भाजपा ने सत्ता में आने के बाद कांग्रेस शासनकाल के कई फैसलों को बदल दिया है। कई योजनाओं के नाम बदलने के साथ ही बंद की गई योजनाएं भी शुरू की जा रहीं हैं। इसी कड़ी में तत्कालीन भूपेश सरकार द्वारा बंद की गई चरणपादुका योजना भी शामिल है।
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विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने मोदी की गारंटी के तहत इस महत्वाकांक्षी योजना को अपने संकल्प पत्र में शामिल किया था और इसी संकल्प को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 21 जून को जशपुर जिले के तपकरा में चरणपादुका योजना की दोबारा शुरुआत करने जा रहे हैं। इस दिन मुख्यमंत्री खुद तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार की महिलाओं को चरणपादुका प्रदान करेंगे।
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार का राज्य के तेंदूपत्ता संग्राहकों से किया गया एक और वादा पूरा हो जाएगा। इस योजना पर लगभग 40 करोड़ रुपए खर्च होंगे और राज्य के 12 लाख 40 हजार तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार की महिलाओं को लाभ मिलेगा।
छत्तीसगढ़ में चरण पादुका योजना की शुरुआत साल 2005 में रमन सिंह के शासनकाल में हुई थी। इस योजना के तहत प्रदेश में तेंदूपत्ता तोड़ने वाले आदिवासी संग्राहक परिवार के एक सदस्य को एक जोड़ी जूते दिए जाते थे। पहले यह योजना सिर्फ पुरुषों के लिए शुरू की गई थी।
जबकि 2008 में इस योजना में महिलाओं को भी शामिल किया गया था। बताते हैं कि साल 2013 में इस योजना में महिला और पुरुष दोनों को शामिल किया गया। इसके तहत पुरुषों को जूते और महिलाओं को चप्पल दिए जाते थे। अब फिर से शुरु हो रही इस योजना में महिलाओं को चप्पल बांटे जाएंगे।
2005 में जूते बांटने से हुई थी शुरुआत, अब महिलाओं को देंगे चप्पल
पीएम मोदी ने महिला को पहनाई थी चप्पल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 अप्रैल 2018 को बीजापुर जिले के जांगला आए थे। इस दौरान उन्होंने ‘आयुष्मान भारत’ योजना के तहत देश के पहले हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का शुभारंभ किया था। इसी कार्यक्रम में उन्होंने तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरणपादुका भी वितरित किए थे। इस दौरान पीएम मोदी ने आदिवासी महिला रानी बाई को अपने हाथों से चप्पल पहनाई। कार्यक्रम में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह भी मौजूद थे।
अंतिम पंक्ति तक न्याय पहुंचाना लक्ष्य: साय
सीएम साय ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हमेशा अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक न्याय और सुविधा पहुंचाना है। यह सिर्फ चरण पादुका का वितरण नहीं, बल्कि संग्राहक परिवार के स्वाभिमान और सुरक्षा का प्रतीक है। सरकार तेंदूपत्ता संग्राहकों के सम्मान और गरिमा का पूरा ध्यान रख रही है।