गणेशोत्सव के अंतिम दिन, श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव और श्रद्धा के साथ गणपति बप्पा को विदाई दी। अनंत चतुर्दशी पर श्रद्धालु भगवान गणेश की प्रतिमा को ढोल-नगाड़ों, गानों और नाच-गाने के साथ लेकर निकले। इसके बाद तालाब, नदी और पोखर में बप्पा की मूर्तियों का विस
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भिंड शहर में गणेशोत्सव संपूर्ण भारत के साथ शुरू हुआ था। भिंड के प्रमुख चौराहे व बस्तियों में गणेशजी को विराजमान किए गए थे। पिछलै दिनों से शहर का माहौल भक्ति मय था। बड़े श्रद्धा और भक्ति के साथ अपने घरों और पंडालों में गणपति बप्पा की आराधना की जा रही थी। गणपति विसर्जन से पहले, भक्त भगवान गणेश की पूजा और आराधना की गईहैं। इस पूजा के बाद, बप्पा की मूर्ति का विसर्जन का सिलसिला शुरू हुआ।
तालाब में गणेश प्रतिमा विसर्जित करते श्रद्धालु।
नाच गाकर बप्पा को दी विदाई
गणपति बप्पा को धूमधाम से विदा करने और अगले वर्ष पुनः आमंत्रण के साथ जिले भर में शोभायात्रा निकाली गईं। विसर्जन यात्रा में सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष और युवा थिरकते हुए नजर आ रहे थे।
बीते 6 सितंबर को गणेश चतुर्थी के अवसर पर नगरीय क्षेत्र में दर्जनों स्थानों पर गणपति की स्थापना भव्यता के साथ की गई थी। जगह जगह कथा कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया था। इसके बाद लगातार कार्यक्रमों का सिलसिला जारी रहा। मंगलवार को नम आंखो से बप्पा की विदाई देने श्रद्धालु पहुंचे। गणेश जी का विसर्जन करने से पहले पूजा अर्चना की प्रसाद चढ़ाया भोग चढ़ाया और आरती उतारी इसके बाद गणेश जी को विसर्जित किया गया। विसर्जन से पहले श्रद्धालु गणेश प्रतिमा को लेकर शहर की प्रमुख मार्गो से निकली और कुछ श्रद्धालु कुंवारी नदी पर पहुंचे तो कुछ सिंध नदी पर पहुंचे। इसी तरह कुछ श्रद्धालु चंबल नदी पर पहुंचे हालांकि नदियों में पानी अधिक होने के कारण सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए थे।