नई दिल्ली13 मिनट पहले
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भारत ने पाकिस्तान की तरफ से वक्फ कानून को लेकर की गई बयानबाजी को सिरे से खारिज कर दिया है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने की जगह खुद के यहां अल्पसंख्यकों पर किए जा रहे अत्याचार के रिकॉर्ड को देख ले।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान के बयान को बेफिजूल और निराधार बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि पड़ोसी देश के पास भारत के आंतरिक मामले पर बयानबाजी करने का कोई अधिकार नहीं है।
जायसवाल ने कहा- जब अल्पसंख्यकों के अधिकारों के रक्षा की बात आती है तो पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने के बजाय अपने खुद के खराब रिकॉर्ड पर गौर करना चाहिए।
पाकिस्तानी अखबारों ने वक्फ बिल को मुसलमानों के खिलाफ बताया था भारत में वक्फ कानून को लेकर जारी विवाद के बीच कई पाकिस्तानी अखबारों ने इस बिल को भारतीय मुसलमानों के खिलाफ बताया था। द नेशन ने लिखा था कि वक्फ बोर्ड मुस्लिम मामलों की देखरेख में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भाजपा सरकार को वक्फ बोर्ड का यह सीमित स्वशासन स्वीकार नहीं है।
वहीं पाकिस्तानी सेना समर्थक अखबार डॉन ने भाजपा सरकार पर भूमि हड़पने को वैध बनाने का आरोप लगाया। इसका कहना था कि इस बिल के जरिए सरकार का मकसद अपने करीबी बिजनेसमैन को फायदा पहुंचाना है

5 अप्रैल को लागू हुआ था वक्फ कानून वक्फ संशोधन बिल (अब कानून) 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ था। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिल को 5 अप्रैल की देर रात मंजूरी दी। सरकार ने नए कानून को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। कानून को लागू करने की तारीख को लेकर केंद्र सरकार अलग नोटिफिकेशन जारी करेगी।
बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था- कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में हो रहे पक्षपात, दुरुपयोग और अतिक्रमण को रोकना है। बिल को राज्यसभा में 128 सदस्यों ने समर्थन दिया था, 95 ने विरोध किया। लोकसभा में यह बिल 2 अप्रैल की आधी रात पारित हुआ था। इस दौरान 288 सांसदों ने समर्थन में और 232 ने विरोध में वोट डाला था।