गर्मी के तीखे तेवर के साथ ही ग्वालियर अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य हॉस्पिटल (जेएएच) सहित शहर के शासकीय हॉस्पिटल का बुरा हाल है। स्थिति यह है कि मरीज प्यास के लिए तड़प रहे है, लेकिन उनको पीने का पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। जेएएच के वार्ड में भर्ती मरीजों
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सबसे खराब स्थिति जेएएच के न्यूरोसर्जरी की है। यहां दिखावे के लिए कूलर और हेड इंजरी वार्ड में ऐसी लगे हैं, लेकिन काम कोई नहीं कर रहा है। यहां भर्ती गंभीर मरीजों को गर्मी में परेशान होना पड़ रहा है। बात केआरएच की करें तो यहां पीआईसीयू में एसी लगे हैं लेकिन सभी खराब हैं। छोटे बच्चे गंभीर हालत में गर्मी में बेहाल हो रहे हैं।
न्यू जेएएच के बी-ब्लॉक मेडिसिन के वार्ड एक और दो में सीवर चोक थी। यहां नल में पानी नहीं है। सी-ब्लॉक की 6वीं मंजिल पर भर्ती मरीज अरविंद और चौथी मंजिल में भर्ती मरीज के अटेंडेट तेज सिंह कहना है वाटर कूलर बंद हैं। पीने का पानी भी अस्पताल के बाहर से भरकर लाना पड़ता है।
इलाज पर भारी गर्म, जेएएच और न्यू जेएएच का हाल बेहाल…
न्यूरोलॉजी-न्यूरोसर्जरी में घर से पंखा ला रहे हैं मरीज: न्यूरोलॉजी में कुछ कूलर हैं, जबकि न्यूरोसर्जरी के सभी कूलर खराब हैं। हेड इंजरी वार्ड में तो एसी खराब हैं। इसलिए मरीजों के परिजन पंखा लेकर आ रहे हैं।
केआरएच में एसी लगे, दो माह से कनेक्शन हीं नहीं लिया: पहली मंजिल में जो पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में सेंट्रल एसी है, लेकिन वह बंद है। इसी के सामने वाले वार्ड में 5 एसी लगे हैं, लेकिन सभी बंद हैं। यहां भी मरीजों को पीने के पानी नीचे बनी प्याऊ से लाना पड़ता है। पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में लगे सेंट्रल एसी का 2 माह में कॉलेज प्रबंधन बिजली का कनेक्शन तक नहीं कराया है।
पीआईसीयू और एसएनसीयू के एसी खराब: पीडियाट्रिक विभाग के वार्डों में कूलर चल रहे थे, लेकिन पीआईसीयू में लगे सभी 6 एसी खराब हैं। यहां दान में सेंट्रल एसी लगवाया गया है, लेकिन वह बंद है।
पसीने में सराबोर होकर देते हैं सैंपल: केआरएच में पैथोलॉजी की जांच के लिए केंद्र है। इस केंद्र पंखे तक नहीं हैं। इसके चलते मरीजों को पसीने में सराबोर होकर सैंपल जमा करना पड़ता है।
ट्रॉमा सेंटर: यहां आईसीयू में भर्ती मरीजों को इस गर्मी में परेशान होना पड़ रहा है। यहां एसी बंद पड़े हैं। इसके चलते कुछ मरीजों के परिजन कूलर लेकर आए हैं।
कनेक्शन लेंगे, एसी चालू कराएंगे
^गायनिक में सेंट्रल एसी का कनेक्शन कराने की कार्रवाई चल रही है। पीडियाट्रिक के एचडीयू में सेंट्रल एसी क्यों बंद है उसका पता कराकर चालू कराया जाएगा। एसएनसीयू और पीआईसीयू के एसी अगर खराब हैं तो उन्हें ठीक कराया जाएगा। -डॉ. मनीष चतुर्वेदी, प्रवक्ता, जीआरएमसी–जेएएच
सिविल अस्पताल हजीरा में शाम की ओपीडी में नहीं आते डॉक्टर
सिविल अस्पताल हजीरा में शाम की ओपीडी में डॉक्टर नहीं आते हैं। गर्मी के समय यहां ओपीडी में डॉक्टर कक्ष के बाहर मरीज इंतजार करते हुए नजर आए। शाम 5 बजे पीडियाट्रिक में डॉ. पुलकित गंगवाल ड्यूटी पर पहुंचे, इसी विभाग के दूसरे डॉक्टर के कक्ष बंद थे। इमरजेंसी ड्यूटी करने वाले डॉ.विजेंद्र रावत शाम 5:15, आर्थोपेडिक विभाग में शाम 5:20 डॉ.समीर गोखले पहुंचे। ईएनटी, डेंटल, नेत्र रोग विभाग के कक्षों पर शाम 5.30 बजे तक बंद थे।
जिला अस्पताल में महिला और पुरुष एक ही टॉयलेट कर रहे हैं उपयोग
जिला अस्पताल मुरार के वार्डों में एसी लगे हैं। इनमें से अधिकांश एसी चल रहे थे। यहां महिला टॉयलेट में ताला लगा है। महिलाएं मजबूरी में पुरुष का टॉयलेट उपयोग कर रहे हैं। यहां वाटर कूलर तो हर मंजिल पर लगा है लेकिन कुछ जगह पानी नहीं आ रहा है।
बंद वाटर कूलर को कराएंगे शुरू
जिला अस्पताल के वार्डों के एसी खराब हैं, उन्हें सही कराएंगे। जहां नहीं हैं वहां कूलर लगाए हैं। वाटर कूलर को शुरू कराएंगे। महिला टॉयलेट खराब हैं उन्हें ठीक कराकर चालू कराएंगे। –डॉ.आरके शर्मा, सिविल सर्जन