पाकिस्तान ने गुरुवार को 15 भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की। भारत के रशियन मेड S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी को नाकाम कर दिया। बदले में भारत ने पाकिस्तान के लाहौर में तैनात HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया है। इसे चार साल पहले चीन से ख
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क्या है भारत का S-400 और पाकिस्तान का HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में…
सवाल-1: भारतीय सेना ने पाकिस्तानी हमलों के बारे में क्या बताया है?
जवाबः रक्षा मंत्रालय ने दोपहर 2:30 बजे इस कार्रवाई की जानकारी दी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 7 मई की रात पाकिस्तान ने उत्तरी और पश्चिमी भारत के शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की थी।
इसमें अवंतिपोरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज में ड्रोन्स और मिसाइलें दागी थीं।
भारतीय सेना ने पहले ही सीमाओं पर S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को तैनात कर रखा है, जैसे ही मिसाइलों से हमला किया गया। इस सिस्टम को एक्टिव कर दिया गया।
भारत ने बताया, ‘आज सुबह भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई इलाकों में एयर डिफेंस रडार और सिस्टम को निशाना बनाया। हमारा जवाब उसी तरह और उतनी ही ताकत के साथ दिया गया है, जैसे पाकिस्तान ने किया था। पक्की जानकारी मिली है कि लाहौर में एक एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर दिया गया है।’
सवाल-2: भारत का S-400 एयर डिफेंस क्या है और कितना ताकतवर?
जवाबः S-400 एक एयर डिफेंस सिस्टम है, यानी ये हवा के जरिए हो रहे अटैक को रोकता है। ये दुश्मन देशों के मिसाइल, ड्रोन, राकेट लॉन्चर और फाइटर जेट्स के हमले को रोकने में कारगर है। इसे रूस के एलमाज सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो ने बनाया है और दुनिया के बेहद आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम में इसकी गिनती होती है। भारत और रूस के बीच S-400 की 5 यूनिट के लिए 2018 में करीब 40 हजार करोड़ रुपए की डील हुई थी।
इस सिस्टम की खासियत क्या है?
- S-400 की सबसे बड़ी खासियत इसका मोबाइल होना है। यानी रोड के जरिए इसे कहीं भी लाया ले जाया जा सकता है।
- इसमें 92N6E इलेक्ट्रॉनिकली स्टीयर्ड फेज्ड ऐरो रडार लगा हुआ है जो करीब 600 किलोमीटर की दूरी से ही मल्टीपल टारगेट्स को डिटेक्ट कर सकता है।
- ऑर्डर मिलने के 5 से 10 मिनट में ही ये ऑपरेशन के लिए रेडी हो जाता है।
- S-400 की एक यूनिट से एक साथ 160 ऑब्जेक्ट्स को ट्रैक किया जा सकता है। एक टारगेट के लिए 2 मिसाइल लॉन्च की जा सकती हैं।
- S-400 में 400 इस सिस्टम की रेंज को दर्शाता है। भारत को जो सिस्टम मिल रहा है, उसकी रेंज 400 किलोमीटर है। यानी ये 400 किलोमीटर दूर से ही अपने टारगेट को डिटेक्ट कर काउंटर अटैक कर सकता है। साथ ही यह 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर भी अपने टारगेट पर अटैक कर सकता है।
सवाल-3: S-400 डिफेंस सिस्टम में क्या-क्या होता है और ये काम कैसे करता है?
जवाबः डिफेंस सिस्टम की हर यूनिट में एक कमांड और कंट्रोल सिस्टम, एक सर्विलांस रडार, एक गाइडेंस रडार और ट्रांसपोर्ट इरेक्टर लॉन्चर शामिल होता है।
साथ ही सिस्टम में अलग-अलग रेंज की 4 मिसाइल भी हैं – शोर्ट रेंज, मीडियम रेंज, लॉन्ग रेंज और वेरी लॉन्ग रेंज। ये 40 किलोमीटर से लेकर 400 किलोमीटर की दूरी तक काउंटर अटैक कर सकती हैं। भारत रूस से 400 किलोमीटर रेंज वाली मिसाइल खरीद रहा है, जिसे 40N6E कहा जाता है। वेरी लॉन्ग रेंज की मिसाइल 400 किलोमीटर की दूरी के साथ-साथ 180 किलोमीटर की ऊंचाई तक भी हमला कर सकती है।
ये सिस्टम काम कैसे करता है?
- डिफेंस सिस्टम में सर्विलांस रडार होता है, जो अपने ऑपरेशनल एरिया के इर्द-गिर्द एक सुरक्षा घेरा बना लेता है।
- जैसे ही इस घेरे में कोई मिसाइल या दूसरा वेपन एंटर करता है, रडार उसे डिटेक्ट कर लेता है और कमांड व्हीकल को अलर्ट भेजता है।
- अलर्ट मिलते ही गाइडेंस रडार टार्गेट की पोजिशन पता कर काउंटर अटैक के लिए मिसाइल लॉन्च करता है।

सवाल-4: पाकिस्तान का HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम क्या है, जिसकी लाहौर यूनिट को भारत ने तबाह कर दिया?
जवाबः पाकिस्तान ने 14 अक्टूबर 2021 को HQ-9 AD मिसाइल सिस्टम को सेना में शामिल किया। इसे चीन की प्रिसीजन मशीनरी इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट कॉर्पोरेशन (CPMIEC) ने बनाया। यह लंबी दूरी तक सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है। जिसे भारत के राफेल, सुखोई और ब्रह्मोस के हमलों को रोकने के लिए कराची और लाहौर जैसे शहरों में तैनात किया गया है।

सवाल-5: HQ-9 AD से कहीं एडवांस क्यों है भारत का S-400 डिफेंस सिस्टम?
जवाबः
- भारत ने S-400 डिफेंस सिस्टम को रूस से खरीदा और 2021 में सेना में शामिल किया। यह एयरक्राफ्ट्स, क्रूज मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल, ड्रोन और स्टील्थ एयरक्राफ्ट्स को रोकने में सक्षम है।
- इसकी रेंज 400 किमी. तक है, जबकि पाकिस्तान के HQ-9 AD की रेंज सिर्फ 125 किमी. है। इसमें 6 लॉन्चर हैं, जो फुली लोड होने पर 128 मिसाइलें लॉन्च कर सकते हैं।
- पाकिस्तान के HQ-9 AD को तैनात करने में 35 मिनट का समय लगता है, जबकि S-400 5 मिनट में तैनात हो जाता है।
- AESA रडार स्टील्थ विमानों और ज्यादा टारगेट्स को ट्रैक करते हैं, जबकि HQ-9 का PESA रडार कमजोर है।
- पाकिस्तान के JF-17, F-16 और बाबर क्रूज मिसाइलों को आसानी से रोक सकता है।
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