पटना में एक बड़े मेले की तैयारी चल रही है। देश भर के बुद्धिजीवी यहां जुटेंगे। सरकार की ब्रांडिंग भी होगी, लेकिन एक विभाग के मंत्री जी को मेला रास नहीं आ रहा है। समस्या ये हुई कि विभाग के आला अधिकारी विभाग की तरफ से 40 लाख रुपए बतौर प्रोत्साहन मेले के
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अब मंत्री जी को किताब पसंद नहीं है या मेला इसकी जानकारी किसी को नहीं। हर किसी के पास इसका अपना-अपना अनुमान है। लेकिन जिस बात की सबसे ज्यादा चर्चा है वो ये है कि मंत्री जी और ऑफिसर साहब के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। अब सबकी निगाह इस बात पर टिकी है कि मेले में सीएम, डिप्टी सीएम सबको न्योता है मंत्री जी आएंगे कि नहीं।

वफादार के हाथ में कमान
इलेक्शन से पहले काबिल अधिकारियों को बिहार बुलाने का सिलसिला शुरू हो गया है। ऐसे ही एक कड़क अधिकारी को सेंट्रल डेप्युटेशन से वापस बुला लिया गया है। साहब कि गिनती बिहार के कड़क मिजाज ऑफिसर के रूप में है। उनके लौटने के बाद अपराधी से ज्यादा अधिकारी लॉबी में बेचैनी है।
कारण पूछने पर कहते हैं, ई नैयका बिहार के चाणक्य हैं। सूद के साथ वसूलने के लिए विख्यात हैं। बात की गांठ ऐसे बांधते हैं कि उनके मिजाज को समझ पाना हर किसी के वश का नहीं। अब ई लौटे हैं तो लाल पत्थर वाले दीवार की लॉबी में खूब चर्चा शुरू हो गई है कि सिर पर चुनाव है तब कमान तो वफादार के हाथ में ही रहेगी न।

साहब की बैलचर लाइफ से एंप्लॉय का वैवाहिक जीवन त्रस्त
राज्य भर के हेल्थ का ख्याल रखने वाले विभाग के एंप्लॉय का ही स्वास्थ्य बिगड़ा हुआ है। कारण- बैचलर लाइफ जीने वाले एक साहब हैं। समस्या ये है कि शादी-शुदा होने के बाद भी विभागीय लाचारी के कारण दोनों अलग-अलग रहते हैं। अब समस्या ये है कि स्वास्थ्य वाले साहब जी ब्रेकफास्ट से लेकर डिनर तक दफ्तर में ही कर रहे हैं।
नतीजा 9.30- 6 बजे वाली नौकरी में साहब जी सुबह 8 बजे पहुंच जा रहे हैं और रात में 10 बजे निकल रहे हैं। अब जब साहब आ रहे हैं तो कर्मचारी को भी मजबूरन यही रूटीन फॉलो करना पड़ रहा है। इसका खामियाजा उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है। चर्चा इस बात की शुरू हो गई है कि अगर बेड लगा दिया जाए तो सोने के लिए घर जाने से भी मुक्ति मिल जाएगी।

राजधानी आते ही हनक वाली मैडम हुईं बेअसर
मैडम एकदम नया-नया IPS बनी हैं। बतौर SP पहली पोस्टिंग है, लेकिन उससे पहले ही इनके हनक के खूब चर्चे रहे हैं। अपने इलाके के दिग्गज नेता को हड़का चुकी हैं। इनसे नीचे के अधिकारी तो इनका सुनते ही सावधान हो जाते हैं। इलाके में अधिकारियों को फटकार लगाने के लिए भी इनके खूब चर्चे थे।
राजधानी आते ही इनकी जिम्मेदारी के साथ इलाका भी बढ़ा दिया गया है। नीचे अधिकारी भी बढ़े हैं, लेकिन हनक कम होते जा रहा है। इनके मातहत काम करने वाले अधिकारी तक इनकी बात नहीं सुन रहे हैं। हालात ये है कि अधिकारी अब इनकी मीटिंग तक को इग्नॉर कर रहे हैं।
हुआ यूं कि मैडम एकदम सुबह-सुबह मीटिंग बुला ली। इसमें बमुश्किल 4-5 अधिकारी शामिल हुए और बाकी सब गायब हो गए। अधिकारियों के बीच इस बात की चर्चा हो रही है कि ई बिहार है, हरियाणा नहीं।