भाजपा विधायक प्रदीप पटेल को रीवा के सामुदायिक भवन में नजर बंद किया गया है। उनके खिलाफ पुलिस ने धारा 126.135.170 बीएनएस तहत धारा लगा कर केस भी दर्ज किया है। बुधवार रात प्रभारी मंत्री लखन पटेल उनसे मिलने पहुंचे। करीब तीन घंटे की चर्चा के बाद निष्कर्ष न
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19 नवंबर को मऊगंज में देवरा महादेवन मंदिर परिसर में बवाल हुआ। दो पक्ष आपस में भिड़ गए। एक-दूसरे पर पत्थर से हमला कर दिया। मौके पर उपस्थित पुलिस ने विधायक प्रदीप पटेल को सुरक्षा की दृष्टि से घटना स्थल से निकाल कर रीवा के सामुदायिक भवन में लाकर पुलिस निगरानी में कैद कर दिया।
दरअसल, मंदिर परिसर में तीन दिन से अतिक्रमण हटाने को लेकर अनशन चल रहा था। मंगलवार को जैसे ही विधायक आंदोलन में पहुंचे, तो भीड़ उग्र हो गई। विधायक के साथ अतिक्रमण की गई दीवार को गिराने पहुंच गए।जेसीबी से दीवार ढहाने कर प्रयास भी किया गया।
दूसरे पक्ष के लोगों ने पत्थर बाजी शुरू कर दी, फिर दोनों तरफ से जमकर पत्थरबाजी हुई। कुछ देर के लिए अगरतफरी का माहौल बना। माहौल बिगड़ता देख पुलिस ने विधायक को सुरक्षित वहां से निकाला। स्थिति को काबू में किया। विधायक को पुलिस सामुदायिक भवन रीवा में रखा गया।
जहां बुधवार रात मऊगंज के प्रभारी मंत्री उनसे मिलने पहुंचे, लेकिन करीब तीन घंटे की चर्चा के बाद बात नहीं बनी। प्रभारी मंत्री ने बताया कि सब कुछ सामान्य है। अतिक्रमण को लेकर विधायक नाराज हैं। साथ बैठ कर बात की और चने खाए। कुछ सवालों पर प्रभाती मंत्री ने कहा उनका व्यक्तिगत मामला है।
शाम को विधायक प्रदीप पटेल से मिलने प्रभारी मंत्री पहुंचे।