भिंड जिला प्रशासन ने देवी प्रतिमा को नदी या तालाब में विसर्जित करने पर रोक लगाई है। विसर्जन के लिए अस्थाई टैंकों की व्यवस्था की जाएगी। जिला प्रशासन ने इसकी तैयारी कर ली है। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने अधिकारियों को नियमों का पालन करवाने के निर्देश दि
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पिछले 9 दिनों से चल रहे नवदुर्गोत्सव के समापन के बाद माता रानी की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। ऐसे में श्रद्धालु प्राकृतिक जल स्त्रोत में प्रतिमाएं विसर्जित करते हैं जिससे जल स्त्रोत दूषित होते हैं। भिंड जिला प्रशासन ने इस बात का ध्यान रखते हुए प्रतिमाओं का विसर्जन अस्थाई पानी के टैंक में करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इन अस्थाई जल टैंक के आस पास पुलिस बल व गोताखोर भी तैनात रहेंगे।
निर्णय का उद्देश्यः पर्यावरण संरक्षण निर्णय के पीछे का उद्देश्य जैवविविधता जलवायु संरक्षण है। तालाब और नदियों में प्रतिमाओं का विसर्जन किए जाने से जलस्रोत दूषित होता है। इसलिए वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर जिले में नदी व तालाब के किनारे ही अस्थाई टैंक बनवाकर पानी भरा जाएगा। इन टैंकरों की व्यवस्था किए जाने का जिम्मा नगर पालिका, नगर परिषद, ग्राम पंचायतों को दी गई है। इन अस्थाई टैंकों की व्यवस्था न करने पर स्थानीय सीएमओ व सचिव को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
दो हजार से अधिक देवी प्रतिमाएं विसर्जित होंगी भिंड के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में एक अनुमान के मुताबिक दो हजार से अधिक स्थानों पर देवी प्रतिमा विराजमान है। प्रतिमाएं आज दुर्गा नवमीं और कल दशहरा पर्व व उसके अगले दिन तक विसर्जित होंगी। देवी प्रतिमा परंपरागत तरीके से विसर्जित हों और किसी प्रकार से जलस्रोत को नुकसान न हो इस बात का ख्याल रखा जा रहा है।
यह होगा लाभ अस्थाई जल टैंकों में देवी प्रतिमा विसर्जन से पानी दूषित नहीं होगा। कई बार तालाबों में प्रदूषण फैलने से मछलियों या अन्य जल जीवों को नुकसान होता था। इसके साथ ही कई लोग गहरे पानी में उतर जाते थे, जिससे उनकी जान जोखिम में पड़ जाती थी। विसर्जन के लिए अस्थाई टैंकों की जगह निर्धारित है, उनके आसपास पुलिस बल व गोताखोर तैनात होने से अप्रिय घटना से बचा जा सकेगा।
पूरे जिले में की जा रही व्यवस्था: कलेक्टर इस पूरे मामले में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि प्रतिमा विसर्जन के लिए अस्थाई टैंक नगर पालिका, नगर पंचायत व ग्राम पंचायत व्यवस्था करेंगी। भिंड शहर में गौरी तालाब के किनारे, डिडी गांव व अटेर के रास्ते क्वांरी नदी में अस्थाई टैंकों की व्यवस्था रहेगी। इस तरह की व्यवस्था पूरे जिले में की जा रही है।