Thursday, December 26, 2024
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मणिपुर में उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू: सीएम बीरेन सिंह बोले- जिरीबाम में 6 लोगों के हत्यारों को पकड़ने तक अभियान जारी रहेगा


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इंफाल17 मिनट पहले

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राज्य सरकार ने जिरीबाम से 6 लोगों को अगवा कर उनकी हत्या करने वालों को पकड़ने के लिए राज्यव्यापी अभियान चलाया है।

मणिपुर सरकार ने उग्रवादियों को पकड़ने के लिए बड़े स्तर पर ऑपरेशन लॉन्च किया है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मंगलवार को कहा कि जिरीबाम जिले में अपहरण कर मारे गए तीन बच्चों और तीन महिलाओं के हत्यारों को पकड़ने के लिए पूरे राज्य में अभियान चलाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि 7 और 11 नवंबर को जिरीबाम में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के बाद CRPF की दो कंपनियों को वहां भेजा गया था। इसके तुरंत बाद ही पांच अतिरिक्त कंपनियों को वहां तैनात किया गया। बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन कुछ आरोपियों की पहचान की गई है। जब तक गुनहगारों को गिरफ्तार करके उनके खिलाफ केस दर्ज नहीं किया जाता है, ऑपरेशन जारी रहेगा।

जिरीबाम में सर्च ऑपरेशन को अंजाम देते केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवान।

जिरीबाम में सर्च ऑपरेशन को अंजाम देते केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवान।

बीरेन सिंह की 4 प्रमुख बातें…

1. हम जनता को बताना चाहते हैं कि मौजूदा हालात में हम हम मीडिया के जरिए आपको जानकारी नहीं दे पाएंगे। कई ऐसे मौके रहे हैं, जब सरकार ने सार्वजनिक तौर पर कोई ऐलान किया है और उसका फायदा उठाकर हमारे अभियानों को रोकने की कोशिश की गई है और हमारे लिए मुश्किलें खड़ी की गई हैं।

2. राज्य के मुद्दे बहुत उलझे हुए हैं। यहां बाहरी ताकतों का भी दखल है, जिसके बारे में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नेताओं और गृह मंत्रालय को जानकारी दे दी गई है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने आधिकारिक प्रेस रिलीज जारी करके बताया है कि जिरीबाम में हुई सभी छह हत्याओं (3 महिला और 3 बच्चे) और जायरोकपोकपी में अन्य महिला की मौत, CRPF पर उग्रवादियों के हमले और परिणामस्वरूप 10 उग्रवादियों की मौत के केस को एजेंसी ने दोबारा दर्ज किया है।

3. मैं लोगों अपील करना चाहता हूं कि अपना संयम बनाए रखें क्योंकि ये बहुत ही गंभीर स्थिति है और भावनाओं के आधार पर इसका समाधान नहीं निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में दोबारा AFSPA लगाया गया है, उनकी सरकार उन इलाकों से AFSPA हटाने की मांग करती रहेगी।

4. हमारी सरकार के सामने इस वक्त जो चुनौतियां हैं, उन्हें कुछ संगठन गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। ये चुनौतियां हमारे सामने इसलिए आई हैं, क्योंकि हमने यहां के लोगों को अवैध प्रवासियों और ड्रग्स से बचाने की कोशिश की। हम इन मुद्दों पर कभी समझौता नहीं करेंगे।

मुख्यमंत्री उन बीरेन सिंह ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत की।

मुख्यमंत्री उन बीरेन सिंह ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत की।

जिरीबाम से अगवा किए गए 6 लोगों में से 3 की पोस्टमॉटर्म रिपोर्ट सामने आई 11 नवंबर को जिरीबाम में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 10 कुकी-जो उग्रवादियों को मार गिराया था। इसके बाद कुकी उग्रवादियों ने एक मैतेई परिवार के 6 लोगों को अगवा कर लिया था। इनमें तीन महिलाएं और तीन बच्चे थे। ये जिरीबाम के राहत शिविर में शरण लिए थे। 16 नवंबर को इनके शव नदी में तैरते मिले थे।

रविवार को इनमें से 3 के शवों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई। इन शवों में 3 साल के बच्चे चिंगखेंगनबा का शव भी था। डॉक्टरों को बच्चे के सिर में गोली का घाव मिला। दिमाग का एक हिस्सा और दाहिनी आंख गायब थी। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि बच्चे को पास से सिर में गोली मारी, जिससे उसके दिमाग का हिस्सा उड़ गया। उसके सीने और शरीर में कई जगह चाकू के घाव और हाथ में फ्रैक्चर मिला है।

तस्वीर में दिखाई दे रहे सभी 6 लोग मैतेई समुदाय के थे। फिलहाल 3 (लाल घेरे में) की ही पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है।

तस्वीर में दिखाई दे रहे सभी 6 लोग मैतेई समुदाय के थे। फिलहाल 3 (लाल घेरे में) की ही पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है।

