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इंफाल2 मिनट पहले
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इंफाल के हिंसाग्रस्त इलाकों में गश्त करते सुरक्षाबलों के जवान।
मणिपुर सरकार ने इंफाल घाटी और जिरिबाम जिले में सोमवार से स्कूल और कॉलेज खोलने के फैसले को रद्द कर दिया है। इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थोउबल, बिष्णुपुर, काकचिंग और जिरिबाम जिलों में हाल ही में हुई हिंसा के चलते सरकार ने प्रतिबंधों लगाए थे, जिसके तहत स्कूल और कॉलेज लगभग एक हफ्ते से बंद थे।
रविवार रात को जारी नए आदेश में डायरेक्टोरेट ऑफ एजुकेशन ने कहा, ‘सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, निजी और केंद्रीय स्कूलों में सभी क्लासेस को फिर से शुरू करने के संबंध में 24 नवंबर का आदेश रद्द किया जाता है। घाटी जिलों के सभी स्कूल 25 और 26 नवंबर को बंद रहेंगे।’
अधिकारियों ने बताया कि कॉलेजों के लिए भी ऐसा ही आदेश जारी किया गया है। इस बीच, घाटी के जिलों में लोगों को जरूरी सामान खरीदने में सुविधा देने के लिए सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक की छूट दी गई है।
18 नवंबर को स्कूल-कॉलेज बंद करने के आदेश दिए गए थे 11 नवंबर को जिरिबाम में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 10 कुकी-जो उग्रवादियों को मार गिराया था। इसके बाद मैतेई समुदाय के किडनैप 3 महिला और 3 बच्चों के शव मिले थे। तभी से 7 जिलों में हिंसा जारी है। हिंसा के चलते 18 नवंबर को इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर, काकचिंग और जिरीबाम जिलों में एजुकेशनल इंस्टीट्यूट बंद रखने के आदेश दिए गए थे।
तस्वीर में दिखाई दे रहे सभी 6 लोगों के शव मिले थे। ये सभी मैतेई समुदाय के थे।
CM ने कहा था- मणिपुर में ऐसा रहा, मुझे शर्म आती है रविवार को मणिपुर पुलिस ने बताया कि विधायकों के घर आगजनी-लूटपाट मामले में बीते दो दिन में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया। काकचिंग जिले से तीन लोगों को 22 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। 23 नवंबर को इंफाल पश्चिम से 4 लोग अरेस्ट किए गए थे। कुल गिरफ्तारियां 41 हो गई हैं।
22 नवंबर को सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा था कि आगजनी-लूट करने वालों की पहचान की गई है। इनके खिलाफ कानूनी एक्शन लिया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि मुझे सार्वजनिक रूप से यह कहते हुए शर्म आती है कि मणिपुर में ऐसी चीजें हो रही हैं।
मणिपुर की सुरक्षा में CAPF की 288 कंपनियां तैनात
मीडिया को जानकारी देते हुए चीफ सिक्योरिटी एडवाइजर कुलदीप सिंह।
मणिपुर की सुरक्षा में सेंट्रल आर्म्ड फोर्स की 288 कंपनियां तैनात की गई हैं। शुक्रवार को 90 और कंपनियों को तैनात किया गया। मणिपुर के चीफ सिक्योरिटी एडवाइजर कुलदीप सिंह ने कहा था कि कंपनियों को अलग-अलग जगह भेजा जा रहा है। मणिपुर में CRPF, SSB, असम राइफल, ITBP सहित दूसरी आर्म्ड फोर्स की कंपनियां तैनात हैं।
चीफ सिक्योरिटी एडवाइजर कुलदीप सिंह ने कहा था कि हमने पुख्ता इंतजाम किए हैं। हर जिले में नए कोऑर्डिनेशन सेल और जॉइंट कंट्रोल रूम तैयार किए जाएंगे। हमने उन सेल और और जॉइंट कंट्रोल रूम का रिव्यू किया है जो पहले से मौजूद हैं।
मंत्री एल सुसींद्रो ने घर को कंटीले तारों से कवर किया 16 नवंबर को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह और 17 विधायकों के घर पर हमले हुए थे। राज्य के मंत्री एल सुसींद्रो के घर को भी निशाना बनाया गया था।
