Sunday, December 29, 2024
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मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार की व्यवस्थाओं से कांग्रेस नाराज: कहा- परिवार के लिए सिर्फ 3 कुर्सियां रखी गईं, गन सैल्यूट के दौरान PM बैठे रहे


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नई दिल्ली14 मिनट पहले

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निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार किया गया।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर विवाद के बीच कांग्रेस ने उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक X पोस्ट में कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के राजकीय अंतिम संस्कार में सरकार की तरफ से अव्यवस्था और अनादर देखकर हैरानी हुई।

खेड़ा ने 9 पॉइंट में अंतिम संस्कार से जुड़ी आपत्तियां दर्ज कराईं। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह के परिवार के लिए 3 ही कुर्सियां रखी गई थीं। परिवार के बाकी लोगों के लिए कुर्सियां मांगनी पड़ीं।

इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी पर ये आरोप भी लगाया कि जब डॉ. सिंह की पत्नी को राष्ट्रीय सौंपा गया और गन सैल्यूट दिया गया, तो पीएम मोदी और मंत्री खड़े नहीं हुए।

खेड़ा ने कहा कि इस अव्यवस्था और अनादर से ये साफ होता है कि एक महान नेता के प्रति सरकार की प्राथमिकताओं और लोकतांत्रिक मूल्यों में कितनी कमी है। डॉ. सिंह सम्मान और गरिमा के हकदार थे।

इससे पहले राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करवाकर केंद्र सरकार ने उनका सरासर अपमान किया है।

अंतिम सफर के दौरान भी डॉ. मनमोहन सिंह को उनकी पसंदीदा नीली पगड़ी पहनाई गई। उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी को याद रखने के लिए उसके एक रंग को अपनी पगड़ी का सिग्नेचर कलर बना लिया था।

अंतिम सफर के दौरान भी डॉ. मनमोहन सिंह को उनकी पसंदीदा नीली पगड़ी पहनाई गई। उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी को याद रखने के लिए उसके एक रंग को अपनी पगड़ी का सिग्नेचर कलर बना लिया था।

पवन खेड़ा की तरफ से दर्ज कराई गईं 9 आपत्तियां…

1. डीडी को छोड़कर किसी भी न्यूज एजेंसी को अंतिम संस्कार के कार्यक्रम को कवर करने की अनुमति नहीं दी गई। डीडी का ध्यान केवल मोदी और शाह पर था। डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार को मुश्किल से दिखाया गया।

2. मनमोहन सिंह के परिवार के लिए केवल 3 कुर्सियां रखी गई थीं। कांग्रेस नेताओं को उनके परिवार की बेटियों और अन्य सदस्यों के लिए सीटें मांगनी पड़ीं।

3. राष्ट्रीय ध्वज उनकी विधवा को सौंपे जाते समय और मनमोहन सिंह को गन सल्यूट दिए जाने के दौरान PM और मंत्री खड़े नहीं हुए।

4. मनमोहन सिंह की चिता के पास परिवार को पर्याप्त जगह नहीं दी गई। सैनिकों ने एक तरफ की जगह ले रखी थी।

5. जनता को बाहर रखा गया। लोग केवल बाहर से कार्यक्रम देखते रहे।

6. अमित शाह के काफिले ने अंतिम यात्रा को बाधित किया। परिवार की गाड़ियां बाहर रह गईं, गेट बंद कर दिया गया। परिवार के सदस्यों को ढूंढकर अंदर लाना पड़ा।

7. डॉ. सिंह के पोते-पोतियों को अंतिम संस्कार की रस्में निभाने के लिए चिता तक पहुंचने में धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ा।

8. विदेशी राजनयिक अलग जगह बैठाए गए थे और दिख नहीं रहे थे। भूटान के राजा खड़े हुए, लेकिन PM ने खड़े होने की जहमत नहीं उठाई।

9. अंतिम संस्कार स्थल बहुत तंग और अव्यवस्थित था। जुलूस में शामिल कई लोगों के लिए कोई जगह नहीं थी।

तस्वीरों में मनमोहन सिंह का अंतिम सफर

सेना के तोप वाहन पर मनमोहन सिंह की पार्थिव देह को निगमबोध घाट लाया गया।

सेना के तोप वाहन पर मनमोहन सिंह की पार्थिव देह को निगमबोध घाट लाया गया।

राहुल गांधी शव यात्रा के साथ ही निगमबोध घाट तक आए।

राहुल गांधी शव यात्रा के साथ ही निगमबोध घाट तक आए।

मनमोहन सिंह के परिवार के साथ राहुल गांधी।

मनमोहन सिंह के परिवार के साथ राहुल गांधी।

निगमबोध घाट पर मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देते राहुल गांधी।

निगमबोध घाट पर मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देते राहुल गांधी।

मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान राष्ट्रपति मुर्मु, पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ और गृह मंत्री शाह (दाएं से बाएं)।

मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान राष्ट्रपति मुर्मु, पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ और गृह मंत्री शाह (दाएं से बाएं)।

अंतिम संस्कार से पहले मनमोहन की पार्थिव देह को 21 गन सैल्यूट दिए गए।

अंतिम संस्कार से पहले मनमोहन की पार्थिव देह को 21 गन सैल्यूट दिए गए।

राहुल ने पूर्व पीएम के पार्थिव शरीर को कंधा दिया।

राहुल ने पूर्व पीएम के पार्थिव शरीर को कंधा दिया।

आखिरी अरदास के बाद मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार की तस्वीर।

आखिरी अरदास के बाद मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार की तस्वीर।

पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह।

पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह।

अंतिम संस्कार के बाद प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करतीं मनमोहन की बेटी दमन सिंह।

अंतिम संस्कार के बाद प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करतीं मनमोहन की बेटी दमन सिंह।

