Tuesday, June 3, 2025
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भारतमाला घोटाले का मामला: मुआवजे की मलाई; जमीन के ऐसे टुकड़े किए कि नाबालिग भी करोड़पति; एक ही खसरे नंबर पर दो बार लिया मुआवजा – Raipur News



अभनपुर का नायकबांधा गांव, जहां सबसे ज्यादा जमीनाें का फर्जी बंटाकन किया गया।

बहुचर्चित भारतमाला प्रोजेक्ट में अफसरों, जमीन मालिकों और भूमाफियाओं ने जमीनों को कई टुकड़ों में बांटकर 300 करोड़ से अधिक का घोटाला कर डाला। इसमें कई व्यापारियों ने मुआवजे के लिए गांवों में रातों रात परिवार के नाम जमीनें खरीदीं।

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दैनिक भास्कर ने सबसे अधिक मुआवजा लेने वालों को खोजा तो ऐसे परिवार सामने आए जिन्होंने जमीन के दर्जनों टुकड़े करके मोटी रकम मुआवजे में ली। चूंकि नियम है कि 5445 वर्ग फीट से छोटे जमीन का मुआवजा फीट की दर से दिया जाता है। इससे ऊपर की सभी जमीनों को हेक्टेयर के दर से मिलता है। मुआवजे की बंदरबांट करने के लिए इन परिवारों ने घर के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के नाम 25 से 65 टुकड़ों में जमीनों को बांट दिया। सबसे अधिक मुआवजे का खेल अभनपुर के नायकबांधा, सातपारा, उरला, मुड़पार, टोकरो, तर्रा, कोलर, सारखी, आदि गांव में किया गया है।

एक खसरे के अलग-अलग रकबे और दोनों पर मुआवजा

केस-1- कोलर गांव के डॉ. टीकम दास जेठानी, डॉ सुनील जेठानी और किशनदास गिदवानी को खसरा नंबर 67/6 के लिए दो बार मुआवजा मिला। जो दस्तावेज वेबसाइट में है, उससे साफ है कि एक ही खसरे नंबर की जमीन के लिए 2021 और 2024 में दो बार मुआवजा लिया गया। खसरा नंबर 67/6 के लिए 2021 में 35 लाख 8 हजार 240 रुपए मुआवजा दिया गया। इसका रकबा .0320 हेक्टेयर बताया गया है। बाद में 2024 में इसी खसरे नंबर की जमीन का रकबा .011 हेक्टेयर दिखाते हुए मुआवजे के रूप में 94597 रुपए दिए गए।

केस-2- नायकबांधा गांव में एक ही खसरे नंबर 1963/2 पर दो खातेदारों का नाम है। दोनों खातेदारों के नाम अलग- अलग हैं। साथ ही उनके नाम दर्ज जमीन का रकबा भी अलग- अलग है। दोनों खातेदारों को 18 मार्च 2021 को ही मुआवजा दिया गया है। खातेदार अशोक कुमार पिता छोटूराम के खसरे का रकबा .03 हेक्टेयर है और 71 लाख 96 हजार 640 रुपए का मुआवजा दिया गया है। जबकि दूसरे खातेदार शशिकांत अग्रवाल का रकबा .02 हेक्टेयर बताया गया है और 47 लाख 97 हजार 760 रुपए मुआवजा दिया गया है।

भारतमाला घाेटाले को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार, अब फरार

निर्भयकुमार साहू तत्कालीन एसडीएम आरोप: मुआवजे की मंजूरी इन्होंने दी।

शशिकांत कुर्रे तत्कालीन तहसीलदार आरोप: एडवांस में रकम दिलाई।

लखेश्वर प्रसाद तत्कालीन तहसीलदार आरोप: मुआवजे की ज्यादा रकम दिलाई।

जितेंद्र कुमार साहू तत्कालीन पटवारी आरोप: जमीन का सौदा दलालों से कराया।

दिनेश पटेल तत्कालीन पटवारी आरोप: जमीन की फर्जी रिपोर्ट बनाई।

लेखराम देवांगन तत्कालीन पटवारी आरोप: जमीन को कई टुकड़ों में बांटा।

रोशनलाल वर्मा तत्कालीन आरआई आरोप: जमीन का फर्जी बटांकन कराया।

पहली बार जानिए… कैसे मुआवजे की बंदरबांट के लिए परिवारों ने बांटी जमीन

अग्रवाल परिवार: 34 टुकडे़ खरीदे रकबा- 2.63 एकड़, मुआवजा- 22.81 करोड़ बनारसी अग्रवाल ने अपने 2.63 एकड़ जमीन के 34 टुकड़े किए। अलग- अलग गांवों में स्थित जमीनों के कई टुकड़े किए गए और उनको बेटे, बेटी, बहु और नाती के नाम कर दिया गया। मुआवजा ज्यादा मिले इसलिए जमीन को छोटे- छोटे टुकड़ाें में भी बांटा गया।

