मनेंद्रगढ़ की दो बेटियों ने सांसारिक मोह माया छोड़कर जैन धर्म में दीक्षा लेने का निर्णय लिया है। अंशिका सुराणा और स्नेहा सुराणा की दीक्षा का समारोह 20 अप्रैल को राजस्थान के बीकानेर में आयोजित किया जाएगा।
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इस अवसर पर ओसवाल भवन में दोनों बहनों का दीक्षा पूर्व अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में स्थानीय समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और दोनों बहनों को आशीर्वाद दिया।
मनेंद्रगढ़ की दो बेटियों लेंगी दीक्षा
परिवार वाले भावुक हुए
इस दीक्षा से पहले अंशिका सुराणा और स्नेहा सुराणा का परिवार भावुक हो गया। अभिनंदन कार्यक्रम के दौरान परिवार की आंखें नम हो गई। इस अवसर पर समाज ने गौरव महसूस किया।
दोनों बहनों के पिता नरेंद्र सुराणा ने कहा कि एक पिता के लिए अपने बेटियों का यह फैसला स्वीकार करना बेहद कठिन होता है। उसके बावजूद यह भी सच है कि दीक्षा लेना संसार का सबसे पवित्र और श्रेष्ठ मार्ग है।
‘धर्म और भक्ति के प्रति अटूट आस्था’
जैन समाज के अध्यक्ष पंकज जैन ने कहा कि इन दोनों बहनों ने अपने त्याग और वैराग्य से समाज में मिसाल कायम की है। यह फैसला उनकी धर्म और भक्ति के प्रति अटूट आस्था को दर्शाता है।
दीक्षा समारोह से पहले इस तरह का अभिनंदन समारोह आयोजित करना जैन परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह समारोह दीक्षार्थी के जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है।