भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में झारखंड की कोई भूमिका नहीं होगी। अगर वोटिंग हुई तो झारखंड की ओर से कोई वोट नहीं डाल पाएगा। दरअसल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव जनवरी के तीसरे या चौथे सप्ताह में संभावित है, जबकि झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
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केंद्रीय संगठन ने 29 राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए चुनाव अधिकारियों के नाम की घोषणा कर दी है। इसमें झारखंड के साथ-साथ महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर का नाम नहीं है। शीर्ष नेताओं ने बताया कि इन तीन राज्यों में विधानसभा का चुनाव था, ऐसे में यहां पर सदस्यता अभियान नहीं चला था। बगैर सदस्यता अभियान के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव संभव नहीं है।
20 जनवरी तक 29 राज्यों के अध्यक्षों का हो जाएगा चुनाव
राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन की तिथि की घोषणा कभी भी हो सकती है। ऐसी संभावना है कि 20 जनवरी तक 29 राज्यों के अध्यक्षों का चुनाव हो जाएगा। जिन नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय परिषद सदस्य चुनाव के लिए चुनाव अधिकारी बनाया गया है, उन्हें कहा गया है कि 20 जनवरी तक वे प्रदेश अध्यक्षों और राष्ट्रीय परिषद सदस्यों का चुनाव कर लें।
झारखंड में 14 जनवरी तक चलेगा सदस्यता अभियान, इसके बाद मंडल और जिला अध्यक्षों का होगा चुनाव
झारखंड में अभी सदस्यता अभियान चल रहा है। यह अभियान 14 जनवरी तक चलेगा। इसके बाद सक्रिय सदस्य बनाए जाएंगे। फिर मंडल और जिला अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। आधे से अधिक बूथ कमेटियां बनने पर मंडल अध्यक्षों का चुनाव होगा। इसी प्रकार आधे से अधिक मंडलों अध्यक्षों का चुनाव होने पर ही जिला अध्यक्षों का निर्वाचन होगा। जबकि आधे जिला अध्यक्षों के निर्वाचन के बाद प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव का समय तय होगा। ऐसे में स्पष्ट है कि फरवरी के दूसरे या तीसरे सप्ताह के बाद ही प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए समय तय होगा।
झारखंड में बदलेगा प्रदेश अध्यक्ष
झारखंड में प्रदेश अध्यक्ष बदलेगा। अभी बाबूलाल मरांडी प्रदेश अध्यक्ष हैं, जबकि रवींद्र कुमार राय कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका में हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद केंद्रीय नेतृत्व इस पर गंभीर रूप से मंथन कर रहा है कि प्रदेश संगठन की बागडोर किसके हाथ में सौंपी जाए।
राष्ट्रीय भाजपा अध्यक्ष का चुनाव जनवरी में संभव, जबकि झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का चुनाव फरवरी के पहले नहीं