भिवानी जिले के लोहारू में जमीन विवाद ने एक परिवार के दो सदस्यों की जान ले ली। दादरी मोड़ पर हाईकोर्ट के आदेश पर जमीन खाली कराने गई पुलिस के सामने आग में झुलसे सतवीर ने सोमवार को दम तोड़ दिया।
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इससे पहले इसी घटना में झुलसे युवक अशोक की दो दिन बाद मौत हो गई थी। घटना 31 मार्च को हुई थी, जब पुलिस प्रशासन जमीन खाली करवाने पहुंचा था। इस दौरान जमीन पर काबिज दोनों व्यक्तियों ने विरोध में खुद पर पेट्रोल छिड़क लिया था।
शाम को लोहारू लाया गया शव
दोनों को गंभीर हालत में रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया था। 30 वर्षीय अशोक की मौत दो दिन बाद हो गई। 43 वर्षीय सतवीर का इलाज चल रहा था, लेकिन वे भी नहीं बच सके। सोमवार शाम 5:30 बजे उनका शव लोहारू लाया गया।
शव को लाने के बाद मौके पर मौजूद लोगों की भीड़।
आशियाना बचाने की कोशिश में गई जान
परिजनों का कहना है कि आशियाना बचाने की कोशिश में दो लोगों की जान चली गई। अब उन्हें केवल प्रशासन पर भरोसा है कि वह इस जमीनी मामले में उनकी मदद करेगा। पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में सतवीर का अंतिम संस्कार किया गया।
गमगीन माहौल में प्रशासन की मौजूदगी में सतवीर का 7:20 पर अंतिम संस्कार किया गया। पीडि़त धर्मबीर सिंह ने बताया कि उन्हें पीजीआई से उनके भाई सतवीर की उपचार के दौरान मौत की सूचना मिली थी। वे दोपहर में ही परिवार को बिना बताए परिजन सोनू, सुनील व दीपक के साथ रोहतक रवाना हो गए थे।

सतवीर की मौत से घर की महिलाओं ने आपा खो दिया।
तीन बेटियों के विवाह का कार्यक्रम चल रहा था
दोपहर में घर पर तीन बेटियों के विवाह का कार्यक्रम चल रहा था। सांय करीब 5:30 बजे जब मृतक सतवीर के शव को लोहारू में लाया गया तो पूरा घर चीत्कार से गूंज उठा। बेटियों ने आपा खो दिया तथा लोग बेटियों को ढांढस बधाते नजर आए। इस दौरान थाना प्रभारी अशोक कुमार और पुलिस के अनेक कर्मचारी मौजूद रहे।