Sunday, January 19, 2025
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मप्र के कर्मचारियों ने वेतनमान को लेकर उठाए सवाल: बोले- महंगाई बराबर, फिर केंद्र और राज्य में वास्तविक वेतन बढ़ोतरी में अंतर क्यों? – Indore News



मध्यप्रदेश में आठवां वेतनमान लागू होने में तीन साल लगने की संभावना जताई जा रही है। केंद्र के आदेश के बाद राज्य में नए आयोग के गठन का फैसला होगा। इसके बाद राज्य कर्मचारियों का 15 फीसदी वेतन बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस संबंध में संविधा कर्मचारी-

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राठौर का कहना है कि वास्तविकता यह है कि केंद्र और राज्य का जो वेतनमान होता है उसमें काफी अंतर होता है, जबकि महंगाई तो केंद्र और राज्य दोनों में समान ही होती है। हमारी मांग है कि केंद्र और राज्य का वेतनमान समान हो और इसमें दो-तीन साल की देरी न लगे। पिछले वेतन आयोगों के समय यही समस्या रही है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को तुरंत लाभ मिल जाता है, जबकि राज्य के कर्मचारियों को लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ती है। राज्य सरकार को पहले आयोग का गठन करना होगा, उसकी सिफारिशों का इंतजार करना होगा और फिर उन्हें लागू करने की प्रक्रिया शुरू होगी।

पांच से 11 हजार तक बढ़ सकता है वेतन

वास्तविकता यह है कि केंद्र और राज्य का जो वेतनमान होता है उसमें काफी अंतर होता है, जबकि महंगाई तो केंद्र और राज्य दोनों में समान ही होती है। राठौर ने कहा- हमारी मांग है कि केंद्र और राज्य का वेतनमान समान हो और इसमें दो-तीन साल की देरी न लगे। दरअसल, सातवें वेतन आयोग ने भी डेढ़ साल बाद अपनी सिफारिशें केंद्र सरकार को दी थी। मप्र के वित्त विभाग के सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय कैबिनेट इन सिफारिशों को मंजूरी देगी, उसके बाद राज्य सरकार इन्हें लागू करने का फैसला करेगी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को खत्म हो रहा है। 1 जनवरी 2026 से आठवें वेतन आयोग का कार्यकाल शुरू होगा। राज्य सरकार ने सातवें वेतनमान में 14 प्रतिशत की वृद्धि की थी, इस बार यह बढ़कर 15 प्रतिशत तक हो सकती है। ऐसा हुआ तो द्वितीय श्रेणी से लेकर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की सैलरी 5 से 11 हजार रुपए तक बढ़ सकती है।केंद्र सरकार के इस ऐलान के बाद मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारी भी इंतजार कर रहे हैं कि जो आयोग बनेगा, वो क्या सिफारिश करता है? हालांकि, मप्र के कर्मचारियों को 8वें वेतनमान का फायदा मिलने में करीब 3 साल का वक्त लगेगा क्योंकि केंद्रीय आयोग को अपनी सिफारिश देने में ही डेढ़ से दो साल लग जाएंगे।



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