पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा की पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के खिलाफ एफआईआर की बात सामने आ रही है लेकिन जो मृतक है उसके आवेदन में कहीं भी उनका नाम का जिक्र नहीं है। दूसरी बात ये है कि जो सुसाइड नोट है उसमें मरने वाले व्यक्ति का हस्ताक्षर भी नहीं
.
पुलिस ने फिर भी FIR दर्ज कर लिया बिना हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से एग्जामिन करवाए।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मंत्री मो अकबर
एक्सपर्ट की जांच से पहले ही FIR-बघेल
एक्सपर्ट से जब तक एग्जामिन ना करवाया जाए तब तक आप FIR नहीं कर सकते। इतनी जल्दी कैसे कर दिया जबकि दूसरी तरफ धरसीवा विधानसभा के संतोष पटेल ने आत्महत्या की वह बीजेपी के नेता थे। उनके सुसाइड नोट को सार्वजनिक नहीं किया। परिवार के लोग लोगों तक को सुसाइड नहीं दिया।
दुश्मनी के कारण बदनाम करने की कोशिश
उन्होंने अपने सुसाइड नोट में कई भाजपा के बड़े नेताओं अधिकारियों का नाम लिखा है उसको लेकर कोई एक्शन नहीं हो रहा है। पुलिस को निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए। मोहम्मद अकबर के मामले में कुछ और करते हैं संतोष पटेल के मामले में कुछ और, तो दो कानून तो एक ही है, दो तो नहीं होगा।
ये तो साफ है कि मो अकबर को व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण बदनाम करने के लिए ये किया जा रहा। पहले देवेंद्र के साथ, फिर अकबर के साथ यही किया और अब शिव डहरिया के साथ भी यही कर रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी
बीजेपी के नेता अपनी ही सरकार से परेशान
शिव डहरिया पर हुए शिकायत को लेकर बघेल ने कहा अब बीजेपी के पास बताने के लिए कुछ भी नहीं है, ना तो सरकार के पास बताने के लिए कोई काम है और ना ही पार्टी के पास। उनके सांसद ही खुद चिट्ठी लिखने लगे हैं,विधायक चिट्ठी लिखने लगे हैं, बृजमोहन अग्रवाल चिट्ठी लिख रहे हैं।
विजय बघेल चिट्ठी लिख रहे हैं, पुरंदर मिश्रा चिट्ठी लिख रहे हैं, अपने ही सरकार से उनको निराशा हाथ लगी कुछ नहीं है तो लोगों का ध्यान भटकाने के लिए क्या करेंगे? उसके लिए इन्होंने कभी भूपेश बघेल के खिलाफ कार्रवाई करते हैं, कभी मोहम्मद अकबर के खिलाफ कार्रवाई करते हैं। कभी शिव डहरिया का नंबर आता है तो कभी देवेंद्र यादव का खिलाफ कांग्रेस के नेताओं के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्यवाई करवाने का ही काम इस सरकार ने किया है।
बेरोजगारी पर बात करना देशद्रोह नहीं
राहुल गांधी ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाया था जिसको लेकर अरुण साव ने कहा था कि कांग्रेस केवल देश को बदनाम करने का काम करती है, इस पर एक्स सीएम ने कहा देश के बेरोजगारी के हालातो पर बात करना देशद्रोह नहीं होता। अगर फिर भी उन्हें इस श्रेणी में लेना है तो सबसे दुर्भाग्य जनक बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिए थे जो उन्होंने विदेश की धरती पर जाकर कहा था कि मेरा दुर्भाग्य है कि मैं भारत में पैदा हुआ।
बाकी के बयानों को किनारे रख भी दें तो इससे ज्यादा और कोई बयान भारत विरोधी नहीं हो सकता। जिस मिट्टी ने उन्हें सीएम से पीएम तक बनाया उसके बारे में ऐसे शब्द? भारत भूमि में जन्म लेने के लिए देवता भी तरसते हैं।