एक महिला के सीने में 3 तो दूसरी के शरीर में 5 गोलियों के घाव मिले अभी छह में दो महिलाओं 60 साल की वाई रानी देवी, 25 साल की एल. हेतोनबी देवी और 3 साल के चिंगखेंगनबा सिंह की ही पीएम रिपोर्ट आई है। अपहरण के बाद इनकी फोटो वायरल हुई थी। इसमें 3 साल के चिंगखेंगनबा के सामने उसकी मां हेतोनबी और आठ महीने का भाई बैठा है। रिपोर्ट बताती है कि हेतोनबी की छाती में 3 गोलियां मारी गई थीं। रानी देवी की खोपड़ी, पेट, हाथ में एक-एक तो छाती में दो गोलियों के घाव मिले हैं।

मणिपुर की सुरक्षा में CAPF की 288 कंपनियां तैनात जिरीबाम से 6 लोगों के अगवा किए जाने और उनके शव मिलने के बाद से इलाके में हालात और खराब हो गए। यहां हिंसा बढ़ गई, जिसके चलते सेंट्रल आर्म्ड फोर्स की 288 कंपनियां तैनात की गईं। शुक्रवार को 90 और कंपनियों को तैनात किया गया।

मणिपुर के चीफ सिक्योरिटी एडवाइजर कुलदीप सिंह ने कहा था कि कंपनियों को अलग-अलग जगह भेजा जा रहा है। मणिपुर में CRPF, SSB, असम राइफल, ITBP सहित दूसरी आर्म्ड फोर्स की कंपनियां तैनात हैं।

चीफ सिक्योरिटी एडवाइजर कुलदीप सिंह ने कहा था कि हमने पुख्ता इंतजाम किए हैं। हर जिले में नए कोऑर्डिनेशन सेल और जॉइंट कंट्रोल रूम तैयार किए जाएंगे। हमने उन सेल और और जॉइंट कंट्रोल रूम का रिव्यू किया है जो पहले से मौजूद हैं।

केंद्र सरकार ने हाल ही में मणिपुर में CAPF की 50 नई कंपनियां तैनात करने की घोषणा की थी।

केंद्र सरकार ने हाल ही में मणिपुर में CAPF की 50 नई कंपनियां तैनात करने की घोषणा की थी।

मंत्री एल सुसींद्रो ने घर को कंटीले तारों से कवर किया 16 नवंबर को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह और 17 विधायकों के घर पर हमले हुए थे। राज्य के मंत्री एल सुसींद्रो के घर को भी निशाना बनाया गया था।

सुसींद्रो ने इंफाल ईस्ट स्थित अपने घर को कंटीले तारों और लोहे के जाल से कवर किया है। उन्होंने कहा- संपत्ति की रक्षा करना हमारा संवैधानिक हक है। अगर भीड़ ने फिर हमला किया तो इसका जवाब दिया जाएगा।

सुसींद्रो ने कहा था कि मई से यह तीसरी बार है, जब मेरी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। इस बार करीब 3 हजार लोग घर के बाहर जुट गए। उन्होंने घर को नुकसान पहुंचाया, फायरिंग की गई।

BSF और मेरे सुरक्षाबलों ने पूछा कि क्या किया जाना चाहिए तो मैंने कहा कि भीड़ को कोई नुकसान नहीं पहुंचाना है। हालांकि उन्होंने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायर किए।

सुसींद्रो काफी चर्चा में रहते हैं। जब मणिपुर में हथियार लूटे जा रहे थे, तब उन्होंने घर में वेपंस ड्रॉप बॉक्स बनाया था, ताकि लोग हथियार जमा कर दें। सुसींद्रो, मैतेई समुदाय से आते हैं।

मणिपुर के मंत्री सुसींद्रो ने अपने घर को कंटीले तारों से घेर दिया है।

मणिपुर के मंत्री सुसींद्रो ने अपने घर को कंटीले तारों से घेर दिया है।

16 नवंबर को उपद्रवियों ने मंत्रियों और विधायकों के घर हमला किया था। वाहनों में आग लगाई थी और फायरिंग भी की थी।

16 नवंबर को उपद्रवियों ने मंत्रियों और विधायकों के घर हमला किया था। वाहनों में आग लगाई थी और फायरिंग भी की थी।

विधायक के घरों से लूटे डेढ़ करोड़ के जेवर विधायकों के घरों पर हमले के दौरान 1.5 करोड़ रुपए के जेवर लूटे जाने की बात सामने आई है। JDU विधायक के. जॉयकिशन सिंह की मां ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई। तोड़फोड़ करने वाली भीड़ ने थांगमेइबंद इलाके में विधायक के आवास से 18 लाख रुपए नकद भी लूटे थे। विस्थापितों के लिए रखा सामान भी नष्ट किया था।

