भोपाल ईसाई समुदाय ने इस वर्ष के एडवेंट(आगमन काल के तीसरे रविवार) को विशेष उत्साह और आध्यात्मिक जोश के साथ मनाया। शहर के 40 कैथोलिक चर्च की बीएसएसएस कॉलेज में कैरोल सिंगिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया। विभिन्न चर्चों के प्रतिभागियों ने प्रभु यीशु के आगम
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चर्चों में इस दिन को और भी खास बनाने के लिए आगमन पुष्पमाला की तीसरी मोमबत्ती, गुलाबी रंग की प्रज्ज्वलित की गई। यह मोमबत्ती अन्य बैंगनी मोमबत्तियों से अलग है, जो तपस्या और आत्म-प्रशोधन का प्रतीक हैं। गुलाबी मोमबत्ती के जलाने से चर्चों में खुशी और आशा का वातावरण बन गया, जो इस खास दिन की महत्वता को दर्शाता है।
भोपाल के प्रमुख कैथोलिक गिरजाघरों जैसे सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी कैथेड्रल, असम्प्शन चर्च, इन्फेंट जीजस श्राइन, होली फैमिली चर्च और अवर लेडी ऑफ लूर्डेस चर्चों में श्रद्धालु बड़ी संख्या में एकत्रित हुए। भजन गायन, प्रार्थनाएं और क्रिसमस के असली अर्थ पर चिंतन करने के लिए इन चर्चों में भावनाओं का आदान-प्रदान हुआ।

आध्यात्मिक नवीनीकरण के इस दिन को मुख्य रूप से मसीह के प्रति विश्वास को मजबूत करने और आत्मनिरीक्षण के लिए समर्पित किया गया। कई चर्चों में माफी संस्कार भी आयोजित किए गए, जहां श्रद्धालुओं ने ईश्वर से क्षमा प्राप्त कर अपने रिश्ते को पुनः सुदृढ़ किया। बाइबिल के पाठ और प्रवचन ने आगमन काल के संदेश को और भी गहरे से समझने में मदद की।
फादर अल्फ्रेड डिसूज़ा ने बताया कि इस दिन की खासियत सिर्फ प्रार्थनाओं तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि इस अवसर पर शहर के विभिन्न चर्चों में कैरोल सिंगिंग प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया। महिलाओं के लिए आशा निकेतन कैंपस में और बीएसएसएस कॉलेज सभागार में इंटर चर्च कैरोल सिंगिंग प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें लोगों ने खुशी-खुशी भाग लिया। आने वाले दिनों में भी इस पर्व के अवसर पर और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो सामूहिक उत्सव और धार्मिक भावना को बढ़ावा देंगे।