जितेन्द्र मिश्रा | उन्नाव4 मिनट पहले
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अमृत सरोवर तालाबों में पानी नहीं है।
लाखों रुपये की लागत से ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के उद्देश्य से मनरेगा के तहत बनाए गए अमृत सरोवर अब खुद ही पानी को तरस रहे हैं। उन्नाव जनपद के सिकंदरपुर कर्ण ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले कोलुहागाड़ा और रिठनई गांव में अमृत सरोवर तालाब सूखे पड़े हैं। इससे न सिर्फ पशु-पक्षियों की प्यास अधूरी रह जाती है, बल्कि ग्रामीणों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इन तालाबों को कई महीने पहले मनरेगा के तहत लाखों रुपये खर्च कर बनाया गया था। निर्माण के समय उम्मीद जताई गई थी कि ये सरोवर जल स्रोत के रूप में काम आएंगे और पशु-पक्षियों को राहत मिलेगी। लेकिन आज स्थिति यह है कि तालाबों में एक बूंद पानी तक नहीं है।
ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण के बाद से अब तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी या ग्राम प्रधान ने इन तालाबों की सुध नहीं ली है। बरसात से पहले भी तालाबों में पानी भरवाने की कोई पहल नहीं की गई।कोलुहागाड़ा गांव के निवासी रामसेवक कहते हैं, “तालाब तो बनवा दिए गए, लेकिन उनमें पानी कब आएगा, इसका कोई जवाब नहीं देता। पशु-पक्षी दिन भर इधर-उधर भटकते हैं और लौटते हैं प्यासे।”
पानी भरवाए जाने की कही बात वहीं रिठनई की महिला ग्रामीण सुशीला बताती हैं, “गर्मी में जब हर बूंद कीमती हो जाती है, तब ये सूखे तालाब परेशानी को और बढ़ा रहे हैं।” उन्नाव की मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) IAS कृति राज ने बताया कि, “अमृत सरोवर तालाबों में पानी भरवाया जा रहा है, और जिन गांवों में तालाब अभी सूखे हैं, वहां भी जल्द पानी भरवाया जाएगा। इस पर कार्रवाई की जा रही है।”