Friday, January 24, 2025
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भागवत बोले- 3 बच्चे पैदा करें: जनसंख्या में कमी पर चिंता जताई, कहा- वृद्धि दर 2.1 से नीचे तो समाज नष्ट हो जाएगा


नागपुर4 मिनट पहले

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RSS चीफ मोहन भागवत नागपुर में कठले कुल सम्मेलन में शामिल हुए थे।

राष्ट्रीय स्वयंस सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जनसंख्या में कमी को चिंता का विषय बताया। भागवत ने कहा कि अगर किसी समाज की जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे चली जाती है, तो वह समाज अपने आप नष्ट हो जाएगा।

भागवत रविवार को नागपुर में कठले कुल सम्मेलन में एक सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा- कुटुंब समाज का हिस्सा है और हर परिवार एक इकाई है। लोकसंख्या शास्त्र कहता है कि अगर इस आकड़े से नीचे जाते हैं, तो समाज नष्ट हो जाता है।

आरएसएस प्रमुख बोले कि देश की जनसंख्या नीति 1998-2002 में तय की गई थी। उसके मुताबिक वृद्धि दर 2.1 से नीचे नहीं होनी चाहिए। इसके लिए 2 की बजाय 3 बच्चे पैदा करें। यह संख्या इसलिए जरूरी है, ताकि समाज जिंदा रहे।

पहले भी कई बार जनसंख्या पर बयान दिए

अक्टूबर 2021 में कहा था- जनसंख्या दर में अंतर के कारण मुस्लिम आबादी बढ़ी विजयादशमी उत्सव के दौरान संघ प्रमुख ने कहा कि वर्ष 1951 से 2011 के बीच जनसंख्या वृद्धि दर में भारी अंतर के कारण देश की जनसंख्या में जहां भारत में उत्पन्न मत पंथों के अनुयायियों का अनुपात 88% से घटकर 83.8% रह गया है। वहीं मुस्लिम जनसंख्या का अनुपात 9.8% से बढ़कर 14.24% हो गया है। असंतुलन पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा था कि जनसंख्या नीति होनी चाहिए।

जुलाई 2022 में कहा था- फर्टिलिटी रेट 2.1 से नीचे आना खतरनाक हो सकता है

भागवत ने एक साल बाद फिर कहा- एक व्यापक जनसंख्या नियंत्रण नीति की जरूरत है। जो सभी पर बराबरी से लागू होती हो। जनसंख्या असंतुलन पर हमें नजर रखनी होगी। जब सभी पर बराबरी से एक नीति लागू होगी तो किसी को भी रियायतें नहीं मिलेंगी। कुछ साल पहले फर्टिलिटी रेट 2.1 था। दुनिया की आशंकाओं से उलट हमने बेहतर किया और इसे 2 तक लेकर आए। लेकिन और नीचे आना खतरनाक हो सकता है।

जुलाई 2022 में कहा था- खाने बच्चे पैदा करने का काम जानवर भी करते हैं मोहन भागवत जुलाई 2022 में कर्नाटक की श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे। इस दौरान भागवत ने कहा- जनसंख्या बढ़ाने और खाने का काम तो जानवर भी करते हैं। ये जंगल में सबसे ताकतवर रहने के लिए जरूरी है। ताकतवर ही जिंदा रहेगा, ये जंगल का कानून है। इंसानों में ऐसा नहीं है। इंसानों में जब ताकतवर दूसरे की रक्षा करता है तो ये ही इंसानियत की निशानी है।

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