हाउस टैक्स जमा करने के नाम पर वसूले थे 45 हजार रुपए।
नगर निगम का इंस्पेक्टर बताकर 45 हजार वसूलने के आरोप में नगर निगम के दो कर्मचारियों पर गाज गिरी है। पीड़ित की शिकायत पर जोन 2 के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अनिरुद्ध कुमार ने कर्मचारियों को जांच में दोषी पाया और निलंबन की संस्तुति की थी।
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आउटसोर्स कर्मी नौकरी से हटाया गया जिसके बाद नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने दोषी आउटसोर्स कर्मचारी सोनू चक्रवर्ती को सेवामुक्त कर दिया। इसके साथ ही नियमित कर्मचारी दोषी राजेश के निलंबन की संस्तुति की है। पीड़ित ने खुद को ठगा महसूस करने के बाद नगर आयुक्त सुधीर कुमार से शिकायत की थी, जिसके बाद कार्रवाई हुई। इस मामले को सबसे पहले देनिक भास्कर ने उठाया था।
हाउस टैक्स बिल जमा करने के नाम पर कर्मियों ने वसूले थे रुपए।
इस प्रकार है पूरा मामला सफीपुर प्रथम मकान संख्या 69-ए निवासी कृष्णा देवी ने नगर आयुक्त से शिकायत करते हुये बताया था कि उनका 69ए और 5ए 2024 का 55 हजार गृहकर बकाया था। पुत्र का मिलने वाला राजेश ने बताया कि यदि गृहकर नहीं जमा किया तो आरसी कट जाएगी।
नगर निगम का इंस्पेक्टर मेरा परिचित है हम बिल कम कर जमा करा देंगे। जिसके बाद राजेश, सोनू चक्रवर्ती नाम के व्यक्ति को लेकर आया तो उसने बताया कि यह टैक्स इंस्पेक्टर हैं।
45 हजार रुपये दीजिये जमा कर आपको रशीद दे देंगे। लेकिन 1 माह बीतने के बाद जब नगर निगम में पता किया तो वहां बताया गया कि सोनू चक्रवती टैक्स इंस्पेक्टर नहीं बल्कि साधारण कर्मचारी है।
आरोपियों से की जाएगी वसूली कृष्णा देवी ने बताया कि वहां मौजूद टैक्स इंस्पेक्टर विजय सोनकर ने दोनों को ही बुलाकर आश्वासन दिया कि सोनू से पैसा जमा कराकर आपको रसीद दे देंगे। लेकिन काफी समय बाद भी रसीद नहीं मिली। कृष्णा देवी ने नगर आयुक्त से कार्रवाई की मांग की थी।
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि आरोपियों ने पैसा लेकर जमा नहीं किया था, आरोपियों से पैसा लेकर पीड़ित का बिल जमाकर रसीद दी जाएगी।