जांजगीर चांपा जिले में मड़वा पावर प्लांट के भू-विस्थापितों ने 215 दिन की अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद 25 जून को नेशनल हाईवे 49 पर चक्काजाम कर दिया। विधायक ब्यास कश्यप ने भी आंदोलन का समर्थन किया।
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भू-विस्थापितों के मुताबिक, 2008 में अटल बिहारी वाजपेयी पावर प्लांट के लिए सरकार ने मड़वा, तेंदुभाठा समेत 16 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया था। भू-विस्थापितों को मुआवजे और नौकरी का वादा किया गया था।
कुछ लोगों को नौकरी मिली, लेकिन जिन युवाओं को 12वीं पास करने और प्रशिक्षण के बाद नौकरी का आश्वासन दिया गया था, उन्हें 16 साल बाद भी नौकरी नहीं मिली। हालांकि प्रबंधन ने नौकरी का आश्वासन दिया जिसके बाद चक्काजाम खत्म हुआ।
विधायक ब्यास कश्यप का समर्थन मिला।
प्लांट प्रबंधन और भू-विस्थापितों के बीच बातचीत
मौके पर जिला प्रशासन और पुलिस बल मौके पर तैनात रहे। विधायक ब्यास कश्यप की उपस्थिति में मड़वा प्लांट प्रबंधन और भू-विस्थापितों के बीच बातचीत हुई। प्लांट प्रबंधन ने आंदोलनकारियों को संविदा नौकरी देने का लिखित आश्वासन दिया।
साथ ही नए पद निकलने पर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर नियमित करने की बात कही। इस आश्वासन के बाद भू-विस्थापितों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया।

भू-विस्थापितों ने चक्काजाम कर दिया।
आश्वासन के बाद चक्काजाम खत्म
बता दें कि अपने हक और अधिकार के लिए मड़वा गांव के साथ आसपास के प्रभावित लोग पिछले 215 दिनों तक लगातार आंदोलन मे बैठे रहे। अपनी जमीन के बदले बच्चो का भविष्य बनाने कि चाहत को लेकर धूप, बारिश मे भी डटे रहे।
मड़वा पावर प्लांट प्रबंधन भू-विस्थापितों से चर्चा की और नौकरी का आश्वासन दिया। जिसके बाद मामले का निराकरण हुआ। 2 घंटे के बाद चक्का जाम खत्म हुआ।