सुसींद्रो ने इंफाल ईस्ट स्थित अपने घर को कंटीले तारों और लोहे के जाल से कवर किया है। उन्होंने कहा- संपत्ति की रक्षा करना हमारा संवैधानिक हक है। अगर भीड़ ने फिर हमला किया तो इसका जवाब दिया जाएगा।
सुसींद्रो ने कहा था कि मई से यह तीसरी बार है, जब मेरी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। इस बार करीब 3 हजार लोग घर के बाहर जुट गए। उन्होंने घर को नुकसान पहुंचाया, फायरिंग की गई।
BSF और मेरे सुरक्षाबलों ने पूछा कि क्या किया जाना चाहिए तो मैंने कहा कि भीड़ को कोई नुकसान नहीं पहुंचाना है। हालांकि उन्होंने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायर किए।
सुसींद्रो काफी चर्चा में रहते हैं। जब मणिपुर में हथियार लूटे जा रहे थे, तब उन्होंने घर में वेपंस ड्रॉप बॉक्स बनाया था, ताकि लोग हथियार जमा कर दें। सुसींद्रो, मैतेई समुदाय से आते हैं।
मणिपुर के मंत्री सुसींद्रो ने अपने घर को कंटीले तारों से घेर दिया है।
16 नवंबर को उपद्रवियों ने मंत्रियों और विधायकों के घर हमला किया था। वाहनों में आग लगाई थी और फायरिंग भी की थी।
विधायक के घरों से लूटे डेढ़ करोड़ के जेवर
विधायकों के घरों पर हमले के दौरान 1.5 करोड़ रुपए के जेवर लूटे जाने की बात सामने आई है। JDU विधायक के. जॉयकिशन सिंह की मां ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई। तोड़फोड़ करने वाली भीड़ ने थांगमेइबंद इलाके में विधायक के आवास से 18 लाख रुपए नकद भी लूटे थे। विस्थापितों के लिए रखा सामान भी नष्ट किया था।
रिलीफ कैंप की वॉलंटियर सनयाई ने दावा किया कि हिंसा के दौरान लॉकर, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान और फर्नीचर में तोड़फोड़ की गई। भीड़ 7 गैस सिलेंडर ले गई। विस्थापितों के दस्तावेज नष्ट कर दिए। तीन एसी भी ले जाने की कोशिश की।
हिंसाग्रस्त इलाकों में आने-जाने वालों की जांच करते सुरक्षाबल।
NPP बोली- मणिपुर CM को हटाएं तभी समर्थन देंगे मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लेने वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने कहा है कि यदि भाजपा मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाती है तो पार्टी अपने फैसले पर दोबारा विचार कर सकती है।
NPP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युमनाम जॉयकुमार सिंह ने कहा- बीरेन सिंह राज्य में शांति लाने में पूरी तरह विफल रहे हैं। यही कारण है कि NPP के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया।
हालांकि समर्थन वापस लेने का मणिपुर सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि 60 सदस्यों वाले सदन में BJP के पास 32 विधायकों के साथ पूर्ण बहुमत है। नगा पीपुल्स फ्रंट और जेडीयू भी सत्तारूढ़ गठबंधन में हैं।
भ्रम के कारण शामिल हुए होंगे विधायक- जॉयकुमार जॉयकुमार ने दावा किया कि CM की अध्यक्षता में 18 नवंबर को हुई बैठक में NPP के तीन विधायक शामिल हुए थे, यह भ्रम के कारण हो सकता है। बैठक NDA विधायकों के लिए थी। हमने केवल बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लिया है, लेकिन हम अभी भी NDA के सहयोगी हैं।
हालांकि हमने अपने विधायकों को आगाह किया है कि राज्य या राष्ट्रीय अध्यक्ष की पूर्व मंजूरी के बिना ऐसी बैठकों में जाने पर उन पर एक्शन लिया जा सकता है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में मणिपुर में CAPF की 50 नई कंपनियां तैनात करने की घोषणा की थी।
मणिपुर में दोबारा हालात क्यों बिगड़े
