बिना किसी उचित कारण पति से अलग रह रही पत्नी को भरण पोषण पाने का अधिकार नहीं है। यह टिप्पणी कर जुन्नारदेव कोर्ट ने आज (मंगलवार) भरण पोषण पाने के लिए लगाई महिला की याचिका को निरस्त कर दिया। इस मामले में दूसरे पक्ष की ओर से अधिवक्ता कपिल ठाकर ने पैरवी
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जानकारी के अनुसार, प्रकरण में महिला ने पति विनोद के विरुद्ध पत्नी होने के नाते 20 हजार रुपए प्रति माह भरण पोषण के लिए राशि दिलाए जाने के लिए कोर्ट में परिवाद पत्र प्रस्तुत किया था। प्रकरण में पति की ओर से पैरवी कर रहे अधिवकता कपिल ठाकर ने कोर्ट को बताया कि महिला स्वयं का भरण-पोषण करने में सक्षम है। वह बिना कारण के अपने पति से अलग रह रही है।
इसके बाद कोर्ट ने महिला की याचिका निरस्त कर दी।