भोपाल के बहुचर्चित कॉलेज यौन शोषण व ब्लैकमेलिंग केस में नेशनल कमीशन फॉर वूमेन (NCW) की जांच समिति ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। महिला आयोग की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का कहना है कि इस मामले में सिर्फ यौन अपराध ही नहीं, बल्कि जबरन धर्म परिवर्तन और संगठि
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कमेटी ने अपनी जांच में पाया कि आरोपियों ने छात्राओं को महंगे गिफ्ट और लग्जरी गाड़ियों का लालच देकर फंसाया। बाद में उन्हें नशा देकर उनके साथ दुष्कर्म किया गया और अश्लील वीडियो बना कर ब्लैकमेल किया गया। कई पीड़िताओं को धमकाया गया कि वे अन्य छात्राओं को भी इनके चंगुल में फंसाए, वर्ना वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिए जाएंगे।
धर्म परिवर्तन का दबाव और आपराधिक नेटवर्क का संदेह NCW की टीम में पूर्व आईपीएस अधिकारी निर्मल कौर, वकील निर्मला नायक और अंडर सेक्रेटरी आशुतोष पांडे शामिल थे। यह टीम 3 से 5 मई तक भोपाल दौरे पर रही। इस दौरान उन्होंने पीड़ित छात्राओं, उनके परिवारों, पुलिस अधिकारियों और कॉलेज प्रशासन से मुलाकात की।
रिपोर्ट में कहा है कि कुछ मामलों में पीडि़ताओं पर धर्म बदलवाने का दबाव भी डाला गया। इसके साथ ही यह भी पाया गया कि आरोपी सामान्य आर्थिक स्थिति से थे, लेकिन उनका भड़कीला जीवन-शैली इस बात की ओर इशारा करता है कि उनके तार ड्रग तस्करी या किसी बड़े आपराधिक नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं।
सरकार से की कड़ी कार्रवाई की मांग महिला आयोग ने यह भी सिफारिश की है कि राज्य सरकार इस पूरे मामले की गहराई से जांच कराए, जिसमें बाहरी फंडिंग, वैचारिक प्रभाव और प्राइवेट संस्थानों द्वारा सरकारी योजनाओं, जमीन और शिक्षा निधियों के दुरुपयोग की संभावना को भी शामिल किया जाए।
एनसीडब्ल्यू ने अपनी संपूर्ण रिपोर्ट मध्य प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को सौंपी है और पीड़िताओं को न्याय दिलाने के लिए त्वरित और कठोर कार्रवाई की मांग की है।