Saturday, March 15, 2025
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भ्रष्टाचार के केस में फरार टीआई की जमानत खारिज: कोर्ट बोला- अपराध को देखते हुए जमानत उचित नहीं; आरोपियों को बचाने की थी ₹25 लाख की डील – Bhopal News


भोपाल में जोन-1 की एडिशनल डीसीपी रश्मि दुबे और एसीपी सुरभी मीणा सहित क्राइम ब्रांच की टीम ने निलंबित टीआई जितेंद्र गढ़वाल के कहने पर निलंबित एएसआई पवन रघुवंशी को पांच लाख की रिश्वत की रकम के साथ पकड़ा था। हालांकि पवन बाद में चकमा देकर फरार हो गया था। इ

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कोर्ट ने उन पर दर्ज अपराध को गंभीर माना और ऐसे में जमानत का लाभ देने से इनकार कर दिया। बेल एप्लिकेशन खारिज होने के बाद टीआई के पास हाईकोर्ट जाने का ही एक मात्र रास्ता बचा है। इधर, पुलिस की तीन टीमें आरोपी पुलिसकर्मियों की तलाश कर रही हैं। इधर मामले में टीकमगढ़ के पार्षद अंशुल उर्फ मोना जैन, बीजेपी नेता मोइन खान भी फरार हैं।

पुलिस इनकी भी तलाश कर रही है। दरअसल, ये मामला हाल ही में भोपाल में पकड़ाए ठगी के एक कॉल सेंटर से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि इस मामले के आरोपियों में से एक आरोपी मोइन खान को बचाने के एवज में एएसआई ने उससे 25 लाख रुपए में डील की थी। उसी डील की पहली किस्त के रूप में एएसआई 5 लाख रुपए ले रहा था।

सुबह तक जिस थाने में टीआई थे, शाम को वहीं केस दर्ज

रिश्वत के इस मामले में टीआई जितेंद्र गढ़वाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज है। खास बात यह है कि जिस ऐशबाग थाने में जितेंद्र गढ़वाल पांच मार्च सुबह 11 बजे तक बतौर टीआई पदस्थ थे, उसी थाने में उन पर एफआईआर दर्ज हुई। उनके साथ पवन रघुवंशी, प्रधान आरक्षक धर्मेंद्र और टीकमगढ़ से रिश्वत देने वाले अंशुल उर्फ मोना जैन को आरोपी हैं।

ठगी के कॉल सेंटर के इसी मामले में कार्रवाई में लापरवाही को लेकर पुलिस ने ऐशबाग थाना टीआई जितेंद्र गढ़वाल सहित चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया था। पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा ने बताया कि चारों आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है।

इन चार पुलिसकर्मियों को किया सस्पेंड

टीआई जितेंद्र गढ़वाल, एएसआई पवन रघुवंशी, प्रधान आरक्षक धर्मेंद्र, प्रधान आरक्षक मनोज

सेंटर संचालक अफजल और उसकी फरार बेटी। अफजल के कॉल सेटर से जब्त कम्प्यूटर और अन्य सामान।

कॉल सेंटर संचालक के बेटे को गिरफ्तार कर छोड़ा था

दरअसल, भोपाल के प्रभात चौराहे पर एक बिल्डिंग में कॉल सेंटर संचालित हो रहा था। यहां से देश भर के लोगों को ठगने का काम किया जा रहा था। 23 फरवरी को पुलिस ने दबिश देकर संचालक अफजल खान के बेटे को गिरफ्तार करके छोड़ दिया था। मामले ने तूल पकड़ा तब कॉल सेंटर संचालक और उसकी बेटी पर एफआईआर कर 3 मार्च को आरोपी अफजल को गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। जांच में पुलिस के सामने आरोपी के खाते से करोड़ों रुपए का लेनदेन करने सहित 26 युवक-युवतियों के नाम आए थे, जो ठगी का काम करते थे।

जब्त प्रिंटर को घर ले गया था एएसआई

एएसआई पवन रघुवंशी 23 फरवरी को कार्रवाई के बाद कॉल सेंटर से जब्त टीसीएस कंपनी का एक महंगा प्रिंटर अपने घर ले गया था। इसकी उसने जब्ती नहीं बनाई थी। इस प्रिंटर को भी पुलिस की टीम ने उसके घर से बरामद किया है। वहीं सूत्रों का दावा है कि पवन ने कॉलोनी में दो प्लॉट भी कब्जा रखे हैं। कार्रवाई के बाद पुलिस की टीम की मौजूदगी में स्थानीय रहवासियों ने इस बात की जानकारी दी।

मोइन खान को बचाने को लेकर थी पूरी डील

फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले मास्टर माइंड अफजल खान के साले मोइन खान को आरोपी नहीं बनाने को लेकर 25 लाख रुपए में डील हुई थी। पहली खेप में बुधवार को 15 लाख रुपए लिए जाने थे। पुलिस जांच में पता चला कि यह रकम मोइन के दो करीबी लाए थे। दबिश के समय एएसआई पवन रघुवंशी के घर से पुलिस को 5 लाख रुपए मिले। बाकी 10 लाख लेकर दूसरी पार्टी कहां गई। पुलिस उसे ट्रेस कर रही है।

पहली बार पुलिस ने पुलिसकर्मी को ट्रेस किया

भोपाल में पहली बार पुलिस ने किसी पुलिसकर्मी को ट्रेस किया। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की एफआईआर दर्ज की है। मामले में टीआई जितेंद्र गढ़वाल की भूमिका की जांच जारी है। जिसके बाद उसे भी आरोपी बनाया सकता है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पूरी डील की जानकारी टीआई जीतेंद्र गढ़वाल को पहले से थी। वही पवन के माध्यम से डील करा रहे थे। जबकि पवन रघुवंशी को तीन दिन पहले ही लाइन हाजिर किया जा चुका था।

पहले भी विवादों में रहे टीआई-एएसआई

टीआई जितेंद्र गढ़वाल और एएसआई पवन रघुवंशी लगातार विवादों में थे। पिछले दिनों इन पर एनडीपीएस की फर्जी कार्रवाई करने के भी आरोप लगे थे। जिसमें जुए की बंदी नहीं देने पर जुआरी फरहान खान पर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी। इस मामले में भी शिकायत आला अधिकारियों तक पहुंची थी।

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