Monday, June 9, 2025
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‘ब्लैक फॉरेस्ट’ में LIVE एनकाउंटर के बीच पहुंचा दैनिक भास्कर: आधे घंटे तक फायरिंग हुई, गांव वाले बोले- 20 मिनट में 50 IED ब्लास्ट हुए – Chhattisgarh News


करीब 10 हजार जवान छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर फतेह करने की तैयारी कर रहे हैं।

नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़े ऑपरेशन का आज पांचवां दिन है। चौथे दिन दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची। ये इलाका छत्तीसगढ़ और तेलंगाना इन 2 राज्यों का एक तरह से सेंटर पॉइंट हैं।

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चारों तरफ घना जंगल, बीच में कस्तूरीपाड़ गांव, एक किनारे कर्रेगुट्टा की पहाड़ी और इसी पहाड़ी पर चल रही है नक्सलियों के खिलाफ फाइनल फाइट, या यूं कहें कि 10 हजार जवान पहाड़ी पर फतेह करने की तैयारी कर रहे हैं।

इन हालातों के बीच दैनिक भास्कर की टीम जब ग्राउंड जीरो पर पहुंची, इसी बीच फोर्स और नक्सलियों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई। आधे घंटे तक फायरिंग और रॉकेट लॉन्चर के फटने की आवाज आती रही।

पहाड़ के ऊपर M-17 हेलीकॉप्टर मंडरा रहे थे। दूसरे तरफ जवान चढ़ाई करते हुए पहाड़ में आगे बढ़ रहे थे। स्थानीय लोगों ने तो यह भी कहा कि, 20 मिनट में करीब 50 IED फटने की आवाज आ चुकी है। पूरी ग्राउंड रिपोर्ट पढ़ने से पहले जानिए कैसा है ये इलाका-

इस पहाड़ी को घेरने की तैयारी में हैं 10 हजार से ज्यादा जवान।

इस पहाड़ी को घेरने की तैयारी में हैं 10 हजार से ज्यादा जवान।

भास्कर की टीम इस इलाके तक पहुंचने के लिए बीजापुर से भोपालपट्नम, तारलागुड़ा और फिर यहां से तेलंगाना पहुंची। यहां से वेंकटपुरम और फिर चेरला। इस इलाके से मुठभेड़ स्थल की दूरी कम है। चेरला से बाइक के जारिए से पुशुगुफा पहुंचे। ये तेलंगाना का अंतिम गांव है।

यहां से आगे छत्तीसगढ़ का बॉर्डर लगता है। आगे बढ़ने पर एक दुकान में मौजूद ग्रामीणों ने हमें अलर्ट भी किया कि ज्यादा आगे न जाएं। नक्सलियों ने पहाड़ के आस-पास सैकड़ों बम प्लांट कर रखे हैं। सड़क या फिर पगडंडी से नीचे न उतरें वरना जान जा सकती है।

जहां एनकाउंटर हुआ वहां हेलीकॉप्टर मंडरा रहा था।

जहां एनकाउंटर हुआ वहां हेलीकॉप्टर मंडरा रहा था।

गोलियों की आवाज सुनाई दी, हेलीकॉप्टर उड़ते दिखे

आगे बढ़ने पर रामाराम, भीमाराम गांव और CRPF के 2 से 3 कैंप मिले। जवान ने रोका, नाम-पता पूछा और जाने दिया। ज्यादा आगे न जाने की हिदायत दी। छत्तीसगढ़ की सीमा लगते ही सड़क खत्म हो गई और आगे कच्चा और पथरीला रास्ता था। जंगल में जगह-जगह जवान मुस्तैद थे।

किसी तरह हम कस्तूरीपाड़ गांव पहुंचे। लगभग पूरा गांव वीरान दिखा। एक घर के आंगन में एक महिला, 3 बच्चे और एक बुजुर्ग दिखे जो छिपने लगे। किसी तरह हमने उनसे बातचीत करने की कोशिश की। उन्हें भरोसा दिलाया कि हम पत्रकार हैं, सिर्फ बात करना चाहते हैं।