तुलसीराम परिवार: 24 टुकडे़ खरीदे रकबा- 2.63 एकड़, मुआवजा- 12.36 करोड़ कोलर गांव में तुलसीराम की 2.81 एकड़ जमीन के 24 टुकड़े हुए। जमीन के इन टुकड़ों को तुलसीराम ने अपने बेटे, बेटी, बहु और नाती के नाम कर दिया गया। ज्यादा राशि के लिए जमीन के छोटे टुकड़े किए गए।

गांधी परिवार: 13 टुकडे़ खरीदे रकबा- 0.99 एकड़, मुआवजा- 9.17 करोड़ सत्यनारायण गांधी परिवार ने अपने 0.99 एकड़ जमीन के 13 टुकड़े किए। जमीन के इन टुकड़ों को अपने बेटे, बेटी, बहु के नाम कर दिया गया। मुआवजा ज्यादा मिले इसलिए जमीन को 1076 वर्गफीट तक के छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटा गया।

पाण्डेय परिवार: 15 टुकडे़ खरीदे रकबा- 1.59 एकड़, मुआवजा-10.13 करोड़ अभनपुर के अलग- अलग गांवों में जेपी पाण्डेय के नाम पर 1.59 एकड़ जमीन के 15 टुकड़े किए गए। सभी टुकड़े उनके और कंपनी नेक्स्ट जेन के नाम है। जमीनों के छोटे- छोटे टुकड़े किए गए। इसमें से एक टुकड़ा तो 322 वर्ग फीट का है।

गोलछा परिवार: 65 टुकडे़ खरीदे रकबा- 2.99 एकड़, मुआवजा- 1.37 करोड़ कोलर गांव में पुखराज गोलछा की 2.99 एकड़ के जमीन के 65 टुकड़े हुए। जमीन के इन टुकड़ों को पुखराज ने परिवार और रिश्तेदारों के छोटे- बड़े सभी सदस्यों के नाम कर दिया। जमीन 538 वर्ग फीट तक के छोटे टुकड़े में विभाजित हुए।

जेठानी परिवार: 16 टुकडे़ खरीदे रकबा- 2.88 एकड़, मुआवजा- 2.25 करोड़ कोलर गांव में पवनदास जेठानी की 2.88 एकड़ जमीन के 16 टुकड़े हुए। जमीन के इन टुकड़ों को पवनदास के भाई और बेेटे के नाम कर दिया गया। मुआवजा ज्यादा मिले इसलिए जमीन को 3029 वर्ग फीट तक के छोटे- छोटे टुकड़ाें में बांटा गया।

कई नाबालिग मुआवजे के बाद करोड़पति

तुलसीराम के बच्चे: मुआ. 5.62 करोड़ कोलर गांव के तुलसीराम के परिवार के सृष्टि,तन्मय, प्रेरणा, मोहित, पूर्वा सुरेश, मोनिषा, प्रियांशु, तन्मय, प्रियांशु, पूर्वा सुरेश भी करोड़पति हैं। 1.163 एकड़ जमीन के 10 छोटे टुकड़े के मुआवजे इनको मिले हैं।

कुसुम के बच्चे: मुआवजा 3.09 करोड़

प्रदीप पालक कुसुम परिवार के नाबालिग बच्चे वेदांक और सौम्य के नाम पर भी जमीनें हैं। खसरा नंबर 1260/10,1262/10,1264/10, 1264/12, 1264/11,1264/3 के एवज में 3.09 करोड़ मुआवजा मिला।

ईओडब्ल्यू के साथ ईडी की कार्रवाई शुरू जमीन अधिग्रहण और 48 करोड़ के मुआवजा घोटाले में ईओडब्ल्यू की कार्रवाई जारी रही। अफसरों ने भू स्वामी, जमीन दलाल और फर्जी दस्तावेज बनाने वाले समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें महादेव घाट निवासी उमा तिवारी और उसके पति केदार तिवारी के साथ ही महासमुंद के ठेकेदार व प्रॉपर्टी डीलर हरमीत सिंह खनूजा और गोलबाजार के कारोबारी विजय जैन शामिल हैं।



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