मार्च माह में फूप में बिजली कंपनी पर होने वाले झगड़े का दृश्य है।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मैदानी अमले ने मार्च क्लोजिंग के दौरान एक महीने में 74 करोड़ 80 लाख रुपए की वसूली की है, जो इस साल की सबसे अधिक बिजली बिल वसूली है। इस वसूली के दौरान कई उपभोक्ताओं से विवाद हुआ और कुछ स्थानों पर झड़पें भी हुईं। फूप
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गौरतलब है कि, मार्च 2024 में भिंड जिले में बिजली वसूली 65.14 करोड़ रुपए थी, जो इस वर्ष बढ़कर 74.80 करोड़ रुपए हो गई। मार्च माह में बिजली कंपनी के मैदानी अमले को काफी मशक्कत करनी पड़ी, क्योंकि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने भिंड जिले के बिजली अधिकारियों को 160 करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य दिया था।
इसके तहत चेकिंग अभियान, कनेक्शन विच्छेदन और रिकवरी अभियान चलाया गया। प्रत्येक सर्किल में तीन से चार सदस्यों की टीम गठित की गई थी, जो दिन-रात लगातार काम कर रही थी।
2.57 लाख उपभोक्ता, लेकिन 20% ही नियमित भुगतान
बता दें कि, जिले में कुल 2 लाख 57 हजार बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से केवल 20% उपभोक्ता नियमित रूप से बिल का भुगतान करते हैं। वहीं, सरकारी दफ्तरों पर भारी बकाया दर्ज किया गया है।
कई उपभोक्ताओं से बिल वसूली के दौरान विवाद भी हुए और कुछ जगहों पर बिजली कर्मियों को राजनीतिक दबाव का भी सामना करना पड़ा। जिलेभर में करीब 20 से अधिक उपभोक्ताओं पर 10 लाख रुपये से अधिक का बकाया है, लेकिन उन्होंने बिल जमा करने में रुचि नहीं दिखाई।
बिजली कंपनी की टीम ने मैदान में रही तैनात।
इन क्षेत्रों में हुई मारपीट
- . फूप (भीमपुरा) – 6 मार्च को बिजली बिल वसूली के लिए गए जेई हेमंत थापक सहित अन्य कर्मचारियों पर हमला किया गया। कर्मचारियों को दौड़ाकर पीटा गया।
- . गोरमी (सुकांड) – बिजली बिल वसूली करने गए जेई उत्कृष्ट पांडेय के साथ झूमाझटकी हुई। ग्रामीणों ने एकजुट होकर जेई और अन्य कर्मचारियों को घेर लिया।
- . उमरी कस्बा – यहां भी बकायेदारों का कनेक्शन काटने गए कर्मचारियों और स्थानीय लोगों के बीच विवाद हुआ। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस को बुलाया गया।
जिले में डिवीजनों के वसूली के आंकड़े:
क्रमांक | डिवीजन | राशि करोड़ में |
01 | भिंड | 35.64 |
02 | लहार | 20.82 |
03 | गोहद | 6.89 |
04 | मेहगांव | 6.64 |
सरकारी दफ्तरों से रिकवरी हुई
बिजली कर्मियों को आम उपभोक्ताओं से वसूली में हो रही परेशानी को देखते हुए सरकारी दफ्तरों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया गया। इस कारण आम उपभोक्ताओं से 16 करोड़ रुपये और सरकारी दफ्तरों से 58 करोड़ रुपये की वसूली संभव हो सकी। हालांकि, आदिमजाति कल्याण विभाग पर 20 करोड़ रुपये और शालेय शिक्षा विभाग पर 16 करोड़ रुपये से अधिक की बकाया राशि अभी भी शेष है। जिला अस्पताल पर भी 2.5 करोड़ रुपये का बकाया था, जिसमें से मात्र 1.25 करोड़ रुपये की वसूली हो पाई।
बिजली कंपनी के महाप्रबंधक पी.के. जैन ने बताया

मार्च माह में कुल 74.80 करोड़ रुपए की वसूली हुई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9 करोड़ रुपए अधिक है। इस दौरान बिजली कर्मियों को कड़ी मेहनत करनी पड़ी, वहीं कुछ स्थानों पर कर्मचारियों पर हमले भी हुए, जिनकी शिकायत संबंधित पुलिस थानों में दर्ज कराई गई।