नई दिल्ली7 मिनट पहले
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2020 गलवान टकराव के बाद LAC पर भारत और चीन के सैनिकों के मार्च पास्ट की तस्वीर। – फाइल फोटो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिक्स समिट में शिरकत से पहले भारत और चीन के बीच बड़ा समझौता हुआ है। दोनों देश लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर पेट्रोलिंग के लिए सहमत हो गए हैं। इससे पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद सुलझ सकता है और टकराव में भी कमी आ सकती है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव विक्रम मिंस्री ने सोमवार को इस समझौते की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले कई हफ्तों से भारत और चीन के अधिकारी इस मुद्दे पर बातचीत कर रहे थे। सेना के अफसर भी बातचीत में शामिल थे।
पेट्रोलिंग के नए सिस्टम पर सहमति के बाद दोनों देश सेनाएं पीछे हटा सकते हैं। देपसांग प्लेन डेमचोक में सैनिकों को पेट्रोलिंग पॉइंट्स पर जाने की इजाजत अभी नहीं है। यहां सेनाएं अभी मौजूद हैं। पेट्रोलिंग का नया सिस्टम इन्हीं पॉइंट्स से संबंधित है। इससे 2020 के गलवान जैसे टकराव को टाला जा सकता है।
2020 में गलवान में हुआ था चीन-भारत की सेना में टकराव

तस्वीर लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून 2020 को भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प की है। इसी के बाद दोनों देशों के बीच विवाद गहराया।
आर्मी चीफ ने कहा था- हमें लड़ना भी है, सहयोग भी करना है
1 अक्टूबर को भारत के आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था कि चीन के साथ भारत के हालात स्थिर हैं, लेकिन ये सामान्य नहीं हैं, काफी संवेदनशील हैं। चीन के साथ हमें लड़ना भी है, सहयोग करना है, साथ रहना है, सामना करना है और चुनौती भी देनी है। उन्होंने कहा था कि भारत और चीन के बीच अप्रैल से अब तक कमांडर लेवल की 17 बैठकें हुई हैं। इन बैठकों में हमने कई मुद्दों पर चर्चा की है।
जिनेवा में विदेश मंत्री ने कहा था- चीन से विवाद का 75% हल निकला

जयशंकर ने कहा था कि समस्या का समाधान ढूंढ़ने के लिए दोनों पक्षों में बातचीत चल रही है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने 12 सितंबर को स्विट्जरलैंड के शहर जिनेवा में एक समिट के दौरान कहा था कि चीन के साथ विवाद का 75% हल निकल गया है। विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि सीमा पर बढ़ते सैन्यीकरण का मुद्दा अभी भी गंभीर है।
जयशंकर ने कहा कि 2020 में चीन और भारत के बीच गलवान में हुई झड़प ने दोनों देशों के रिश्तों को बुरी तरह प्रभावित किया है। सीमा पर हिंसा होने के बाद कोई यह नहीं कह सकता कि बाकी रिश्ते इससे प्रभावित नहीं होंगे।
हालांकि, 25 सितंबर को न्यूयॉर्क में एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट में उन्होंने 75% विवाद हल होने वाले अपने बयान को लेकर सफाई दी। उन्होंने कहा, ‘मैंने यह बात सिर्फ सैनिकों के पीछे हटने के संदर्भ में कही थी। पूरी खबर यहां पढ़ें…
बैठकों की मदद से तनाव खत्म करने की कोशिशें जारी
सितंबर की शुरुआत में विदेश मंत्रालय ने भारत-चीन रिश्तों के मौजूदा हालात को लेकर अपडेट दिया था। उन्होंने कहा था कि बातचीत जारी रखने और वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोऑर्डिनेशन (WMCC) बैठकों के माध्यम से तनाव को सुलझाने की कोशिशें जारी हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कई फोरम में लगातार चीन के साथ संबंधों पर चर्चा कर चुके हैं।
गलवान घाटी में क्या हुआ था

15 जून 2020 को चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगह पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं।
भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे। हालात इतने खराब हो गए कि LAC पर गोलियां चलीं।
इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। बाद में भारत ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसमें करीब 60 चीनी जवान मारे गए थे।
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चीन के विदेश मंत्री से मिले एस जयशंकर:कहा- LAC और पहले हुए समझौतों का हो सम्मान, तभी दोनों देशों के बीच रिश्ते सही होंगे

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच लाओस में अहम बैठक हुई। इसमें नेताओं के बीच भारत-चीन सीमा विवाद पर चर्चा हुई। जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री से LAC और पहले हो चुके समझौतों का सम्मान करने की बात कही।
जयशंकर ने कहा कि संबंधों को स्थिर करना ही दोनों देशों के हित में है। उन्होंने वांग यी से भारत-चीन संबंधों को फिर से बहाल करने की राह में सीमा विवाद को मुख्य वजह बताया। उन्होंने कहा कि सीमा पर जैसे हालात होंगे वैसे ही हमारे रिश्तों में भी दिखेगा। पूरी खबर यहां पढ़ें…