मथुरा में रामकृष्ण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा प्रस्तावित रैली को पुलिस ने रोक दिया। पुलिस ने उन्हें नजरबंद कर दिया, जिससे वे रैली का नेतृत्व करने से वंचित रह गए। रैली के आयोजन के पीछे सेना का उद्देश्य अपनी मांगों और विचारधारा को जनता के समक्ष प
.
पुलिस के अनुसार, इस रैली से शहर में शांति भंग होने की संभावना थी। प्रशासन का मानना था कि रैली में भाग लेने वालों की बड़ी संख्या और संभावित टकराव की स्थिति से सुरक्षा व्यवस्था पर खतरा मंडरा सकता था।
नगर के कुछ इलाकों में पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति होने के कारण, पुलिस ने यह कदम उठाया ताकि शांति और व्यवस्था बनाए रखी जा सके।
श्रीरामकृष्ण सेना के समर्थकों ने पुलिस के इस कदम का विरोध किया और इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया। उनका कहना था कि शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने का अधिकार हर नागरिक को है और प्रशासन का यह कदम उनके अधिकारों का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन अपना तानाशाही रवैया अपना रहा हैं। लोकतंत्र की हत्या की जा रही हैं। क्योंकि आम हो या कोई भी संगठन सभी कक अपनी बात रखने का अधिकार हैं।
उसी अधिकार के तहत हम लोग रैली के माध्यम से अपनी समस्याओं को अवगत कराना चाहते थे। लेकिन पुलिस ने हमें और हमारे पदाधिकारियो को सुबह से ही घरों नजर बैंड कर दिया। जिसकी हम निन्दा करते हैं।