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मणिपुर में सेना के जॉइंट ऑपरेशन में 8 उग्रवादी गिरफ्तार: 25 हथियार, गोला-बारूद बरामद किए; कल CM बीरेन सिंह ने इस्तीफा दिया था


मणिपुर1 मिनट पहले

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मणिपुर में सेना ने जॉइंट ऑपरेशन में 8 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। सेना ने सोमवार को बताया कि असम राइफल्स, मणिपुर पुलिस ने 2 से 4 फरवरी के बीच काकचिंग, थौबल, टेंग्नौपाल, विष्णुपुर, इंफाल ईस्ट और चंदेल जिलों में जॉइंट ऑपरेशन चलाया था। इस दौरान उग्रवादियों से 25 हथियार और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किए गए हैं।

ऑपरेशन की तस्वीरें…

सेना के ऑपरेशन की टाइमलाइन

2 फरवरी: असम राइफल्स ने 2 फरवरी को चंदेल जिले के लाइचिंग-दुथांग क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया। इसमें एक एके-47 राइफल, एक देसी पीटी 303 राइफल, एक 9 एमएम पिस्तौल, एक 12 बोर राइफल, IED, ग्रेनेड, गोला-बारूद और अन्य सामग्री बरामद की।

3 फरवरी: सेना ने CRPF और मणिपुर पुलिस के साथ बिष्णुपुर जिले के सैटन खुनाओ और आसपास के गांवों से एक एके-47 राइफल, दो 9 एमएम सबमशीन गन, दो पिस्तौल, एक 2 इंच मोर्टार, ग्रेनेड, दो आईईडी और गोला-बारूद बरामद किया।

4 फरवरी: असम राइफल्स के जवानों ने टेंग्नौपाल जिले के वन क्षेत्र में एक एरिया डोमिनेशन पेट्रोल के दौरान तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया। इनसे तलाशी में कैलिबर के इम्प्रोवाइज्ड प्रोजेक्टाइल लॉन्चर (पोम्पी) और स्थानीय रूप से निर्मित ग्रेनेड मिले।

6 फरवरी: काकचिंग जिले के नोंगयाई हिल रेंज में सेना, असम राइफल्स, BSF और मणिपुर पुलिस के संयुक्त अभियान में एक 7.62 मिमी सेल्फ लोडिंग राइफल (SLR), एक सिंगल बैरल गन, दो IED, ग्रेनेड, गोला-बारूद और अन्य सामान बरामद हुए।

7 फरवरी: चंदेल जिले में असम राइफल्स ने गेलजांग और त्यांग के बीच तलाशी अभियान में एक 7.62 मिमी असॉल्ट राइफल, गोला-बारूद और अन्य युद्ध सामग्री बरामद की। इसी समय असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस ने विष्णुपुर जिले के उयोक में तलाशी अभियान चलाया। इसमें एक 303 राइफल, तीन सिंगल बोर बैरल गन, पिस्टल, गोला-बारूद, हथगोले और अन्य युद्ध संबंधी सामान बरामद हुए।

8 फरवरी को,अलग अलग जिलों में खुफिया जानकारी के आधार पर कई ऑपरेशन चलाए गए। इसमें आठ उग्रवादियों की गिरफ्तारी हुई और हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए।

एक दिन पहले CM ने इस्तीफा दिया

एन बीरेन सिंह के साथ मणिपुर के गवर्नर अजय कुमार भल्ला से मिलने भाजपा नॉर्थ ईस्ट कोऑर्डिनेटर संबित पात्रा और मंत्रिमंडल के सदस्य भी पहुंचे।

एन बीरेन सिंह के साथ मणिपुर के गवर्नर अजय कुमार भल्ला से मिलने भाजपा नॉर्थ ईस्ट कोऑर्डिनेटर संबित पात्रा और मंत्रिमंडल के सदस्य भी पहुंचे।

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को अपना इस्तीफा गवर्नर को सौंप दिया। गवर्नर अजय कुमार भल्ला ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और बीरेन सिंह से कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर पद संभालने के लिए कहा है।

बीरेन सिंह पर राज्य में 21 महीने से जारी हिंसा के चलते काफी दबाव था। विपक्षी पार्टियां भी लगातार NDA से इस मुद्दे पर सवाल पूछ रही थीं। इस्तीफे का फैसला लेने से पहले बीरेन सिंह ने रविवार सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की थी। नए मुख्यमंत्री पर फैसला एक-दो दिन के भीतर लिया जाएगा।

बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद इंफाल में सुरक्षा बढ़ा दी गई

बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद इंफाल में सुरक्षा बढ़ा दी गई

5 महीने से चल रही थी हटाने की कवायद बीरेन को हटाने की कवायद पिछले साल सितंबर-अक्टूबर से चल रही थी। तब स्पीकर टी. सत्यव्रत सिंह के नेतृत्व में 19 विधायक शाह और पीएम नरेंद्र मोदी से मिले थे। महाराष्ट्र चुनाव के चलते मामला टल गया था। दिल्ली में वोटिंग से दो दिन पहले (3 फरवरी को) 33 विधायक दिल्ली गए। इनमें भाजपा के 19 विधायकों के साथ ही 5 कांग्रेसी और 10 कुकी विधायक थे।

इस मीटिंग में रहे एक विधायक ने भास्कर को बताया- हमने गृहमंत्री को कहा था कि अगर बीरेन सिंह को नहीं हटाया तो बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाएगी और हम समर्थन करेंगे। इसके बाद पार्टी ने बीरेन को इस्तीफा देने के लिए कहा।

CM पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा 3 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा पर सुनवाई की थी। कुकी ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट (KOHUR) की तरफ से कोर्ट में याचिका दाखिल करके कुछ ऑडियो क्लिप्स की जांच की मांग की थी। दावा किया गया था कि ऑडियो में CM कथित तौर पर कह रहे हैं कि उन्होंने मैतियों को हिंसा भड़काने की अनुमति दी और उन्हें बचाया।

याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने कहा- जो टेप सामने आए हैं, वे बहुत गंभीर हैं। इस पर CJI संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की बेंच ने मणिपुर सरकार से कहा कि सुनिश्चित करिए कि ये एक और मुद्दा न बने। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (CFSL) से सीलबंद लिफाफे में 6 हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है।

प्रियंका बोलीं- इस्तीफा पहले ही होना चाहिए था

राहुल बोले- PM को तुरंत मणिपुर जाना चाहिए एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हिंसा, जान-माल के नुकसान के बावजूद पीएम मोदी ने एन बीरेन सिंह को पद पर बनाए रखा। लेकिन अब लोगों की तरफ से बढ़ते दबाव, सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव की वजह से एन बीरेन सिंह इस्तीफा देने को मजबूर हो गए।

X पोस्ट में उन्होंने कहा कि इस वक्त सबसे जरूरी बात यह है कि राज्य में शांति बहाल की जाए और मणिपुर के लोगों के घावों को भरने का काम किया जाए। पीएम मोदी को तुरंत मणिपुर जाना चाहिए, वहां के लोगों की बात सुननी चाहिए और यह बताना चाहिए कि वे हालात सामान्य करने के लिए क्या योजना बना रहे हैं।

मणिपुर भाजपा अध्यक्ष बोलीं- इस्तीफा राज्य में शांति के लिए मणिपुर भाजपा अध्यक्ष ए शारदा देवी ने एन बिरेन सिंह के इस्तीफे का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला राज्य में शांति के लिए लिया गया है। शारदा देवी ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि बिरेन सिंह ने राज्य के लोगों के हित के लिए इस्तीफा दिया है। उन्होंने पार्टी के विधायकों के बीच किसी मतभेद से इनकार किया।

ITLF ने कहा- बिरेन CM रहें या नहीं, हमारी मांग अलग प्रशासन की कूकी समुदाय की संस्था ITLF के प्रवक्ता गिन्जा वूलजोंग ने कहा- बीरेन सिंह ने मणिपुर विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव में हार के डर से इस्तीफा दिया है। हाल ही में उनका एक ऑडियो टेप लीक हुआ था, जिसका संज्ञान सुप्रीम कोर्ट ने लिया है। ऐसे में अब भाजपा के लिए भी उन्हें बचाना मुश्किल लग रहा है।

बिरेन चाहे मुख्यमंत्री रहें या नहीं, हमारी मांग अलग प्रशासन की है। मैतेई समुदाय ने हमें अलग किया है। अब हम पीछे नहीं हट सकते। बहुत खून बह चुका है। एक राजनीतिक हल ही हमारी मुसीबत का समाधान कर सकता है। कूकी समुदाय अलग प्रशासन की मांग को लेकर अब भी जस का तस कायम है।

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