पश्चिम चंपारण के मझौलिया प्रखंड अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालय कसेरा टोला की खस्ताहाल व्यवस्था को लेकर आखिरकार शिक्षा विभाग को हस्तक्षेप करना पड़ा। लगातार मिल रही शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी हफीजुर्रहमान ने शुक्रवार को विद
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भवन की छत से टपकता है पानी, चारों ओर गंदगी
अभिभावकों ने बताया कि विद्यालय के भवन की छत से पानी टपकता है, जिससे बच्चों की कॉपियां और किताबें भीग जाती हैं और सड़ने लगती हैं। चारों ओर मकड़ी के जाले और गंदगी का आलम है, जिससे साफ-सफाई नाम की कोई व्यवस्था नहीं है। छात्रों के साथ अभिभावक भी भयभीत हैं कि कहीं छत गिरने से कोई बड़ा हादसा न हो जाए। विद्यालय की सचिव प्रीति देवी के पति राजन कुमार ने बताया कि विद्यालय में मरम्मत या रख-रखाव के नाम पर कोई कार्य नहीं किया जाता। ऊपर से विकास कार्यों में पारदर्शिता भी नहीं है। उनसे महज दस्तखत करवाए जाते हैं लेकिन पैसे का कोई अता-पता नहीं होता।
विद्यालय का जर्जर भवन
सिर्फ समय काटने के लिए बुलाया जाता है स्कूल
अभिभावकों में राजू साह, विश्वनाथ साह, रमेश साह, प्रभु साह, विक्रम साह, मंजू देवी, रंजू देवी और उपमुखिया सह विद्यालय अध्यक्ष राजकुमारी देवी ने बताया कि शिक्षकों की लापरवाही भी स्थिति को और बदतर बना रही है। पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा और बच्चों को सिर्फ समय काटने के लिए स्कूल बुलाया जा रहा है। मामले की जानकारी मिलने पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी हफीजुर्रहमान विद्यालय पहुंचे और स्थिति की जांच की। उन्होंने मौके पर अभिभावकों की शिकायतों को सही पाया और कई शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दी। साथ ही विभाग को पूरी जानकारी लिखित में भेजने की बात कही। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि दोषियों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।विद्यालय की यह स्थिति शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती है और तत्काल कार्रवाई की मांग करती है।