भिंड के सिमार विरगवां गांव में जैन मंदिर में गुरुवार को भगवान चंद्र प्रभु एवं भगवान पारसनाथ का जन्म-तप कल्याणक महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मेडिटेशन गुरु उपाध्याय विहसंत सागर महाराज के सत्संग सानिध्य में भक्तों ने विविध धार्मिक अनुष्ठान कि
.
विहसन्त सागर महाराज ने कहा कि सिमार विरगमा मंदिर में मूलनायक प्रतिमा भगवान पारसनाथ की प्राचीन प्रतिमा है। आज से 20 साल पहले जब मैं क्षुल्लक अवस्था में यहां आया था, तब मंदिर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में था। लेकिन कमेटी की लगन और मेहनत से आज यह मंदिर भव्यता की मिसाल बन चुका है।
महोत्सव के दौरान निकाली गई पालकी शोभायात्रा ने श्रद्धालुओं को अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्रदान किया। भक्तजन पारंपरिक वेशभूषा में नाचते-गाते भगवान पारसनाथ और भगवान चंद्र प्रभु की पालकी को लेकर नगर भ्रमण पर निकले। इस दौरान चारों ओर भक्तिमय माहौल छाया रहा।
मंदिर समिति के सदस्य पार्षद मनोज जैन ने बताया कि इस आयोजन की तैयारी कई दिनों से चल रही थी। उन्होंने कहा, मंदिर के जीर्णोद्धार और इस महोत्सव को भव्यता प्रदान करने के लिए कमेटी ने पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ काम किया। भक्तों की श्रद्धा और समर्थन से यह आयोजन सफल हो पाया।
देखिए तस्वीरें…
जैन समाज के लोगों ने धार्मिक अनुष्ठान में लिया हिस्सा।
जैन मुनि विहसंत सागर द्वारा धार्मिक प्रवचन भी दिए गए