- 11 नवंबर: सुरक्षाबलों ने जिरिबाम में 10 कुकी उग्रवादियों को मार गिराया था। मुठभेड़ के दौरान कुकी उग्रवादियों ने 6 मैतेई (3 महिलाओं, 3 बच्चों) को किडनैप किया था।
- 15-16 नवंबर: किडनैप हुए छह लोगों में से पांच के शव बरामद हुए।
- 16 नवंबर: CM बीरेन सिंह और भाजपा विधायकों के घरों पर हमले हुए थे। वहीं, कुछ मंत्रियों सहित भाजपा के 19 विधायकों ने CM बीरेन सिंह को हटाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को पत्र लिखा
- 17 नवंबर: रात में जिरिबाम जिले में पुलिस की गोली से मैतेई प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी, जिसके बाद से हालात और बिगड़ गए। CRPF के डीजी अनीश दयाल सिंह 17 नवंबर को हिंसा का जायजा लेने के लिए मणिपुर पहुंचे।
- 18 नवंबर: अगवा हुई आखिरी महिला का शव मिला।
मणिपुर में नवंबर में हुईं हिंसक घटनाएं
- 11 नवंबर: मणिपुर के याइंगंगपोकपी शांतिखोंगबन इलाके में खेतों में काम कर रहे किसानों पर उग्रवादियों ने पहाड़ी से गोलीबारी की थी, जिसमें एक किसान की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे।
- 9-10 नवंबर: इंफाल पूर्वी जिले के सनसाबी, सबुंगखोक खुनौ और थमनापोकपी इलाकों में 10 नवंबर को गोलीबारी की घटना हुई थी। 9 नवंबर को बिष्णुपुर जिले के सैटन में उग्रवादियों ने 34 साल की महिला की हत्या कर दी थी। घटना के वक्त महिला खेत में काम कर रही थी।
- 8 नवंबर: जिरीबाम जिले के जैरावन गांव में हथियारबंद उग्रवादियों ने 6 घर जला दिए थे। ग्रामीणों का आरोप था कि हमलावरों ने फायरिंग भी की थी। घटना में एक महिला की मौत हुई थी। मृतक महिला की पहचान जोसंगकिम हमार (31) के रूप में हुई थी। उसके 3 बच्चे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि हमलावर मैतेई समुदाय के थे। घटना के बाद कई लोग घर से भाग गए।
- 7 नवंबर: हमार जनजाति की एक महिला को संदिग्ध उग्रवादियों ने मार डाला था। उन्होंने जिरीबाम में घरों को भी आग लगा दी। पुलिस केस में उसके पति ने आरोप लगाया कि उसे जिंदा जलाने से पहले उसके साथ रेप किया गया था। एक दिन बाद, मैतेई समुदाय की एक महिला को संदिग्ध कुकी विद्रोहियों ने गोली मार दी थी।
मणिपुर में हिंसा के 560 दिन कुकी-मैतेई के बीच 560 से ज्यादा दिनों से हिंसा जारी है। इस दौरान 237 मौतें हुईं, 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए, 60 हजार लोग घर छोड़कर रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। करीब 11 हजार FIR दर्ज की गईं और 500 लोगों को अरेस्ट किया गया।
इस दौरान महिलाओं की न्यूड परेड, गैंगरेप, जिंदा जलाने और गला काटने जैसी घटनाएं हुईं। अब भी मणिपुर दो हिस्सों में बंटा हैं। पहाड़ी जिलों में कुकी हैं और मैदानी जिलों में मैतेई। दोनों के बीच सरहदें खिचीं हैं, जिन्हें पार करने का मतलब है मौत।
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मणिपुर CM बोले- ताजा हिंसा के लिए चिदंबरम जिम्मेदार: केंद्रीय गृह मंत्री रहते उन्होंने म्यांमार के उग्रवादी गुटों से समझौता किया था
मणिपुर में फिर से हिंसा का दौर शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा था कि मणिपुर में फिर से हिंसा पी चिदंबरम की नीतियों के कारण शुरू हुई है। बीरेन सिंह ने चिदंबरम की एक पुरानी तस्वीर दिखाते हुए कहा था- मणिपुर में ताजा हिंसा म्यांमार से आए अवैध अप्रवासियों के कारण हो रही है। ये ड्रग्स के व्यापार के लिए मणिपुर आए और अब पूरे नॉर्थ-ईस्ट को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें..