आश्रम- छात्रावासों में लापरवाही पर होगी कार्रवाई, रियल टाइम मॉनिटरिंग के निर्देश
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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रदेश के आश्रम-छात्रावासों में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इसकी निगरानी के लिए रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करने के निर्देश दिए हैं। साय ने मंगलवार को मंत्रालय में आदिम जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक में यह बातें कहीं।
इस अवसर पर उन्होंने छात्रावास-आश्रम प्रबंधन के लिए नवीन पोर्टल का शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम ने आगामी शिक्षण सत्र 2025-26 में आश्रम छात्रावासों के संचालन हेतु नई व्यवस्था के अंतर्गत शिष्यवृत्ति एवं भोजन सहायता की पहली किश्त के रूप में 85 करोड़ रुपए का ऑनलाइन अंतरण भी किया।
साय ने कहा कि राज्य सरकार विशेष पिछड़ी जनजातियों और आदिवासी समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए संकल्पित है। इन वर्गों का जीवन स्तर बेहतर हो, वे आत्मनिर्भर बनें और विकास की मुख्यधारा में सम्मिलित हों।
साय ने पीएम जनमन एवं धरती आबा जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। सीएम ने इस दौरान खेल परिसरों की भी जानकारी ली और बच्चों द्वारा विभिन्न खेलों में अर्जित सफलताओं पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 20 खेल परिसरों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
बैठक की खास बातें
- अखरा विकास के तहत आस्था स्थलों पर उपयुक्त प्रकाश, बैठक व्यवस्था, शेड और पेयजल उपलब्ध कराएं। {नई दिल्ली में ट्राइबल यूथ हॉस्टल में रहकर सिविल सेवाओं की तैयारी कर रहे बच्चों के मार्गदर्शन के लिए हाल ही में चयनित अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों से चर्चा कर सुझाव लिए जाएं
- एकलव्य आवासीय विद्यालय, मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना, जनजातीय बहुउद्देश्यीय विपणन केंद्र, वन अधिकार पत्र सहित अन्य योजनाओं की समीक्षा की। नवा रायपुर में निर्माणाधीन शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय छत्तीसगढ़ के वीर सपूतों की अमर गाथा को समर्पित होगा।
आश्रम-छात्रावास के अधीक्षकों की काउंसिलिंग से करें नियुक्ति: नेताम आदिम जाति मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि नया शिक्षण सत्र प्रारंभ होने से पहले राज्य के सभी आश्रम-छात्रावासों की मरम्मत, साफ-सफाई, पेयजल, रंग-रोगन आदि की व्यवस्था कर ली जाए। नेताम ने कहा है कि आश्रम-छात्रावासों के अधीक्षक के पद पर पदोन्नत होने वाले अधीक्षकों की पदस्थापना के लिए काउंसिलिंग की प्रक्रिया अपनाई जाए।
यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से एक दिन आश्रम-छात्रावास में समय बिताने और विद्यार्थियों के साथ भोजन करने को भी कहा। नेताम ने भवनविहिन आश्रम-छात्रावासों का चिन्हांकन कर लिया जाए ताकि दो साल के भीतर उनका निर्माण किया जाए।