ग्रामीणों से हम बातचीत कर ही रहे थे कि पहाड़ियों की तरफ से ताबड़तोड़ गोलियों की आवाज आई। गांव के ऊपर से होते हुए 2 हेलीकॉप्टर भी पहाड़ की तरफ गए। करीब 25 से 30 मिनट तक फायरिंग हुई। जिस रास्ते से हम पहुंचे थे उस रास्ते से बैकअप के लिए फोर्स भी जाती दिखी।

जहां मुठभेड़ हो रही उससे लगे एक गांव में दहशत का माहौल है।

जहां मुठभेड़ हो रही उससे लगे एक गांव में दहशत का माहौल है।

4 दिनों से सुनाई दे रही गोलियों की तड़तड़ाहट

गांव के ग्रामीण गंगा वट्टी ने कहा कि, मेरे घर से महज 1 से 2 किमी की दूरी पर कर्रेगुट्टा का पहाड़ है। पिछले 4 दिनों से लगातार सुबह 6 से 8-9 बजे तक गोलियों की आवाज सुनाई दे रही है। दोपहर में बीच-बीच में आवाज आती रहती है। पहाड़ के नीचे बम दबा हुआ है। कुछ महीने से शिकार करने पहाड़ की तरफ नहीं गए हैं।

दूसरे ग्रामीण सुकड़ा ने कहा कि, हम डरे हुए हैं, इसलिए घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। परिवार के साथ घर के अंदर ही छिपे हुए हैं। पहाड़ में नक्सली हैं या नहीं ये हम नहीं जानते। क्या चल रहा है हमें नहीं पता।

चेरला के स्थानीय युवक विनोद ने कहा कि, मैं इस इलाके में बाइक से आया था। दोपहर में करीब 20 मिनट के अंदर ही करीब 50 से ज्यादा सीरियल IED ब्लास्ट हुए। धमाका इतना तेज था कि, इसकी आवाज अब भी मेरे कानों में गूंज रही है।

पहाड़ पर बम स्क्वॉड की टीम जगह-जगह जांच कर आगे बढ़ रही है।

पहाड़ पर बम स्क्वॉड की टीम जगह-जगह जांच कर आगे बढ़ रही है।

आगे जाने से रोका गया

हम इस पहाड़ के और नजदीक जाने पुजारी कांकेर की तरफ बढ़े। गांव से 500 मीटर आगे जाने पर हमें CRPF के जवानों ने रास्ते में ही रोक दिया। उन्होंने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इलाके और जवानों की तस्वीर लेने से भी मना किया। ​​​​​​

ब्लैक फॉरेस्ट के नाम से चर्चित है इलाका

कर्रेगुट्टा…इसे स्थानीय निवासी ब्लैक फॉरेस्ट या फिर ब्लैक हिल्स भी कहते हैं। इसके 2 कारण हैं- पहला यहां शाम 4 बजे के बाद पूरा अंधेरा छा जाता है। यानी 5 फीट की दूरी पर खड़ा व्यक्ति भी ठीक से दिखाई नहीं देता है।

दूसरा यह इलाका नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना है। इसलिए कोई भी ग्रामीण यहां तक नहीं पहुंचता है। इसलिए इसे ब्लैक हिल्स कहा जाता है।

गांव में 42 से 44 डिग्री से ज्यादा टेम्प्रेचर

कर्रेगुट्टा पहाड़ के नीचे बसे गांवों में दोपहर का तापमान करीब 42 से 44 डिग्री है। वहीं पहाड़ की ऊंचाई में, चट्टान गर्म होने के बाद वहां का तापमान और बढ़ जाता है। करीब 4 से 5 हजार फीट ऊपर चोटी में बैठे नक्सलियों तक पहुंचने के लिए फोर्स पिछले 4 दिनों से पैदल चल रही है। एक दिन पहले लू लगने से करीब 15 से ज्यादा जवानों की तबीयत भी बिगड़ने की खबर थी। जिन्हें एयरलिफ्ट कर वापस लाया गया।

