Thursday, April 10, 2025
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मणिपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने फोरेंसिक रिपोर्ट मांगी: लीक ऑडियो क्लिप में CM पर हिंसा भड़काने का आरोप, कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग


नई दिल्ली/इंफाल1 मिनट पहले

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मणिपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (CFSL) से सीलबंद लिफाफे में 6 हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। दरअसल, कुछ ऑडियो क्लिप सामने आए हैं, जिसमें मणिपुर के CM पर हिंसा करवाने का आरोप है।

कुकी ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट (KOHUR) ने इन ऑडियो क्लिप की कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है। दावा है कि ऑडियो में CM कथित तौर पर कह रहे हैं कि उन्होंने मैतियों को हिंसा भड़काने की अनुमति दी और उन्हें बचाया।

याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने कहा- जो टेप सामने आए हैं, वे बहुत गंभीर हैं। इस पर CJI संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की बेंच ने मणिपुर सरकार से कहा कि सुनिश्चित करिए कि ये एक और मुद्दा न बने। ⁠24 मार्च से शुरू होने वाले हफ्ते में इस पर सुनवाई होगी।

जस्टिस संजय कुमार ने सुनवाई से अलग होने का प्रस्ताव रखा

सुनवाई की शुरुआत में जस्टिस पीवी संजय कुमार ने पूछा कि क्या उन्हें सुनवाई से अलग हो जाना चाहिए। जवाब में याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कहा- न्यायमूर्ति कुमार को मामले से अलग होने की जरूरत नहीं है। दरअसल, जब जस्टिस संजय कुमार प्रमोशन के बाद सुप्रीम कोर्ट आए तो मणिपुर CM की डिनर पार्टी में वो शामिल हुए थे।

मणिपुर CM ने कहा था- मेरे खिलाफ साजिश हुई

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने PTI को दिए इंटरव्यू में ऑडियो क्लीप मामले पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग उनके पीछे पड़े हैं। एक साजिश चल रही है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इस बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहिए। मामले को लेकर एक FIR भी दर्ज हो चुकी है।

कोर्ट रूम लाइव….

प्रशांत भूषण: ट्रुथ लैब्स की स्थापना साल 2007 में हुई थी। ये भारत की पहली नॉन-गवर्नमेंट फुल फ्लेज्ड फोरेंसिक लैब है। ट्रुथ लैब्स ने पुष्टि की है कि 93% ऑडियो टेप CM एन बीरेन सिंह की आवाज से मेल खाते हैं।

SG तुषार मेहता: ट्रुथ लैब्स की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता। ऑडियो क्लिप सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (CFSL) भेजी गई है।

प्रशांत भूषण: CFSL की रिपोर्ट की तुलना में ट्रुथ लैब्स की रिपोर्ट कहीं अधिक विश्वसनीय हैं।

(दावे सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने CFSL से सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट मांगी, मामले को 24 मार्च से शुरू होने वाले सप्ताह में दोबारा सुनवाई के लिस्ट किया)

CJI संजीव खन्ना: सॉलिसिटर जनरल से कहते हुए- मुझे ट्रांसक्रिप्ट की सत्यता भी नहीं पता, CFSL रिपोर्ट कब आएगी? इसकी जांच की जाए। इसे एक और मुद्दा न बनने दें। एक महीने के भीतर रिपोर्ट दाखिल करें। राज्य अब पीछे की ओर बढ़ रहा है। हमें यह भी देखना होगा कि इस मामले की सुनवाई इस न्यायालय को करनी चाहिए या हाई कोर्ट को।

प्रशांत भूषण: ऑडियो क्लिप मणिपुर के मुख्यमंत्री के साथ बंद कमरे में हुई बैठक के दौरान एक व्यक्ति द्वारा रिकॉर्ड की गई थी।

SG तुषार मेहता: जांचकर्ताओं ने उस व्यक्ति से संपर्क किया है, जिसने ऑडियो क्लिप x पर अपलोड की थी। एक और मुद्दा यह भी है कि याचिकाकर्ता पर तरह का बोझ है। उसकी विचारधारा अलगाववादी है। तीनों जजों की समिति की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि वो इस मुद्दे को लगातार मुद्दा बनाए हुए है।

मेहता ने बेंच के सामने मणिपुर संकट पर पूर्व हाईकोर्ट जज गीता मित्तल की अध्यक्षता वाली कमेटी का जिक्र किया। जिसने नवंबर 2023 में सिविल सोसाइटी ग्रुप की गई कार्रवाइयों को अस्थिर करने वाला बताया था।

बीरेन सरकार चुप रहने का दबाव बना रही

कुकी ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट (KOHUR) अध्यक्ष एचएस बेंजामिन मेट कुकी इंपी नाम के एक और ग्रुप के टॉप लीडर हैं। इसने मणिपुर से अलग प्रशासन बनाने के लिए सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (SOO) समझौते के तहत कुकी लीडर्स और उग्रवादियों की मांग का समर्थन किया था। बेंजामिन का आरोप है कि बीरेन सिंह की सरकार उनके संगठन पर चुप का दबाव बना रही है। उन्हें इसके लिए मजबूर किया जा रहा है।

गृह मंत्रालय जांच आयोग

गृह मंत्रालय का गठित जांच आयोग ऑडियो टेप की जांच कर रहा है। द वायर की खबर के मुताबिक टेप जमा करने वाले लोगों ने शपथ पत्र दिया है कि टेप असली थे।

कुकी छात्र संगठन (KSO) ने सबसे पहले 7 अगस्त, 2024 को ऑडियो क्लिप का एक हिस्सा जारी किया था। दूसरा पार्ट 20 अगस्त को जारी किया गया था, जब द वायर ने इस मामले की रिपोर्ट पब्लिश की थी।

मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने से पहले KSO ने एक बयान में कहा था- वह मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की लीक हुई ऑडियो रिकॉर्डिंग के संबंध में भारत सरकार की लगातार अनदेखी से बहुत हैरान है। भारत सरकार हाथ पर हाथ रखे बैठी है।

शांति वार्ता को पटरी से उतारने की कोशिश

मणिपुर सरकार ने 7 अगस्त 2024 को जारी बयान में कहा था- यह छेड़छाड़ किया गया ऑडियो सांप्रदायिक हिंसा को भड़काने और कई स्तरों पर शुरू की गई शांति प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश है। मणिपुर कांग्रेस के उपाध्यक्ष लम्तिंथांग हाओकिप भी उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने कथित ऑडियो क्लिप पोस्ट की थी।

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