यूपी में प्रयागराज के एक मदरसे में 100-100 रुपए के जाली नोट छापे जा रहे थे। पुलिस ने यहां से 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक ओडिशा का रहने वाला है। इनके पास से 1.30 लाख की फेक करेंसी बरामद की गई है।
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गिरफ्तार आरोपियों में मदरसे का मौलवी मोहम्मद तफसीरूल भी शामिल है। DCP सिटी दीपक भूकर ने बताया- मामला अतरसुइया इलाके के मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम का है।
ये पकड़े गए चारों आरोपी हैं। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है।
मशीन में फंसे मिले जाली नोट
DCP ने बताया- मुखबिर ने हमें सूचना दी थी कि मदरसे में संदिग्ध एक्टिविटी है। यहां बाहरी लोगों का आना-जाना है। इसके बाद हमने जांच तेज की। मदरसे से जुड़ा मामला था, इसलिए पूरी सावधानी बरती गई।
जब हमें कन्फर्म हो गया कि मदरसे में कुछ गलत हो रहा है, तब यहां रेड की गई। इस दौरान हमें वहां प्रिंटिंग मशीन में नोट छापते हुए तीन लोग मिले। पूछताछ में उन्होंने मदरसे के प्रिंसिपल की संलिप्तता कबूल की। इसके बाद प्रिंसिपल को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

पकड़े गए फेक नोट को दिखाते DCP सिटी दीपक भूकर।
ओडिशा का जाहिर खान गिरोह का मास्टरमाइंड
आरोपियों में प्रयागराज के कौली थाना क्षेत्र के अंधीपुर रोड गौसनगर का रहने वाला मो. अफजल (18) पुत्र मोईद अहमद और मोहम्मद शाहिद (18) पुत्र अब्दुल गफ्फार गिरफ्तार किए गए हैं। इसके अलावा ओडिशा का जाहिर खान उर्फ अब्दुल जाहिर पुत्र साजिद खान (23) और अतरसुईया थाना का मोहम्मद तफसीरूल (25) आरीफीन पुत्र आशिकुल रहमान पकड़ा गया है।

मदरसे से बरामद हुई फेक करेंसी और प्रिटिंग मशीन।
जेब से मिलीं नकली नोटों की गडि्डयां
छापेमारी के दौरान मोहम्मद अफजल के कुर्ते की बाईं जेब से 100-100 के नोट की दो गड्डियां बरामद की गई हैं। इसी तरह मोहम्मद शाहिद के पैंट की जेब से नोट बरामद हुए। इसके अलावा 234 पेज छपे हुआ बिना कटे नोट, एक लैपटॉप,एक कलर प्रिंटर व अन्य उपकरण व सामग्री बरामद हुए हैं।

मदरसे की छुट्टी के बाद छापे जाते थे नोट
पुलिस इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि ओडिशा का जाहिर खान नकली नोट बनाने में माहिर है। वही गैंग का मास्टरमाइंड है। मदरसे में उसे अलग से एक कमरा दिया गया था। बच्चों की छुट्टी के बाद वह प्रिंटिंग मशीन से नोट छापता था। इसके बाद नोटों की सफाई और कटिंग की जाती थी।
इस काम में अफजल उसका साथ देता था। मदरसे में करीब 3 महीने से नकली नोट छापे जा रहे थे। इस काम में जाहिर ने ओडिशा के भद्रक में रहने वाले अपने भाई से मदद ली थी। उसका भाई पहले प्रयागराज में आधार कार्ड बनाने का काम करता था। उसने ही स्कैनर और प्रिंटिंग मशीन लाकर दी थी।

पकड़े गए नोटों में असली-नकली की पहचान कर पाना मुश्किल है।
इलाके के बाजार में नकली नोटों का ट्रायल करते थे आरोपी
पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि ये लोग नोट छापने के बाद प्रयागराज के मार्केट में इसका ट्रायल करते थे। इन्होंने आसपास के अतरमुईया, कीडगंज, खुल्दाबाद क्षेत्रों में ये नोट चलाए हैं। आरोपियों ने बताया कि 100 रुपए का नोट आसानी से चल जाता है। इसलिए यही छापते थे।
लोगों को बेचते थे 100 रुपए में 3 नोट
आरोपियों ने बताया कि मदरसे के मौलवी तफसीरूल की शह पर नकली नोट बनाने का धंधा चल रहा था। उसे इसके लिए हिस्सा मिलता था। लेकिन कितना शेयर था, इसकी जानकारी पुलिस ने नहीं दी है। पुलिस ने बताया- गिरोह के लोग युवा लड़कों को टारगेट बनाते थे। उन्हें 100 रुपए के असली नोट के एवज में 3 नकली नोट दिए जाते थे। इस तरह पूरा सिंडिकेट काम कर रहा था।
DCP सिटी दीपक भूकर ने बताया- आरोपी छह माह से प्रयागराज में नोट छापने का काम कर रहे थे। 1.30 लाख की नकली नोट मिले हैं। शीट इतनी है है कि चार लाख की और जाली करेंसी छप जाती। शहर में अब तक कितनी जाली करेंसी खपा चुके हैं, इसका अंदाजा ही लगाया जा सकता है। इतना साफ है कि पांच लाख के नोट मार्केट में उतार दिए थे। हालांकि पूछताछ में बोल रहे हैं कि ज्यादा नहीं छापा था। एक से दो लाख रुपए बाजार में खपाने की बात कबूल कर रहे हैं।
पूरे मामले में जांच की जा रही है। सिंडिकेट में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। इन्होंने अब तक कहां-कहां नोटों की सप्लाई की है यह पता लगाया जा रहा है। उड़ीसा से आए युवक का बैकग्राउंड खंगाला जा रहा है।
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