रिलीफ कैंप की वॉलंटियर सनयाई ने दावा किया कि हिंसा के दौरान लॉकर, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान और फर्नीचर में तोड़फोड़ की गई। भीड़ 7 गैस सिलेंडर ले गई। विस्थापितों के दस्तावेज नष्ट कर दिए। तीन एसी भी ले जाने की कोशिश की।

हिंसाग्रस्त इलाकों में आने-जाने वालों की जांच करते सुरक्षाबल।

हिंसाग्रस्त इलाकों में आने-जाने वालों की जांच करते सुरक्षाबल।

मणिपुर में दोबारा हालात क्यों बिगड़े

  • 11 नवंबर: सुरक्षाबलों ने जिरिबाम में 10 कुकी उग्रवादियों को मार गिराया था। मुठभेड़ के दौरान कुकी उग्रवादियों ने 6 मैतेई (3 महिलाओं, 3 बच्चों) को किडनैप किया था।
  • 15-16 नवंबर: किडनैप हुए छह लोगों में से पांच के शव बरामद हुए।
  • 16 नवंबर: CM बीरेन सिंह और भाजपा विधायकों के घरों पर हमले हुए थे। वहीं, कुछ मंत्रियों सहित भाजपा के 19 विधायकों ने CM बीरेन सिंह को हटाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को पत्र लिखा
  • 17 नवंबर: रात में जिरिबाम जिले में पुलिस की गोली से मैतेई प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी, जिसके बाद से हालात और बिगड़ गए। CRPF के डीजी अनीश दयाल सिंह 17 नवंबर को हिंसा का जायजा लेने के लिए मणिपुर पहुंचे।
  • 18 नवंबर: अगवा हुई आखिरी महिला का शव मिला।

मणिपुर में नवंबर में हुईं हिंसक घटनाएं

  • 11 नवंबर: मणिपुर के याइंगंगपोकपी शांतिखोंगबन इलाके में खेतों में काम कर रहे किसानों पर उग्रवादियों ने पहाड़ी से गोलीबारी की थी, जिसमें एक किसान की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे।
  • 9-10 नवंबर: इंफाल पूर्वी जिले के सनसाबी, सबुंगखोक खुनौ और थमनापोकपी इलाकों में 10 नवंबर को गोलीबारी की घटना हुई थी। 9 नवंबर को बिष्णुपुर जिले के सैटन में उग्रवादियों ने 34 साल की महिला की हत्या कर दी थी। घटना के वक्त महिला खेत में काम कर रही थी।
  • 8 नवंबर: जिरीबाम जिले के जैरावन गांव में हथियारबंद उग्रवादियों ने 6 घर जला दिए थे। ग्रामीणों का आरोप था कि हमलावरों ने फायरिंग भी की थी। घटना में एक महिला की मौत हुई थी। मृतक महिला की पहचान जोसंगकिम हमार (31) के रूप में हुई थी। उसके 3 बच्चे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि हमलावर मैतेई समुदाय के थे। घटना के बाद कई लोग घर से भाग गए।
  • 7 नवंबर: हमार जनजाति की एक महिला को संदिग्ध उग्रवादियों ने मार डाला था। उन्होंने जिरीबाम में घरों को भी आग लगा दी। पुलिस केस में उसके पति ने आरोप लगाया कि उसे जिंदा जलाने से पहले उसके साथ रेप किया गया था। एक दिन बाद, मैतेई समुदाय की एक महिला को संदिग्ध कुकी विद्रोहियों ने गोली मार दी थी।

मणिपुर में हिंसा के 570 दिन कुकी-मैतेई के बीच 570 से ज्यादा दिनों से हिंसा जारी है। इस दौरान 237 मौतें हुईं, 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए, 60 हजार लोग घर छोड़कर रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। करीब 11 हजार FIR दर्ज की गईं और 500 लोगों को अरेस्ट किया गया।

इस दौरान महिलाओं की न्यूड परेड, गैंगरेप, जिंदा जलाने और गला काटने जैसी घटनाएं हुईं। अब भी मणिपुर दो हिस्सों में बंटा हैं। पहाड़ी जिलों में कुकी हैं और मैदानी जिलों में मैतेई। दोनों के बीच सरहदें खिचीं हैं, जिन्हें पार करने का मतलब है मौत।

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मणिपुर CM बोले- ताजा हिंसा के लिए चिदंबरम जिम्मेदार: केंद्रीय गृह मंत्री रहते उन्होंने म्यांमार के उग्रवादी गुटों से समझौता किया था

मणिपुर में फिर से हिंसा का दौर शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा था कि मणिपुर में फिर से हिंसा पी चिदंबरम की नीतियों के कारण शुरू हुई है। बीरेन सिंह ने चिदंबरम की एक पुरानी तस्वीर दिखाते हुए कहा था- मणिपुर में ताजा हिंसा म्यांमार से आए अवैध अप्रवासियों के कारण हो रही है। ये ड्रग्स के व्यापार के लिए मणिपुर आए और अब पूरे नॉर्थ-ईस्ट को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें..

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