मोतिहारी में चंपारण किसान मजदूर संघर्ष समिति ने बेतिया राज की जमीन को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है। अपनी मांगों के समर्थन में समिति ने 10 मार्च को मोतिहारी के गांधी मैदान में विशाल किसान रैली आयोजित करने की घोषणा की है। इसको लेकर समिति के अध्यक्ष सुभाष
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ब्रिटिश शासन के दौरान किसानों को गिफ्ट में मिला था जमीन
इस दौरान अध्यक्ष सुभाष सिंह कुशवाहा ने बताया कि बेतिया राज की लगभग 15 हजार एकड़ जमीन को बिहार सरकार ने अधिग्रहित कर लिया है और 1 लाख एकड़ जमीन पर रोक लगा दी है। 1956 से पहले ब्रिटिश शासन के दौरान किसानों को यह जीन गिफ्ट के रूप में दिया गया था। जिसका जमाबंदी भी कायम किया गया था, जो बिहार सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस जमाबंदी को रद्द कर दिया है, जो पूरी तरह गलत और किसानों के अधिकारों के खिलाफ है। अध्यक्ष ने आगे कहा कि समिति ने चंपारण क्षेत्र के गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई है। पूर्वी चंपारण के 27 प्रखंड और पश्चिमी चंपारण के 19 प्रखंडों में किसानों से संपर्क कर उन्हें इस आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
10 मार्च को गांधी मैदान में जुटेंगे किसान
समिति ने घोषणा की है कि 10 मार्च को गांधी मैदान में हजारों किसान जुटेंगे और अपने अधिकारों की मांग करेंगे। कुशवाहा ने कहा, यह केवल जमीन का मामला नहीं है, बल्कि किसानों के हक और सम्मान का सवाल है। हम शांतिपूर्ण आंदोलन करेंगे, लेकिन जब तक सरकार हमारी मांगों को स्वीकार नहीं करती, हम पीछे नहीं हटेंगे।
किसानों की मांगें
1.बेतिया राज की अधिग्रहित जमीन को किसानों को वापस दिया जाए।
2.ब्रिटिश शासन के दौरान गिफ्ट की गई जमीन की जमाबंदी को बरकरार रखा जाए।
3.सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को तुरंत हटाया जाए।
किसानों में आक्रोश
किसानों में इस मुद्दे को लेकर भारी आक्रोश है। समिति का कहना है कि यह आंदोलन चंपारण के किसानों की आवाज को बुलंद करने का प्रयास है और इसे किसी भी स्थिति में दबने नहीं दिया जाएगा।