Sunday, June 8, 2025
Sunday, June 8, 2025
Homeविदेशमस्क का स्पेसक्राफ्ट स्पेस स्टेशन पहुंचा: रूस और अमेरिका के एस्ट्रोनॉट...

मस्क का स्पेसक्राफ्ट स्पेस स्टेशन पहुंचा: रूस और अमेरिका के एस्ट्रोनॉट सवार थे, सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को लेकर वापस लौटेगा


1 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
स्पेस स्टेशन पहुंचने पर दोनों एस्ट्रोनॉट का अन्य  एस्ट्रोनॉट ने गले लगाकार स्वागत किया। - Dainik Bhaskar

स्पेस स्टेशन पहुंचने पर दोनों एस्ट्रोनॉट का अन्य एस्ट्रोनॉट ने गले लगाकार स्वागत किया।

अरबपति इलोन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट रविवार को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंच गया है। इस स्पेसक्राफ्ट में रूसी एस्ट्रोनॉट ​​​​अलेक्जेंडर गोरबुनोव और NASA के एस्ट्रोनॉट निक हेग सवार थे। स्पेसक्राफ्ट को लेकर रॉकेट फाल्कन 9 से शनिवार ​​दोपहर फ्लोरिडा को केप कैनावेरल लॉन्च पैड उड़ान भरी थी।

ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर 5 जून से फंसी भारतीय मूल की एस्ट्रोनोट्स ​​सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा। चार सीट वाले इस रॉकेट में दो सीटें खाली छोड़ी गई हैं।

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर इसी साल 5 जून को बोइंग के नए स्टारलाइनर कैप्सूल से ISS भेजे गए थे।

दोनों को 13 जून को वापस आना था, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी के कारण उनकी वापसी टल गई थी।

दोनों को 13 जून को वापस आना था, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी के कारण उनकी वापसी टल गई थी।

116 दिन से स्पेस में फंसे सुनीता और बुच विल्मोर सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर इसी साल 5 जून को बोइंग के नए स्टारलाइनर कैप्सूल से ISS भेजे गए थे। दोनों को वहां 29 सितंबर तक 116 दिन हो चुके हैं।

NASA चीफ ने 24 अगस्त बताया था कि सुनीता विलियम्स और बुच 6 महीने बाद फरवरी 2025 तक धरती पर लौटेंगे। NASA ने माना था कि एस्ट्रोनॉट्स को बोइंग के नए स्टारलाइनर कैप्सूल में लाना खतरनाक हो सकता है।

नासा ने बताया था कि सुनीता और बुच विल्मोर फरवरी में इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से लौटेंगे।

सुनीता और विलमोर को स्पेस स्टेशन पर क्यों भेजा गया था सुनीता और बुश विलमोर बोइंग और NASA के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे। इसमें सुनीता, स्पेसक्राफ्ट की पायलट थीं। उनके साथ गए बुश विलमोर इस मिशन के कमांडर थे। दोनों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में 8 दिन रुकने के बाद वापस पृथ्वी पर आना था।

लॉन्च के समय बोइंग डिफेंस, स्पेस एंड सिक्योरिटी के प्रेसिडेंट और CEO टेड कोलबर्ट ने इसे स्पेस रिसर्च के नए युग की शानदार शुरुआत बताया था। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता साबित करना था।

एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे। सुनीता और विलमोर पहले एस्ट्रोनॉट्स हैं जो एटलस-वी रॉकेट के जरिए स्पेस ट्रैवेल पर भेजे गए। इस मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअली भी उड़ाना था। फ्लाइट टेस्ट से जुड़े कई तरह के ऑब्जेक्टिव भी पूरे करने थे।

खबरें और भी हैं…



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular