मनेंद्रगढ़ में भूपेंद्र क्लब की जमीन पर बने 22 मकान-दुकानों को तोड़कर कब्जा हटाने की कार्रवाई रविवार को शुरू हुई। रियासतकाल में कोरिया महाराजा ने यह जमीन खेल मैदान के लिए दान में दी थी। यहां वर्षों से लोगों ने कब्जा कर दुकान एवं मकान बना रखा था। दो दिन
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मनेंद्रगढ़ शहर के बीच में स्थित भूपेंद्र क्लब की जमीन पर सालों से लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा था। रियासतकाल में तत्कालीन कोरिया महाराजा रामानुज प्रताप सिंहदेव ने यह जमीन खेल मैदान के लिए दान में दी थी। सेटलमेंट रिकार्ड में भी यह जमीन खेल मैदान के रूप में दर्ज है। धीरे-धीरे खेल मैदान में अतिक्रमण किया जा रहा था।
अवैध कब्जा हटाने चला बुलडोजर
पूर्ववर्ती भूपेश सरकार में कब्जाधारियों ने 152 प्रतिशत योजना में व्यवस्थापन के लिए भी आवेदन किया था, लेकिन जमीन खेल मैदान के रुप में आरक्षित होने के कारण आवेदन खारिज कर दिए गए।
रविवार को शुरू हुई कार्रवाई नजूल तहसीलदार मनेंद्रगढ़ द्वारा 22 कब्जाधारियों को अपना कब्जा हटाने का नोटिस पूर्व में जारी किया गया था। दो दिनों पूर्व भी अतिक्रमण हटाने के लिए अंतिम चेतावनी दी गई थी। कब्जाधारियों ने दो दिनों में अपना सामान हटा लिया। अवैध कब्जे में अधिकांश दुकानें थीं, जिन्हें लोगों ने हजारों रुपए के किराए पर भी दिया था। आनन-फानन में सभी दुकानों को खाली करा लिया गया।
रविवार को पांच बुलडोजर के साथ प्रशासनिक एवं नगर पालिका की टीम पहुंची और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई।
कड़ी सुरक्षा के बीच कार्रवाई भूपेंद्र क्लब की जमीन पर कब्जा हटाने के दौरान एसडीएम लिंगराज सिदार, तहसीलदार श्रुति धुर्वे सहित प्रशासनिक अमला शामिल रहे। सुरक्षा के लिए पुलिस जवानों को तैनात किया गया था।