3 से 5 हजार फीट ऊंची है कर्रेगुट्टा की पहाड़ी। ऊपर मौजूद हैं नक्सली।

3 से 5 हजार फीट ऊंची है कर्रेगुट्टा की पहाड़ी। ऊपर मौजूद हैं नक्सली।

पहाड़ के ऊपर 2 हजार से ज्यादा नक्सली

छ्त्तीसगढ़ और तेलंगाना में वो पूरा इलाका करीब 280KM के दायरे में फैला हुआ है। ऐसे में किस जगह नक्सली छिपे हैं, इसका पता लगाना संभव नहीं है। यहां हिड़मा, देवा, दामोदर, आजाद, पापाराव, अभय समेत नक्सलियों की बटालियन नंबर 1, 2 और कई कंपनी और प्लाटून भी सक्रिय है।

2 हजार से ज्यादा नक्सली यहां मौजूद हैं। जिन्हें घेरने के लिए DRG, CRPF, कोबरा, STF, बस्तर फाइटर्स, ग्रेहाउंड्स के लगभग 10 हजार जवान निकले हुए हैं। स्थानीय लोगों और नक्सल सूत्रों की मानें तो यहां नक्सलियों को खत्म करना आसान नहीं है। नक्सलियों से लड़ाई से पहले भौगोलिक परिस्थितियों से लड़ना भी चुनौती है। ऊपर नक्सली भी पूरी तैयारी कर बैठे हैं।

चेरला में आजाद और दामोदर का नाम प्रचलित

नक्सल एंगल के लिहाज से तेलंगाना का चेरला मंडल बेहद ही सेंसेटिव है। यहां तेलंगाना स्टेट कमेटी के सचिव दामोदर और नक्सली लीडर आजाद के नाम की दहशत है। ये वो इलाका है जहां कुछ समय पहले तक नक्सल संगठन में 26 से ज्यादा माओवादी थे। इनमें फोर्स ने 6 का एनकाउंटर कर दिया, दो अभी संगठन में हैं, और बाकी ने हिंसा का रास्ता छोड़ आत्म समर्पण कर दिया है।

और 5 नक्सलियों के ढेर होने की सूचना

जब दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड में पहुंची तो हमें पता चला कि चार दिनों से हो रही गोलीबारी में 5 और नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। सुरक्षाबलों के ड्रोन में शवों की तस्वीर भी कैद हुई है। हालांकि उनके शव पुलिस ने बरामद नहीं किए हैं। इससे एक दिन पहले 6 नक्सलियों के मारे जाने की खबर थी, जिनमें 3 के शव फोर्स ने बरामद कर लिए हैं।

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नक्सलियों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

भास्कर एक्सक्लूसिव-नक्सलियों के खिलाफ ‘फाइनल फाइट’…10 हजार जवानों ने घेरा पहाड़:44°C टेम्प्रेचर, लो-ऑक्सीजन लेवल के बावजूद 5000 फीट की चढ़ाई; 3 राज्यों का ऑपरेशन

करीब 5 हजार फीट ऊंचा पहाड़, 44 डिग्री तापमान, और लो ऑक्सीजन लेवल…ये कर्रेगट्टा के पहाड़ की स्थिति है। ये वही पहाड़ है जहां नक्सली कमांडर हिड़मा, देवा, दामोदर समेत करीब 2000 से ज्यादा नक्सलियों का डेरा है।

नक्सलियों के टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन (TCOC) के दौरान छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्य की फोर्स ने सबसे बड़ा संयुक्त ऑपरेशन लॉन्च किया है। इसमें 10 हजार सुरक्षाबल शामिल हैं। पढ़ें पूरी खबर…



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