राज्य शिक्षा केंद्र निजी स्कूलों में राइट टू एजुकेशन (RTE) के माध्यम से प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले एक लाख 66 हजार 751 बच्चों के भविष्य का फैसला गुरुवार को लॉटरी के माध्यम से किया गया। ऑनलाइन लॉटरी से कुल 83,483 बच्चों को निजी स्कूलों में निशुल्क प
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राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक हरजिंदर सिंह ने आरटीई के तहत ऑनलाइन लॉटरी का बटन क्लिक कर इस प्रक्रिया की शुरुआत की। इस पूरे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण राज्य शिक्षा केंद्र के यूट्यूब चैनल पर किया गया।
43 हजार बालक और 40 हजार बालिकाएं राज्य शिक्षा केंद्र से मिले आंकड़ों के अनुसार, दस्तावेज सत्यापन के बाद कुल 1 लाख 66 हजार 751 बच्चे लॉटरी के लिए पात्र थे। इनमें से 83,483 बच्चों को स्कूल आवंटित किए गए हैं। आवंटित बच्चों में 43,363 बालक और 40,120 बालिकाएं शामिल हैं।
श्रेणी | सत्यापन उपरांत कुल पात्र आवेदन | आवंटन वाले बच्चों की संख्या |
बीपीएल | 61 | 57 |
वनग्राम के पट्टाधारी परिवारों के बच्चे | 92 | 51 |
एचआईवी पॉजिटिव परिवारों के बच्चे | 7 | 2 |
अन्य बच्चे | 5 | 3 |
कोविड के दौरान अनाथ हुए बच्चे | 7 | 7 |
अनुसूचित जाति | 43,383 | 23,266 |
अनुसूचित जनजाति | 10,312 | 5,839 |
विमुक्त जाति | 868 | 491 |
आगे की प्रक्रिया:
- जिन बच्चों को स्कूल आवंटित हुए हैं, उन्हें उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से भी सूचना भेजी जा रही है।
- चयनित बच्चे 2 जून से 10 जून 2025 तक अपने आवंटित स्कूलों में जाकर प्रवेश ले सकेंगे।
- इन बच्चों की फीस राज्य सरकार द्वारा नियमानुसार सीधे स्कूल के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर की जाएगी।
पारदर्शी व्यवस्था में मध्यप्रदेश अग्रणी संचालक हरजिंदर सिंह ने बताया कि देश भर में आरटीई के तहत ऑनलाइन लॉटरी सिस्टम अपनाने वाला मध्य प्रदेश एक अग्रणी राज्य है। इस व्यवस्था से अभिभावकों को अपने क्षेत्र के स्कूल और उनमें उपलब्ध सीटों की जानकारी आसानी से मिल जाती है। ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से उनके बच्चों को स्कूल में सीट आवंटित हो जाती है।
सबसे ज्यादा बच्चे नर्सी कक्षा में
- नर्सरी कक्षा: 54,038 बच्चें
- केजी-1: 22,799 बच्चें
- कक्षा पहली: 6,646 बच्चें