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- India Mk II (A) Laser Directed Energy Weapon System DEW Successfully Tested In Kurnool NOAR
कुरनूल4 मिनट पहले
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DRDO ने लेजर वेपन के डेमोस्ट्रेशन का वीडियो भी शेयर किया है।
भारत ने 30-किलोवॉट लेजर बेस्ड डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) Mk-II (A) सिस्टम परीक्षण किया है, जो दुश्मन के फिक्स्ड-विंग ड्रोन, स्वार्म ड्रोन, मिसाइल और जासूसी सेंसर को कुछ ही सेकंड में राख कर सकता है।
इसके साथ ही भारत भी उन देशों में शामिल हो गया है, जिसके पास यह पावरफुल लेजर वेपन सिस्टम है। अभी तक यह सिस्टम केवल अमेरिका, चीन, इजरायल और रूस जैसे देशों के पास था।
आंध्र प्रदेश के कुरनूल में बने नेशनल ओपन एयर रेंज में (NOAR) पर लेजर बेस्ड वेपन सिस्टम का यह परीक्षण किया गया।
DRDO के चेयरमैन समीर वी कामत ने कहा कि यह केवल शुरुआत है। DRDO कई तकनीकों पर काम कर रहा है, जो हमें स्टार वार्स की क्षमता प्रदान करेगी।
DEW) Mk-II(A) की टेस्टिंग से जुड़ी तस्वीरें…


DRDO की टीम ने इस लेजर वेपन सिस्टम की नेशनल ओपन एयर रेंज में टेस्टिंग की।

लेजर वेपन से नष्ट किए गए ड्रोन के जले हुए अवशेष।
लेजर सिस्टम कैसे काम करता है
DRDO के हाई-एनर्जी सिस्टम्स सेंटर CHESS ने इसे डिजाइन और डेवलप किया है। इसमें LRDE, IRDE, DLRL और देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थान और इंडस्ट्रीज भी शामिल रहीं। सिस्टम ने अपने पूरे स्पेक्ट्रम में प्रदर्शन किया। DEW ने ड्रोन को गिराया, निगरानी एंटीना को जला दिया और दुश्मन के सेंसर को ब्लाइंड कर दिया।
जब किसी लक्ष्य का पता रडार या इसकी इनबिल्ट इलेक्ट्रो ऑप्टिक (EO) सिस्टम लगाता है, तो DEW लाइट की स्पीड से उस पर हमला करता और लेजर बीम से उसे काट सकता है। जिससे ऑब्जेक्ट काम करना बंद कर सकता है। अगर लेजर बीम वारहेड को निशाना बनाती है तो असरदार नतीजे मिल सकते हैं।
यह भारतीय सेना के लिए फायदेमंद कैसे है
इस सिस्टम की खासियत है कि इसमें कोई गोला-बारूद नहीं, कोई रॉकेट इस्तेमाल नहीं करना होगा, सिर्फ लाइट से अटैक होगा। यह ड्रोन हमलों की भीड़ (स्वार्म) को एक साथ नष्ट कर सकता है। साइलेंट ऑपरेशन, यानी बिना आवाज, बिना धुएं के टारगेट को खत्म करेगा। युद्ध के मैदान में फास्ट रिस्पॉन्स और लो मेंटेनेंस सिस्टम, यानी एक-दो लीटर पेट्रोल के दाम से भी कम खर्च में ऑपरेट किया जा सकता है।
