे चरण की बिहार यात्रा का शुभारंभ आज बेगूसराय से किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर बिहार में NDA की सरकार बनाने के लिए वे पूरे बिहार की यात्रा कर रहे हैं। आम लोगों और कार्यकर्ता
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उसी आधार पर रणनीति बनाकर बिहार में NDA की सरकार फिर से बनानी है। बिहार में NDA की सरकार बनाना बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री का संकल्प है विकसित राष्ट्र बनाना और भारत विकसित राष्ट्र तभी बनेगा जब सभी राज्य विकसित होंगे। लोग विपक्ष के साजिश में नहीं फंसे, नहीं तो बिहार की स्थिति 2005 से पहले वाली हो जाएगी।
सम्मानित करते कार्यकर्ता।
जहरीली शराब से मौत को शराबबंदी से न जोड़ें
बिहार का पूरी तरह से विकास हो रहा है। एक बार फिर लोगों का रुझान यहां NDA की सरकार बनाने की ओर है। जहरीली शराब से सिर्फ बिहार में ही लोग नहीं मर रहे हैं। सिर्फ जहां शराबबंदी है, वहीं लोग नहीं मर रहे हैं, जहां शराब चालू है वहां भी लोग मर रहे हैं। जहरीली शराब से मौत को शराबबंदी से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है। शराब नहीं पीनी चाहिए, इसके लिए लोगों को खुद सतर्क होना चाहिए।
बिहार में किसी भी धर्म को कोई खतरा नहीं
गिरिराज सिंह के हिंदू स्वाभिमान यात्रा पर उन्होंने कहा कि गिरिराज सिंह कहते हैं कि हिंदू धर्म को खतरा है, इसलिए अभियान जरूरी है। लेकिन बिहार में हिंदू या किसी भी धर्म को कोई खतरा नहीं है। बिहार में जब तक नीतीश कुमार के नेतृत्व की सरकार है, किसी को कोई खतरा नहीं है। 20 साल पहले क्या था, कुछ न कुछ जरूर होता था।
दंगा होता था, लोग परेशान रहते थे। लेकिन जब से नीतीश कुमार की सरकार बनी है, छिटपुट घटना को छोड़कर सांप्रदायिक सद्भाव का वातावरण लगातार कायम है और आगे भी रहेगा। इस परिस्थिति में बिहार में हिंदू या इस्लाम धर्म किसी भी धर्म के लोग को कोई खतरा नहीं है।

सम्मानित करती मंजू वर्मा।
जाति गणना हो
बिहार में सभी पार्टी चाहती है कि जाति गणना हो। सभी पार्टी के लोगों ने इसके लिए प्रधानमंत्री से मिलकर आग्रह किया है। NDA गठबंधन के भी सभी दल की राय है कि यहां जाति गणना होनी चाहिए। केंद्र सरकार की भी कुछ अपनी स्थिति रहती है वह निर्णय लेगी।
तेजस्वी यादव द्वारा एक बार फिर विशेष राज्य का दर्जा की मांग किए जाने पर उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव विपक्ष के लोग हैं, वह तो कुछ बोलेंगे ही। लालू यादव केंद्र में ताकतवर लोग थे, वह जो चाहते हो जाता, उस वक्त उन्हें न तो जाति गणना करने की बात सूझी और न ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की बात सूझी। आज केंद्र की सरकार बिहार को हर तरीके से सहयोग कर रही है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की डिमांड है, केंद्र सरकार तो अलग से सहयोग कर ही रही है।

पत्रकारों से बात करते उपेन्द्र कुशवाहा।
बिहार से मजदूर पलायन नहीं करें, इसके लिए लगातार कोशिश हो रही है। इन्वेस्टर इन्वेस्ट करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें जितनी जमीन चाहिए उतनी जमीन नहीं मिल रही है। यह बिहार की समस्या है। बिहार में बहुत बड़ा उद्योग लगे उसके लिए किसानों की जमीन लेगी तभी ऐसा संभव है। जमीन की महंगाई को लेकर कठिनाई है फिर भी हाल के दिनों में बहुत कुछ हुआ है। बिहार में ही लोगों को रोजगार मिल जाए इसके लिए काफी प्रयास हो रहा है। बिहार सहित दूसरे राज्य के लिए भी केंद्र सरकार ने शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार करने के लिए 10 लाख पहले दिया था।
इस बार लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री ने घोषणा के अनुरूप 10 लाख को 20 लाख कर दिया है और 20 लाख दे भी रही है। रोजगार यहीं पर मिल जाए इसके लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है। इसमें बहुत कुछ सफलता भी मिली है। सरकारी नौकरी में भी लाखों लाख लोगों की भर्ती हो रही है। आगामी विधानसभा चुनाव तक रोज वैकेंसी निकल रही है, रोज भर्ती हो रही है। आसा और जन सुराज तो कहीं दिख नहीं रही है, झारखंड में एक बार फिर मजबूती से एनडीए की सरकार बनेगी।