डॉ. सिंह के स्मारक को लेकर विवाद बढ़ा

कांग्रेस की तरफ से मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जमीन नहीं देने के आरोप पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को कहा- डॉ. सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित कर दी गई। इसके बारे में उनके परिवार को भी जानकारी दे दी गई है। हालांकि नड्‌डा ने यह नहीं बताया कि जमीन कहां दी गई है।

नड्‌डा ने कहा- राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे नेता मनमोहन सिंह के निधन पर भी राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को जीवित रहते हुए कभी सम्मान नहीं दिया, और अब उनके सम्मान के नाम पर राजनीति कर रही है।

27 दिसंबर को खड़गे ने स्मारक के लिए जमीन मांगी थी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार की शाम को पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था। कहा था कि डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार जहां हो वहीं स्मारक बनाया जाए। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक डॉ. सिंह की पत्नी गुरशरण कौर भी यही चाहती थीं।

इस पर गृह मंत्रालय ने कहा था, ‘अंतिम संस्कार के लिए निगमबोध घाट चुना गया है। स्मारक दिल्ली में बनेगा। इसके लिए उचित जगह तलाशी जाएगी और ट्रस्ट बनेगा। प्रक्रिया में समय लगेगा।’

कांग्रेस ने X पर खड़गे का लेटर शेयर किया…

खड़गे ने PM मोदी को लेटर लिखा। इसे कांग्रेस ने अपने X हैंडल पर शेयर किया।

खड़गे ने PM मोदी को लेटर लिखा। इसे कांग्रेस ने अपने X हैंडल पर शेयर किया।

कांग्रेस ने कहा- यह पहले सिख PM का अपमान

  • गृह मंत्रालय के जवाब के बाद कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा- सरकार स्मारक बनाने के लिए जमीन तक नहीं तलाश पाई। ये देश के पहले सिख PM का अपमान है।
  • प्रियंका गांधी ने डॉ. सिंह का स्मारक शक्ति स्थल (इंदिरा गांधी का स्मारक) या वीरभूमि (राजीव गांधी का स्मारक) के पास बनाने का सुझाव दिया।
  • अरविंद केजरीवाल ने कहा, ये खबर सुनकर मैं स्तब्ध हूं। मनमोहन के अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए बीजेपी सरकार 1000 गज जमीन भी न दे सकी। अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार राजघाट पर किया जाता था।
  • भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ‘कांग्रेस ने डॉ. सिंह को कभी सम्मान नहीं दिया। आज उनके निधन के बाद भी राजनीति कर रही है।’
  • भाजपा प्रवक्ता सीआर केसवन ने कहा, ‘UPA सरकार ने नरसिम्हा राव जी के लिए दिल्ली में कभी कोई स्मारक नहीं बनाया। पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में भी नहीं रखा। PM मोदी ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया।’

भाजपा बोली- स्मारक बनाने की प्रक्रिया में समय लगता है सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बताया है कि भूमि अधिग्रहण, ट्रस्ट के गठन जैसी प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद जो भी समय लगेगा, वह काम उचित तरीके से और जल्द से जल्द किया जाएगा।

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस ने डॉ. सिंह को कभी सम्मान नहीं दिया। आज उनके निधन के बाद भी राजनीति कर रही है। डॉ. सिंह 10 साल तक PM पद संभालने वाले नेहरू-गांधी परिवार के बाहर पहले प्रधानमंत्री थे। आज दुख की इस घड़ी में राजनीति से बचना चाहिए। PM मोदी की सरकार ने दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर सभी नेताओं को सम्मान दिया है।

स्मारक विवाद पर 4 नेताओं के केंद्र से सवाल

  • अखिलेश यादव: पूर्व प्रधानमंत्री के संदर्भ में सम्मान की परंपरा का निर्वहन होना चाहिए। भाजपा अनुचित उदाहरण पेश न करे।
  • संजय सिंह: सिख समाज से आने वाले एकमात्र प्रधानमंत्री को अंतिम संस्कार के लिए राजघाट के पास जगह न देना सरकार की छोटी सोच को दिखाता है।
  • सुखबीर सिंह बादल: डॉ. सिंह के स्मारक के लिए स्थान राजघाट होना चाहिए। अतीत में अपनाई गई स्थापित प्रथा और परंपरा को ध्यान में रखना चाहिए।

वाजपेयी का अंतिम संस्कार राजघाट पर हुआ, वहीं स्मारक भी बना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 16 अगस्त 2018 को निधन हो गया था। 18 अगस्त 2018 को राष्ट्रीय स्मृति स्थल राजघाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। 25 दिसंबर 2018 को राजघाट की 1.5 एकड़ जमीन पर अटल बिहारी वाजपेयी का स्मारक बना।

मनमोहन देश के पहले सिख PM, सबसे लंबे समय तक इस पद पर रहने वाले चौथे नेता डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया था। वे 92 साल के थे। वे लंबे समय से बीमार थे। घर पर बेहोश होने के बाद उन्हें रात 8:06 बजे दिल्ली AIIMS लाया गया था। हॉस्पिटल बुलेटिन के मुताबिक, रात 9:51 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली।

मनमोहन सिंह, 2004 में देश के 14वें प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने मई 2014 तक इस पद पर दो कार्यकाल पूरे किए थे। वे देश के पहले सिख और सबसे लंबे समय तक रहने वाले चौथे प्रधानमंत्री थे।

उनके निधन पर केंद्र ने 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे बेलगावी से गुरुवार देर रात दिल्ली पहुंचने के बाद सीधे मनमोहन सिंह के आवास गए थे।

राहुल ने X पर लिखा- मैंने अपना मार्गदर्शक और गुरु खो दिया। कांग्रेस ने 3 जनवरी तक अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।

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