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मंदिर के बाहर चप्पल उतारते समय कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती, दुख और पाप में होती है वृद्धि


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Astro Tips For Temple: मंदिर में प्रवेश करते समय चप्पल उतारना केवल एक परंपरा नहीं बल्कि एक शुद्धता और श्रद्धा का प्रतीक है. लेकिन कई बार अनजाने में हम कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो धार्मिक दृष्टि से अनुचित म…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • मंदिर के प्रवेश द्वार के सामने चप्पल न उतारें.
  • जूते-चप्पल ऐसे स्थान पर रखें जहां कोई उन्हें लांघ न सके.
  • चप्पल को पैर से हटाना या दूसरों के चप्पलों पर रखना गलत है.

हिंदू संस्कृति में माना जाता है कि मंदिर एक दिव्य ऊर्जा केंद्र होता है, जहां तन, मन और आत्मा को पूरी पवित्रता के साथ प्रवेश करना चाहिए. वहीं चप्पल-जूते मिट्टी, धूल और अपवित्रता का प्रतीक होते हैं, जिन्हें मंदिर में ले जाना अशुद्धता मानी जाती है. इसलिए इन्हें बाहर उतारना श्रद्धा, शुचिता और आचरण की पहली सीढ़ी माना जाता है. लेकिन जाने अनजाने मंदिर के बाहर चप्पल उतारते समय हम ऐसी गलती कर बैठते हैं, जिससे धीरे धीरे पुण्य कम होने लगते हैं और पापों की संख्या में वृद्धि होने लगती है. साथ ही धर्म की दृष्टि से भी यह अनुचित माना जाता है. आइए जानते हैं मंदिर के बाहर जूते चप्पल उतारते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए…

मंदिर के दरवाजे के एकदम सामने चप्पल उतारना
मंदिर के प्रवेश द्वार के ठीक सामने चप्पल उतारना अशुद्धता मानी जाती है, इससे मंदिर की पवित्रता भंग होती है. सीढ़ियों पर चप्पल रखने से आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी होती है और यह पवित्र स्थल की ऊर्जा और सकारात्मकता को बाधित करता है. शास्त्रों में इसे देव-द्वार की अवमानना भी माना गया है. मंदिर में प्रवेश का मार्ग साफ और निर्बाध रहना चाहिए, यही धार्मिक शिष्टाचार है.

मंदिर के बाहर खुले में जूते-चप्पल उतार देना
बहुत से लोग मंदिर की चौखट पर चप्पल उतारकर भगवान के दर्शन करने के लिए चले जाते हैं, यह पूरी तरह अनुचित है. जहां आपने चप्पल उतारी है, वहां से जितने भी लोग चप्पल को लांघकर जाएंगे, उनके सभी दुख और पाप आपके भाग्य में जुड़ जाते हैं. इसलिए जूते-चप्पल ऐसे स्थान पर रखें, जहां कोई उनको लांघ ना सके.

इस तरह भूलकर ना हटाएं चप्पल
जूते चप्पल को दूसरों के चप्पलों पर रखना या पैर से हटाना गलत माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, किसी के जूते चप्पल पर पैर लगाना दूसरे की ऊर्जा और भाग्य में हस्तक्षेप माना जाता है. खासकर किसी बुजुर्ग या पंडित की चप्पल पर पैर पड़ जाए, तो यह अनादर और पाप की श्रेणी में आता है. वहीं पैर से चप्पल को हटाना यानी उसे लात मारना, यह भी मंदिर की मर्यादा का अपमान माना जाता है.

शास्त्रों के अनुसार चप्पल उतारने की सही विधि
बैठकर या झुककर अपने हाथों से चप्पल को व्यवस्थित करें.
मंदिर के सामने या चौखट के पास चप्पल भूलकर भी ना उतारें.
किसी और की चप्पल को पैर से न हटाएं, हाथ से सावधानी से हटाएं.
अपने चप्पल अलग और सीधा रखें – उल्टा या गंदा न हो.
अगर मंदिर परिसर में स्टैंड है तो वहीं रखें, मेन गेट या सीढ़ियों पर बिल्कुल नहीं.

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Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

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मंदिर के बाहर चप्पल उतारते समय ये गलती तो नहीं कर रहे, बढ़ जाती हैं समस्याएं



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